14.3 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Kotak Mahindra Bank: उदय कोटक के बेटे नहीं बनेंगे बैंक के CEO, जानिए किसके नाम पर लगने वाली है मुहर

Kotak Mahindra Bank: आप सोच रहें हैं कि उदय कोटक अपने बाद अपने बेटे जॉय कोटक को पद का उत्‍तराध‍िकारी बनाने वाले हैं तो आप बहुत गलत सोच रहे हैं. इसे लेकर बैंक के फुलटाइम निदेशक मणियन ने एक इंटरव्‍यू में बताया था कि जॉय कोटक अभी काफी युवा हैं.

Kotak Mahindra Bank: कोटक महिंद्रा बैंक के प्रबंध निदेशक (MD) एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) पद से संस्थापक उदय कोटक के अलग होने के बाद इस पद पर नये व्यक्ति की तलाश की जा रही है. हालांकि, आप सोच रहें हैं कि उदय कोटक अपने बाद अपने बेटे जॉय कोटक को पद का उत्‍तराध‍िकारी बनाने वाले हैं तो आप बहुत गलत सोच रहे हैं. इसे लेकर बैंक के फुलटाइम निदेशक मणियन ने एक इंटरव्‍यू में बताया था कि जॉय कोटक अभी काफी युवा हैं. उन्हें योग्यता के आधार पर आगे बढ़ने के लिए अभी और काम करना होगा. उदय कोट के इस्तीफा के बाद कंपनी के दो पूर्णकालिक निदेशक के वी एस मणियन एवं शांति एकंबरम इस शीर्ष पद की दौड़ में शामिल हैं.

कार्यकाल खत्म होने के पहले कोटक ने दिया इस्तीफा

उदय कोटक ने अपना कार्यकाल समाप्त होने से चार महीने पहले ही एक सितंबर को कोटक महिंद्रा बैंक के एमडी एवं सीईओ का पद छोड़ दिया है. बैंक के एमडी एवं सीईओ पद से हटने के बाद कोटक बैंक के गैर-कार्यकारी निदेशक बन गए हैं. उनकी बैंक में 26 प्रतिशत हिस्सेदारी है. नए मुखिया को एक जनवरी, 2024 या उसके पहले अपना कार्यभार संभालना होगा. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) जल्द ही निजी क्षेत्र के इस बैंक के नए मुखिया की नियुक्ति पर कोई फैसला करेगा. हालांकि, शीर्ष पद पर कोई फैसला न होने तक बैंक के संयुक्त प्रबंध निदेशक दीपक गुप्ता 31 दिसंबर, 2023 तक अंतरिम तौर पर बैंक के एमडी एवं सीईओ का दायित्व निभाते रहेंगे. हालांकि, गुप्ता की इस नियुक्ति को आरबीआई की मंजूरी मिलनी अभी बाकी है.

बैंक का उत्तराधिकार मेरे दिमाग में सबसे महत्वपूर्ण: उदय

सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर उदय कोटक ने कहा था कि कोटक महिंद्रा बैंक का उत्तराधिकार मेरे दिमाग में सबसे महत्वपूर्ण है. इसकी वजह यह है कि हमारे चेयरमैन, खुद मुझे और संयुक्त प्रबंध निदेशक को साल के अंत तक पद छोड़ना होगा. मैं यह सुनिश्चित करने के लिए उत्सुक हूं. कोटक ने इस बदलाव की शुरुआत सीईओ पद स्वेच्छा से छोड़ने की घोषणा के साथ की थी. उन्होंने कहा कि था कि बैंक को प्रस्तावित उत्तराधिकारी के नाम पर आरबीआई की मंजूरी मिलने का इंतजार है. कोटक महिंद्रा बैंक के संस्थापक कोटक ने एक बार कहा था कि मैंने जेपी मॉर्गन और गोल्डमैन साक्स जैसे संस्थानों को वित्तीय जगत पर दबदबा बनाते हुए देखा था और भारत में भी ऐसी एक संस्था बनाने का सपना देखा था. मैंने इसी सपने के साथ 38 साल पहले तीन कर्मचारियों के साथ कोटक महिंद्रा की शुरुआत की थी. उन्होंने कहा था कि कोटक महिंद्रा बैंक अब एक प्रतिष्ठित बैंक एवं वित्तीय संस्थान है जो भरोसे और पारदर्शिता के बुनियादी सिद्धांतों पर बनाया गया है.

तीन कर्मचारियों के साथ शुरू किया था बैंक

कोटक महिंद्र के पूर्व सीईओ उदय कोटक ने 38 साल पहले तीन कर्मचारियों के साथ कोटक महिंद्रा की शुरुआत की थी, जो आज एक प्रतिष्ठित बैंक और वित्तीय संस्थान है. उन्होंने कहा कि हमने अपने हितधारकों के लिए मूल्य तैयार किया है और एक लाख से अधिक प्रत्यक्ष नौकरियां दी हैं. वर्ष 1985 में हमारे साथ 10,000 रुपये का निवेश आज लगभग 300 करोड़ रुपये का होगा. मुझे विश्वास है कि यह भारतीय स्वामित्व वाली संस्था भारत को एक सामाजिक और आर्थिक महाशक्ति बनाने के लिए आगे भी अपनी भूमिका निभाती रहेगी. कोटक ने बैंक के चेयरमैन प्रकाश आप्टे को हाथ से लिखे एक संदेश में कहा कि अब आगे बढ़ने का समय आ गया है और अपने कार्यकाल की समाप्ति से तीन महीने पहले इस्तीफा देने का निर्णय इस प्रक्रिया को क्रमबद्ध तरीके से पूरा करने के लिए लिया गया है. आप्टे का कार्यकाल भी 31 दिसंबर 2023 को खत्म हो रहा है.

