बेंगलुरु : जैव प्रौद्योगिकी उद्योग की दिग्गज किरण मजूमदार शॉ ने कहा कि कोविड-19 की वैक्सीन जब भी आए, देश की बड़ी आबादी के टीकाकरण के लिए भारत को तत्काल अपनी टीकाकरण रणनीति बना लेनी चाहिए. उन्होंने कहा कि यदि सरकार यह सुनिश्चित करे कि सबसे अधिक जोखिम वाली कम से कम 20 फीसदी आबादी का टीकाकरण किया जाए, तो हम वायरस पर नियंत्रण पा सकते हैं. इसके साथ ही, मजूमदार-शॉ ने यह भी कहा कि भारत की 20 फीसदी आबादी का अर्थ है 20 से 30 करोड़ लोग, जो एक बड़ी संख्या है.
बायोकॉन लिमिटेड की कार्यकारी अध्यक्ष ने एक साक्षात्कार में कहा कि वैक्सीन के बारे में सही अनुमान लगाना मुश्किल है. वैसे इस साल के अंत से लेकर अगले साल के मध्य तक इसके आने का अनुमान है. उन्होंने कहा कि कुछ वैक्सीन कार्यक्रमों ने क्लीनिकल परीक्षण का तीसरा चरण शुरू किया है, जबकि पहले और दूसरे चरण के मिलेजुले नतीजे देखने को मिले हैं.
उन्होंने कहा कि इस बारे में कुछ भी पक्का नहीं है और अमेरिका से आई रिपोर्ट के मुताबिक हर व्यक्ति को वैक्सीन की दो खुराकें लेनी होंगी यानी ये सस्ती नहीं होगी. उन्होंने सवाल किया कि क्या सरकार इसकी लागत वहन करेगी? उन्होंने कहा कि इस संबंध में दवा अर्थव्यवस्था के नजरिए और प्रतिरक्षात्मक तर्क पर गौर करना होगा तथा दोनों के बीच एक संतुलन बनाना होगा.
उन्होंने कहा कि इतने कम समय में 130 अरब लोगों के देश का टीकाकरण नहीं किया जा सकता और इसलिए महामारी विशेषज्ञों को एक मॉडल विकसित करना होगा कि शुरुआत में कम से कम कितने लोगों को टीका लगाना जरूरी होगा. उन्होंने कहा कि भले ही वैक्सीन तैयार करने वाली कंपनियां एक अरब खुराक बनाने जा रही हों, लेकिन ऐसा एक महीने में नहीं किया जा सकता.
उन्होंने कहा कि आप हर महीने अधिकतम आठ करोड़ से 10 करोड़ तक खुराक बना सकते हैं. ऐसे में वे पहले 10 करोड़ लोग कौन होंगे, जिन्हें वैक्सीन दी जाएगी. इस तरह से हमें योजना बनानी होगी. मजूमदार-शॉ ने कहा कि अगर भारत बायोटेक की वैक्सीन या जाइडस कैडिला की वैक्सीन के आशाजनक परिणाम दिखते हैं, तो हम इस साल के अंत तक वैक्सीन बनाना शुरू कर सकते हैं.
कोरोना वायरस संक्रमण के बारे में उन्होंने कहा कि पूर्वानुमानों में कहा जा रहा है कि अगले दो-ढाई महीनों से चार महीनों में यह देश के विभिन्न हिस्सों में अपने चरम पर होगा. साल के अंत तक यह देश के सभी हिस्सों में अपने चरम स्तर को छू चुका होगा. उन्होंने कहा कि लेकिन इसके बाद लोगों को संक्रमण की अगली लहर के बारे में पता नहीं है और यही असली चिंता की बात है.
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Posted By : Vishwat Sen
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