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होलसेल में भी जमेगा रिलायंस इंडस्ट्रीज का सिक्का, मुकेश अंबानी की 2,850 करोड़ की डील को मिली हरी झंडी

Mukesh Ambani: रिलायंस ने जर्मनी की रिटेलर कंपनी मेट्रो एजी के भारतीय बिजनेस को 2850 करोड़ रुपये में खरीदने के लिए 3 महीने पहले एक डील की थी. जिसे CCI ने हरी झंडी दे दी है.

Mukesh Ambani: रिलायंस इंडस्ट्रीज रिटेल के बाद अब होलसेल मार्केट में भी झंडे गाड़ने की तैयारी में है. रिलायंस ने जर्मनी की रिटेलर कंपनी मेट्रो एजी (Metro AG) के भारतीय बिजनेस को 2850 करोड़ रुपये में खरीदने के लिए 3 महीने पहले एक डील की थी. भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने मंगलवार को कहा कि उसने रिलायंस रिटेल के जर्मनी की कंपनी मेट्रो एजी के भारत में थोक व्यापार का अधिग्रहण करने को मंजूरी प्रदान कर दी है.

भारत में थोक व्यापार करती है मेट्रो कैश एंड कैरी इंडिया

रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड (RRVL) रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) की सब्सिडियरी है, जबकि मेट्रो एजी की मेट्रो कैश एंड कैरी इंडिया भारत में थोक व्यापार करती है. दिसंबर, 2022 में यह घोषणा हुई थी कि आरआरवीएल ने 2850 करोड़ रुपये में कंपनी की 100 फीसदी हिस्सेदारी के लिए समझौते किया है. मेट्रो 2003 से भारतीय मार्केट में सक्रिय है. रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सितंबर 2022 में खत्म हुई फाइनेंशियल ईयर में कंपनी की सेल 7700 करोड़ रुपये की रही थी. यह कंपनी देश के 21 शहरों में 31 स्टोर चलाती है और रेस्टोरेंट्स एवं छोटे दुकानदारों को सप्लाई करती है. कंपनी में करीब 3500 कर्मचारी हैं. कंपनी के करीब 30 लाख ग्राहक हैं. इसमें से 10 लाख लोग ऐसे हैं, जो मेट्रो के रेगुलर कस्टमर हैं, जो बी2बी ऐप के जरिए खरीदारी करते हैं. जर्मन कंपनी का कहना है कि इस डील से उसे करीब 15 करोड़ यूरो का फायदा होगा.

सीसीआइ ने दी ये जानकारी

रेलगुलेटर की ओर से मंगलवार को ट्वीट किया गया, रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड द्वारा मेट्रो कैश एंड कैरी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के अधिग्रहण को मंजूरी दे दी है. वहीं, एक अन्य ट्वीट के जरिए जानकारी दी गई कि निष्पक्ष व्यापार नियामक ने एल एंड टी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स लिमिटेड और कुडगी ट्रांसमिशन लिमिटेड की इक्विटी शेयर पूंजी के 100 फीसदी अधिग्रहण के लिए क्रमशः एपिक कंसेशन्स प्राइवेट लिमिटेड और इंफ्रास्ट्रक्चर यील्ड प्लस II (एडलवाइस ग्रुप के सहयोगी) द्वारा अपनी मंजूरी दे दी है. बताते चलें कि एलएंडटी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स लिमिटेड (एलएंडटी आईडीपीएल) बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के विकास, संचालन और रखरखाव के कारोबार में शामिल है. ECPL पूरी तरह से इंफ्रास्ट्रक्चर यील्ड प्लस II के स्वामित्व में है, जो एडलवाइस समूह का एक वैकल्पिक निवेश ट्रस्ट (AIF) है. कुडगी ट्रांसमिशन लिमिटेड बिजली की निकासी के लिए आवश्यक एक पारेषण प्रणाली विकसित कर रहा है.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

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