LIC Share Price: भारतीय शेयर बाजार में सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन तूफानी तेजी देखने को मिली. तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 241.86 अंक यानी 0.34 प्रतिशत की बढ़त के साथ 71,106.96 अंक पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान एक समय यह 394.45 अंक तक चढ़ गया था. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 94.35 अंक यानी 0.44 प्रतिशत की तेजी के साथ 21,349.40 अंक पर बंद हुआ. इस बीच आज दिन में, भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का शेयर शुक्रवार को करीब चार प्रतिशत के उछाल के साथ बंद हुए. बीएसई पर दिन में कारोबार के दौरान कंपनी का शेयर 7.25 प्रतिशत बढ़कर 52 सप्ताह के उच्चतम स्तर 820.05 रुपये पर पहुंच गया था. अंत में यह 3.73 प्रतिशत की तेजी के साथ 793.10 रुपये पर बंद हुआ. एनएसई पर कंपनी का शेयर 3.62 प्रतिशत चढ़कर 792.20 रुपये पर बंद हुए. दिन में कारोबार के दौरान यह 7.39 प्रतिशत उछलकर 821 रुपये पर पहुंच गया था, जो इसका 52-सप्ताह का उच्चतम स्तर है. कंपनी का बाजार मूल्यांकन भी 18,057.88 करोड़ रुपये बढ़कर 5,01,635.57 करोड़ रुपये हो गया.
क्यों बढ़े शेयर के भाव
सरकार के एलआईसी को 10 साल के भीतर 25 प्रतिशत न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता (एमपीएस) हासिल करने की छूट देने के बाद उसके शेयरों में उछाल आया है. देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी मई, 2022 में सूचीबद्ध हुई थी. सरकार ने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के जरिए एलआईसी में 22.13 करोड़ से अधिक शेयर यानी 3.5 प्रतिशत हिस्सेदारी बेची थी. कंपनी में फिलहाल सरकार की 96.5 प्रतिशत की हिस्सेदारी है. पिछले एक महीने LIC के शेयर करीब 30 फीसदी चढ़ चुके हैं. जबकि 6 महीने में करीब 24 फीसदी की तेजी दर्ज की गई है, एक साल में 16 फीसदी की तेजी आई है. एलआईसी ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि आर्थिक मामलों के विभाग ने ‘एलआईसी को सूचीबद्धता की तारीख से 10 साल के भीतर यानी मई 2032 तक 25 प्रतिशत न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता हासिल करने को लेकर एक बारगी छूट दी है. सरकार ने इस साल की शुरुआत में नियमों में संशोधन किया था ताकि सूचीबद्ध सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों और बैंकों को निजीकरण के बाद भी जरूरत के अनुसार जनहित में 25 प्रतिशत न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारित की आवश्यकता से छूट मिले.
आईपीओ भाव अभी भी दूर
LIC के द्वारा इसी साल बाजार में आईपीओ लेकर आया गया था. इन शेयरों की लिस्टिंग 17 मई 2022 को हुई. हालांकि, लिस्टिंग के बाद से कंपनी के शेयरों में गिरावट देखने को मिली. कंपनी का शेयर बाजार में करीब 9 प्रतिशत डिस्काउंट के साथ लिस्ट हुआ. सरकार के हिस्सेदारी वाले इस आईपीओ का साइज 20,557 करोड़ रुपये था. इसे 2.95 गुना सब्सक्राइब किया गया. एलआईसी के शेयर की आईपीओ से तुलना की जाए तो फिलहाल कंपनी के शेयर 800 के आसपास है. जबकि, आईपीओ का प्राइस बैंड 902 से 949 रुपये तय किया गया था. इस गणित से साफ है कि आईपीओ में अलॉट हुए शेयर अभी भी नुकसान में है. हालांकि, पिछले छह महीने में कंपनी के शेयर 24 प्रतिशत उछलने से घाटा थोड़ा कम हुआ है.
(भाषा इनपुट के साथ)
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