नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को लाल किले के प्राचीर से 77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अगले महीने से भारत में विश्वकर्मा योजना लागू करने का ऐलान किया है. इस योजना के लिए सरकार की ओर से करीब 13,000 से 15,000 रुपये आवंटित किए जाएंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंलगवार को कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के कई समुदायों को नई ताकत देने के लिए अगले महीने विश्वकर्मा जयंती के मौके पर ‘विश्वकर्मा योजना’ आरंभ की जाएगी. उन्होंने कहा कि अगले महीने पारंपरिक कौशल वाले लोगों के लिए 13,000 से 15,000 करोड़ रुपए के आवंटन के साथ विश्वकर्मा योजना शुरू की जाएगी. बता दें कि भारत में हर साल 17 सितंबर को विश्वकर्मा पूजा की जाती है. इसके विश्वकर्मा दिवस भी कहा जाता है. केंद्र सरकार पारंपरिक कौशल रखने वाले लोगों के लिए 17 सितंबर 2023 से विश्वकर्मा योजना की शुरुआत करेगी.
लाखों व्यवसायियों और कारीगरों का होगा उत्थान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 77वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि विश्वकर्मा योजना भारत के लाखों व्यवसायियों और कारीगरों के उत्थान के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगी. प्रधानमंत्री ने कुछ पेशेवर कामों का उल्लेख करते हुए कहा कि इन कार्यों में लगे ज्यादातर लोग ओबीसी समुदाय से हैं. मोदी ने कहा कि इन लोगों को नई ताकत देने के लिए आने वाली विश्वकर्मा जयंती पर करीब 13-15 हजार करोड़ रुपये से विश्वकर्मा योजना प्रारंभ की जाएगी.
पीएम किसान के जरिए 2.5 लाख करोड़ खाते में जमा
प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में आगे कहा कि हमने पीएम किसान सम्मान निधि के माध्यम से ढाई लाख करोड़ रुपये किसानों के खाते में जमा किए हैं. हर घर में शुद्ध पानी पहुंचे, इसके लिए हमने जल जीवन मिशन पर 2 लाख करोड़ रुपये खर्च किए हैं. हमने आयुष्मान भारत योजना के तहत हमने 70 हजार करोड़ रुपये खर्च किए हैं, ताकि गरीब को दवाई मिले और उनका अच्छे से इलाज हो. हमने पशुधन को बचाने के लिए करीब-करीब 15 हजार करोड़ रुपये टीकाकरण के लिए लगाए हैं. ऐसे परिवारजन जो शहरों में रहते हैं, किराए के मकान में रहते हैं, ऐसे अगर परिवारजन जो मकान बनाना चाहते हैं, जो बैंक से लोन मिलेगा उसके ब्याज के अंदर राहत देने का निर्णय किया है.
महंगाई कम करने के लिए उठाने हैं कदम
उन्होंने कहा कि मुझे मेरे देशवासियों को महंगाई का बोझ कम से कम हो, मुझे इस दिशा में कदम उठाने हैं. मेरा प्रयास निरंतर जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि गांव-गांव तक पक्की सड़क बन रही है. हम सेमी कंडक्टर का भी निर्माण कर रहे हैं. जिसका शिलान्यास हमारी सरकार करती है, उसका उद्घाटन भी हमारे कालखंड में ही करती है. इन दिनों जो मैं शिलान्यास जो मैं कर रहा हूं, आप लिख कर रखिए उसका उदघाटन भी आप सबने मेरे नसीब में ही छोड़े हुए हैं.
जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा भारत
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज भारत को जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी का अवसर प्राप्त हुआ है. बीते वर्ष में जिस प्रकार भारत के कोने-कोने में जी20 के अनेक आयोजन हुए, उससे दुनिया को भारत के सामान्य जन के सामर्थ्य, भारत की विविधता का परिचय हुआ है.
विश्वकर्मा योजना के लिए 15 हजार करोड़ आवंटित करेगी सरकार
उन्होंने कहा कि सरकार अगले महीने पारंपरिक कौशल वाले लोगों के लिए 13,000 से 15,000 करोड़ रुपए के आवंटन के साथ विश्वकर्मा योजना शुरू करेगी. आज झुग्गी-झोपड़ी से निकले बच्चे दुनिया में पराक्रम दिखा रहे हैं. छोटे-छोटे गांव, कस्बे के नौजवान, हमारे बेटे-बेटियां आज कमाल दिखा रहे हैं. मैं देश के नौजवानों को कहना चाहता हूं, आज अवसरों की कमी नहीं है. आप जितने अवसर चाहेंगे, ये देश आसमान से ज्यादा अवसर देने का सामर्थ्य रखता है.
प्राकृतिक आपदा से अकल्पनीय संकट हुए पैदा
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि कोविड-19 महामारी के बाद एक नई विश्व व्यवस्था, एक नया भू-राजनीतिक समीकरण बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है. भू-राजनीति की परिभाषा बदल रही है. आज नई विश्व व्यवस्था को आकार देने में 140 करोड़ लोगों की क्षमता देखी जा सकती है. इस बार प्राकृतिक आपदा ने देश के अनेक हिस्सों में अकल्पनीय संकट पैदा किए. जिन परिवारों ने इस संकट को सहन किया है, मैं उन सभी परिवारों के प्रति अपनी संवेदना प्रकट करता हूं. राज्य-केंद्र सरकार मिलकर उन सभी संकटों से मुक्त होकर तेजी से विकास की ओर आगे बढ़ेंगी, ये विश्वास दिलाता हूं.
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सपने अनेक, संकल्प साफ और नीतियां स्पष्ट हैं : पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सपने अनेक हैं. संकल्प साफ है. नीतियां स्पष्ट हैं. नीयत के सामने कोई सवालिया निशान नहीं है, लेकिन कुछ सच्चाइयों को हमें स्वीकार करना होगा और उसके समाधान के लिए मेरे प्रिय परिवारजनों मैं आज लाल किले से आपकी मदद मांगने आया हूं. मैं लाल किले से आपका आशीर्वाद मांगने आया हूं. अनुभव के आधार पर मैं कह रहा हूं कि आज गंभीरतापूर्वक उन चीजों को लेना होगा. 2047 में जब देश आजादी के 100 साल मनाएगा, उस समय दुनिया में भारत का तिरंगा झंडा विकसित भारत का तिरंगा झंडा होना चाहिए. रत्ती भर भी हमें रुकना नहीं है, पीछे नहीं हटना है. शुचिता, पारदर्शिता और निष्पक्षता ये पहली मजबूती की जरूरत है. हमें उस मजबूती को जितना ज्यादा खाद पानी दे सकते हैं. संस्थाओं के नेता दे सकते हैं. ये हमारा सामूहिक दायित्व होना चाहिए.
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