Mutual Fund Investment: बेहतर निवेश के कारण पिछले कुछ सालों में म्यूचुअल फंड में निवेश काफी ज्यादा बढ़ा है. साल 2016 की शुरुआत में एक्टिव एसआईपी की संख्या 10 मिलियन के करीब थी. आठ साल बाद, म्यूचुअल फंड उद्योग केवल एक महीने में 5 मिलियन खाते जुड़ा है. एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों के अनुसार, मासिक योगदान छह गुना से अधिक बढ़कर 18,800 करोड़ रुपये हो गया है. इस अवधि के दौरान एसआईपी खातों से जुड़ी निवेश संपत्ति 1.2 ट्रिलियन रुपये से 8.6 गुना बढ़कर 10.3 ट्रिलियन रुपये हो गई है. इसके साथ ही, एक रिपोर्ट में बताया गया है कि म्यूचुअल फंड उद्योग की प्रबंधन-अधीन परिसंपत्ति (एयूएम) में महाराष्ट्र, दिल्ली, कर्नाटक, गुजरात और पश्चिम बंगाल की जनवरी 2024 तक सम्मिलित रूप से लगभग 69 प्रतिशत हिस्सेदारी रही.
सालाना आधार पर हुई 27-30 प्रतिशत की वृद्धि
इक्रा एनालिटिक्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इन पांच राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों में पिछले महीने म्यूचुअल फंड कंपनियों के एयूएम में सालाना आधार पर 27-30 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई. रिपोर्ट कहती है कि जनवरी, 2024 तक इन राज्यों ने 52.89 लाख करोड़ रुपये के कुल एयूएम में 68.46 प्रतिशत का योगदान दिया. यह जनवरी, 2023 के 69.43 प्रतिशत के योगदान से थोड़ा ही कम है. इस रिपोर्ट में महाराष्ट्र 21.69 लाख करोड़ रुपये के एयूएम के साथ सबसे आगे है जबकि दिल्ली 4.52 लाख करोड़ रुपये एयूएम के साथ दूसरे स्थान पर है. कर्नाटक 3.65 लाख करोड़ रुपये के साथ तीसरे, गुजरात 3.61 लाख करोड़ रुपये के साथ चौथे और पश्चिम बंगाल 2.74 लाख करोड़ रुपये एयूएम के साथ पांचवें स्थान पर मौजूद है. इसके साथ ही तमिलनाडु में 2.41 लाख करोड़ रुपये, उत्तर प्रदेश में 2.42 लाख करोड़ रुपये, राजस्थान में 96,619 करोड़ रुपये, मध्य प्रदेश में 81,388 करोड़ रुपये और तेलंगाना में 78,964 करोड़ रुपये का एयूएम दर्ज किया गया.
10 राज्यों का म्यूचुअल फंड उद्योग में 87% हिस्सा
रिपोर्ट के अनुसार, पिछले महीने तक इन शीर्ष 10 राज्यों का म्यूचुअल फंड उद्योग के कुल एयूएम में 87 प्रतिशत हिस्सा था. हालांकि अन्य राज्य भी धीरे-धीरे म्यूचुअल फंड योजनाओं में अंशदान लगातार बढ़ा रहे हैं. इक्रा एनालिटिक्स में बाजार आंकड़ों के प्रमुख अश्विनी कुमार ने कहा कि निवेश की जागरूकता बढ़ने, म्यूचुअल फंड के जरिये इक्विटी में निवेश के लिए खुदरा निवेशकों के बीच बढ़ती रुचि और बड़े शहरों से इतर भी म्यूचुअल फंड कंपनियों के नए कार्यालयों के खुलने से छोटे शहरों और कस्बों में म्यूचुअल फंड की पहुंच लगातार सुधर रही है.
(भाषा इनपुट के साथ)
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