कौंन हैं उदय कोटक

उदय कोटक एक भारतीय व्यापारी है और कोटक महिंद्रा बैंक की अध्यक्ष एवं मान्यता प्राप्त वित्तीय उद्यमी हैं. वह एक समृद्ध व्यापारी और बैंकिंग क्षेत्र के प्रमुख नेता के रूप में प्रसिद्ध हैं. उदय कोटक का जन्म 15 मार्च 1959 को हुआ था, और वे गुजरात के ज़ामनगर शहर में पैदा हुए थे. उन्होंने मुंबई में स्नातक की डिग्री प्राप्त की और फिर चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) बनने के बाद वित्तीय क्षेत्र में करियर की शुरुआत की. उदय कोटक ने 2003 में कोटक महिंद्रा बैंक की स्थापना की, जिसे वे अब भी अध्यक्ष के रूप में सेवा कर रहे हैं. कोटक महिंद्रा बैंक भारतीय वित्तीय बाजार में महत्वपूर्ण स्थान रखता है और यह एक प्रमुख निजी बैंक है जिसमें विभिन्न वित्तीय सेवाएं प्रदान की जाती हैं. उदय कोटक को वित्तीय क्षेत्र में उनके योगदान के लिए कई पुरस्कार भी प्राप्त हुए हैं, और वे भारतीय व्यवसायिक समुदाय के महत्वपूर्ण सदस्य माने जाते हैं.

क्रिकेटर बनना चाहते थे कोटक महिंद्र

उदय महिंद्रा 1970 के दशक में मुंबई में पले-बढ़े उदय कोटक एक क्रिकेटर बनना चाहते थे. उन्होंने महान कोच रमाकांत आचरेकर से प्रशिक्षण लिया. हालांकि फील्ड में लगी चोट के कारण उन्हें वित्त की ओर रुख करना पड़ा. उन्होंने 1985 में कोटक कैपिटल मैनेजमेंट फाइनेंस लिमिटेड नामक एक फाइनेंस फर्म शुरूआत की. उन्होंने 2003 में इसे एक बैंक में बदल दिया. उदय ने अपना वित्त और बिल डिस्काउंटिंग व्यवसाय परिवार और दोस्तों से उधार ली गई प्रारंभिक पूंजी से शुरू किया. निवेश का बड़ा हिस्सा उनके सबसे अच्छे दोस्त आनंद महिंद्रा ने दिया इसलिए बैंक का नाम कोटक महिंद्रा रखा गया. 23 साल की उम्र में, उदय कोटक ने एक वित्तीय परामर्श कंपनी कोटक कैपिटल मैनेजमेंट फाइनेंस लिमिटेड की शुरुआत की, जो बाद में कोटक महिंद्रा फाइनेंस लिमिटेड बन गई.

जमनालाल बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज से की है पढ़ाई

मुंबई में पले बढ़े उदय कोटक की शिक्षा भी वहीं से हुई है. उन्होंने जमनालाल बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज से कॉमर्स में स्नातक की डिग्री और एमएमएस की डिग्री है. वर्तमान में उनके पास बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र में 35 वर्षों से अधिक का अनुभव है. उदय कोटक की शादी पल्लवी कोटक से हुई है. इनके दो बच्चे हैं और वे मुंबई में रहते हैं.

Also Read: Hero Motocorp के चेयरमैन कौन हैं पवन मुंजाल, कैसे उन्हें 40 देशों तक फैलाया कारोबार, जानें पूरी कहानी

देश में सबसे पहले NBFC को मिला बैंक का दर्जा

कोटक महिंद्रा स्थापना के बाद से लगातार ऊंचाइयों की तरफ बढ़ता रहा. इसका नतीजा ये रहा कि 22 मार्च 2003 को, कोटक महिंद्रा फाइनेंस लिमिटेड को भारतीय रिजर्व बैंक से बैंकिंग लाइसेंस मिल गया. भारत के बैंकिंग कॉर्पोरेट के इतिहास में ये पहली बार था कि किसी एनबीएफसी को गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी को आरबीआई के द्वारा बैंकिंग का लाइसेंस दिया गया. 2014 में, कोटक ने अपने छोटे बिल-डिस्काउंटिंग व्यवसाय को वित्तीय सेवा समूह में बदल दिया और 1270 से अधिक शाखाओं के साथ बाजार पूंजीकरण द्वारा भारत में दूसरा सबसे बड़ा अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक बन गया.

Also Read: Reliance की जियो फाइनेंशियल सर्विसेज को लेकर आया बड़ा अपडेट, बीएसई ने सर्किट सीमा बढ़ाकर 20 प्रतिशत की

दिसंबर में रिटायर होने वाले थे उदय कोटक

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के नियम के अनुसार, प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी के अधिकतम कार्यकाल की सीमा 15 वर्ष तय की गयी है. इसके कारण उदय कोटक को दिसंबर में रिटायर होना था. मगर, उन्होंने तीन महीने पहले ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया. इस्तीफे के बाद, उदय कोटक ने घोषणा की कि वह बैंक के बोर्ड में एक गैर-कार्यकारी निदेशक के रुप में काम करेंगे. समझा जा रहा है कि कंपनी के नेटवर्थ में भी इस साल बढ़ोत्तरी होने की संभावना है. ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के अनुसार, कोटक की अपनी कुल संपत्ति लगभग 14.5 बिलियन डॉलर है, जिसमें से अधिकांश बैंक में उनकी 26% हिस्सेदारी से आती है.

Also Read: Uday Kotak ने दिया कोटक महिंद्रा बैंक के CEO पद से इस्तीफा, जानें देश के सबसे अमीर बैंकर की कहानी

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें