20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

LIC ने लगाया बड़ा दाव, Jio Financial Services में खरीदी 6.66% हिस्सेदारी, स्टॉक 12.45 प्रतिशत लुढ़के

LIC ने रिलायंस इंडस्ट्रीज से अलग हुई जियो फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड में 6.660 प्रतिशत शेयरधारिता हासिल कर ली है. जियो फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (जेएफएसएल) का शेयर सोमवार को बाजारों में सूचीबद्ध किया गया था.

भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ने बाजार में बड़ा दाव खेला है. बीमा कंपनी ने मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाले रिलायंस समूह से अलग हुई वित्तीय सेवा इकाई जियो फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (जेएफएसएल) में 6.66 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल कर ली है. एलआईसी ने शेयर बाजार को दी जानकारी में कहा कि कंपनी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज से अलग हुई जियो फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड में 6.660 प्रतिशत शेयरधारिता हासिल कर ली है. जियो फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (जेएफएसएल) का शेयर सोमवार को बाजारों में सूचीबद्ध किया गया था. वित्तीय सेवा कंपनी का बाजार पूंजीकरण 1.60 लाख करोड़ रुपये के करीब रहा.

सूचीबद्ध के बाद शुरुआती कारोबार में 12 प्रतिशत गिरा शेयर

रिलायंस इंडस्ट्रीज से अलग हुई वित्तीय सेवा इकाई जियो फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (जेएफएसएल) का शेयर सोमवार को बाजारों में सूचीबद्धता के पहले दिन करीब पांच प्रतिशत तक गिर गया. जबकि, मंगलवार की दोपहर 1.10 बजे तक 12.45 प्रतिशत टूट गया. वहीं, सोमवार को बीएसई में कंपनी का शेयर 265 रुपये पर कारोबार शुरू किया, जो 261.85 रुपये के निर्धारित मूल्य के मुकाबले 1.20 प्रतिशत अधिक था. पिछले महीने जियो फाइनेंशियल के सूचीबद्धता मूल्य के आकलन के लिए आयोजित एक विशेष सत्र में 261.85 रुपये का मूल्य तय किया गया था. कारोबार के दौरान इसका शेयर 3.85 प्रतिशत तक गिरकर 251.75 रुपये के भाव पर आ गया जो इसका ‘लोअर सर्किट’ भी है. वहीं, एनएसई में कंपनी का शेयर 262 रुपये के भाव पर सूचीबद्ध हुआ. लेकिन बाद में यह 4.94 प्रतिशत गिरकर 248.90 रुपये की कीमत पर आ गया. सोमवार को शुरुआती कारोबार में रिलायंस की इस नई सूचीबद्ध कंपनी का बाजार मूल्यांकन 1,59,943.93 करोड़ रुपये रहा.

Undefined
Lic ने लगाया बड़ा दाव, jio financial services में खरीदी 6. 66% हिस्सेदारी, स्टॉक 12. 45 प्रतिशत लुढ़के 2

पिछले महीने हुआ था रिलायंस इंडस्ट्रीज का डीमर्जर

जेएफएसएल पिछले महीने रिलायंस से अलग हुई थी. मूल्य निर्धारण के बाद से यह ‘डमी’ के तौर पर सूचीबद्ध थी, लेकिन इसमें कोई कारोबार नहीं हो रहा था. हालांकि सोमवार को कंपनी में कारोबार शुरू होने के साथ बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी दोनों में जियो फाइनेंशियल को अतिरिक्त कंपनी के तौर पर जोड़ा गया है. इसके अलग होने के बाद रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में अधिक उतार-चढ़ाव की स्थिति रोकने के लिए ऐसा किया गया है.

20 जुलाई को हुआ था डीमर्जर

20 जुलाई को रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड का फाइनेंशियल सर्विसेज बिजनेस ‘स्ट्रैटेजिक इन्वेस्टमेंट लिमिटेड’ का डीमर्जर हुआ था. इसके लिए NSE में एक प्रोओपनिंग सेशन कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इसमें जियो फाइनेंशियल सर्विसेज का स्टॉक प्राइस 261.85 रुपये तय हुआ था. डीमर्जर के बाद रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के शेयर होल्डर्स को हर एक शेयर के बदले जियो फाइनेंशियल सर्विसेज के एक शेयर मिले थे. इस बीच कंपनी ने ब्लैकरॉक ने बाजार में 50-50 प्रतिशत हिस्सेदारी वाली एक ज्वाइंट कंपनी बनाने की घोषणा कर दी. कंपनियों की तरफ के बाजार में बताया गया है कि जेएफएस और ब्लैकरॉक दोनों ही नए उद्यम में 15-15 करोड़ डॉलर का शुरुआती निवेश करेंगी. ब्लैकरॉक के एशिया-प्रशांत प्रमुख रैचल लॉर्ड ने कहा कि जियो ब्लैकरॉक दोनों ही कंपनियों की सम्मिलित ताकत और विस्तार का इस्तेमाल करते हुए भारत के करोड़ों निवेशकों को सेवाएं देगी. जेएफएस के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी हितेश सेठिया ने दुनिया की प्रतिष्ठित परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों में शुमार ब्लैकरॉक के साथ साझेदारी को ‘रोमांचक’ बताते हुए कहा कि जियो ब्लैकरॉक सही मायने में बदलावकारी साबित होगी. दोनों कंपनियों के मिलने से निवेशकों को बड़ा फायदा होने की उम्मीद है.

कंपनी को मैनेज करेंगी ईशा अंबानी

रिलायंस स्ट्रैटेजिक इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड में बदलाव के बाद जियो फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड कंपनी तैयार हुई है. इस कंपनी को मुकेश अंबानी की बेटी ईशा अंबानी चलाएंगी. उसके साथ, पूर्व नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) राजीव महर्षि को भी कंपनी के निदेशक मंडल में शामिल किया गया है. वो पांच वर्ष के लिए स्वतंत्र निदेशक बनाये गए हैं. कंपनी में ईशा अंबानी को Non-Executive Director के रुप में नियुक्त किया गया है. इसके अलावा रियायंस के कार्यकारी अधिकारी अंशुमन ठाकुर भी Non-Executive Director बनाये गए हैं.

आरआईएल शेयर के अधिग्रहण की लागत 95.32 प्रतिशत

Reliance Industries के द्वारा डीमर्जर से पहले शेयर धारकों को सूचित किया गया कि विलय के बाद आरआईएल शेयर के अधिग्रहण की लागत लागत 95.32 प्रतिशत और आरएसआईएल शेयर के अधिग्रहण की लागत 4.68 प्रतिशत है. कंपनी के द्वारा एक्सचेंज फाइलिंग के दौरान जानकारी दी गयी कि इक्विटी शेयरों के अधिग्रहण की पूर्व-डिमर्जर लागत को इस तरीके से विभाजित करने की सलाह दी जाती है. आरएसआईएल का मतलब रिलायंस स्ट्रैटेजिक इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड है, आज से आरआईएल से अलग हो गया है. अब इसका नाम Jio Financial Services कर दिया गया है. डी-मर्जर के साथ ही जियो फाइनेंशियल सर्विसेज इस सेक्टर में भारत की पांचवीं सबसे बड़ी कंपनी बन गयी है.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें