नयी दिल्ली: नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा है कि रिकॉर्ड खरीफ फसल और रबी फसल की उज्ज्वल संभावनाओं को देखते हुए चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था के 10 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि करने की उम्मीद है. हालांकि, कुमार ने आगाह किया कि आपूर्ति शृंखला संबंधी बाधाओं और बढ़ती ऊर्जा कीमतों के साथ स्थायी वैश्विक आर्थिक सुधार के लिए मुद्रास्फीति एक प्रमुख जोखिम के रूप में उभर रही है.
उन्होंने नीति आयोग के न्यूजलेटर ‘अर्थनीति’ में लिखा, ‘हमें उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2021-22 में भारत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि रिकॉर्ड खरीफ फसल और रबी फसल की उज्ज्वल संभावनाओं को देखते हुए 10 प्रतिशत से अधिक होगी. इससे ग्रामीण मांग को बढ़ावा मिलेगा और क्षमता उपयोग में सुधार के साथ विनिर्माण क्षेत्र में पुनरुद्धार होगा.’
राजीव कुमार ने कहा कि निर्यात में जोरदार वृद्धि होने से आर्थिक वृद्धि और रोजगार सृजन को भी बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने कहा, ‘संपर्क-गहन सेवा क्षेत्र के धीरे-धीरे जोर पकड़ने से वृद्धि की रफ्तार बढ़ने की संभावना है. भारत ने 21 अक्टूबर को कोविड-19 टीके की एक अरब खुराक देने का ऐतिहासिक मुकाम हासिल किया.’
Also Read: RBI गवर्नर ने कहा, गतिशील और लचीली अर्थव्यवस्था के लिए मजबूत ऑडिट की जरूरत
नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने यह भी कहा कि देश भर में तेज टीकाकरण अभियान से यह सुनिश्चित होगा कि भविष्य में महामारी की लहर का जोखिम कम से कम हो. भारत में कोरोना के नये मामलों में भी अब कमी आयी है. वैश्विक महामारी से मौत के आंकड़ों में भी कमी आयी है. वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ाने के लिए सरकार ने घर-घर दस्तक अभियान की शुरुआत की है.
एजेंसी इनपुट
Posted By: Mithilesh Jha
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.