30.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

विशाखापत्तनम के गैस रिसाव वाले एलजी पॉलिमर के कारखाने में बनते हैं प्लास्टिक के यूज थ्रो पॉट्स

एलजी पॉलिमर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की विशाखापत्तनम फैक्ट्री को लॉकडाउन के बाद फिर से खोलने के लिए गुरुवार को तैयार किया जा रहा था, तभी यह दुर्घटना हुई.

नयी दिल्ली : विशाखापत्तनम में जानलेवा स्टिरीन गैस का रिसाव जिस एलजी पॉलिमर इंडिया के कारखाने से हुआ वह दक्षिण कोरिया की रसायन कंपनी एलजी केम की अनुषंगी कंपनी है. एलजी केम ने एक स्थानीय कंपनी का अधिग्रहण कर 1997 के दौरान भारत के इस क्षेत्र में कारोबार शुरू किया था. कंपनी के कारखाने से गैस रिसाव की घटना में 11 लोगों की मौत हो चुकी है तथा सैकड़ों लोग अस्पताल में भर्ती हैं. कंपनी के इस वाइजैग संयंत्र में पॉलीस्टिरीन (PS) का विनिर्माण किया जाता है, जिसका खानपान सेवा उद्योग में काफी इस्तेमाल होता है. इस रसायन का इस्तेमाल प्लास्टिक के एक बार इस्तेमाल करने वाले ट्रे और कंटेनर, बर्तन, फोम्ड कप, प्लेट और कटोरे आदि बनाने में होता है. इन्हें एक बार इस्तेमाल करने के बाद फेंक दिया जाता है.

Also Read: विशाखापत्तनम के दिल दहला देने वाले मंजर ने 1984 के भोपाल गैस त्रासदी की भयावह यादें ताजा कीं

जानकार सूत्रों के अनुसार, एलजी पॉलिमर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की विशाखापत्तनम फैक्ट्री को लॉकडाउन के बाद फिर से खोलने के लिए गुरुवार को तैयार किया जा रहा था, तभी यह दुर्घटना हुई. कंपनी के कर्मचारी परिचालन को फिर से शुरू करने की तैयारी कर रहे थे, तभी शुरुआती घंटों में गैस का रिसाव होने लगा. कहा जा रहा है कि जब रिसाव हुआ, तब स्टोरेज टैंक में करीब 1,800 टन स्टिरीन गैस थी. स्टेबिलिटी और टेंपरेचर में बदलाव के कारण स्टिरीन खुद ही पॉलीमराइजेशन हो सकता है, जिसके कारण वाष्पीकरण हो सकता है.

कंपनी की वेबसाइट के अनुसार, इसकी स्थापना श्रीराम ग्रुप के द्वारा 1961 में विशाखापत्तनम में पॉलीस्टिरीन और इसके सह-पॉलिमर निर्माण के लिए ‘हिंदुस्तान पॉलिमर’ के रूप में की गयी थी. बाद में 1978 में यूबी ग्रुप के मैकडॉवेल एंड कंपनी लिमिटेड के साथ इसका विलय हो गया. एलजी केम ने आक्रामक ग्लोबल ग्रोथ स्कीम्स के तहत भारत को महत्वपूर्ण बाजार मानते हुए जुलाई 1997 में हिंदुस्तान पॉलिमर का अधिग्रहण किया और जुलाई 1997 में इसका नाम बदलकर एलजी पॉलिमर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (एलजीपीआई) कर दिया.

आपको यह जानकर हैरानी होगी कि कारखाने को पिछले साल 222.8 अरब वॉन (18.18 करोड़ डॉलर) का राजस्व और 6.3 अरब वॉन का शुद्ध लाभ हुआ था. बिक्री के मामले में मूल कंपनी एलजी केम 2017 में दुनिया की 10वीं सबसे बड़ी रासायनिक कंपनी थी. स्टिरीन गैस एक ज्वलनशील तरल है, जिसका उपयोग पॉलीस्टिरीन प्लास्टिक, फाइबर ग्लास, रबर और लेटेक्स बनाने के लिए किया जाता है. विशाखापत्तनम कारखाने में दुर्घटना ने उद्योग में रसायनों के अनुचित रखरखाव पर सवाल खड़े कर दिये हैं और दुनिया की सबसे खराब औद्योगिक आपदा 1984 की भोपाल गैस त्रासदी की याद दिला दी है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें