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Gas Price Hike: अक्टूबर में आमआदमी को लगेगा महंगाई का बड़ा झटका, LPG के बाद जल्द बढ़ सकते हैं PNG-CNG के भाव

Gas Price Hike: केंद्र सरकार ने शनिवार को घरेलू प्राकृतिक गैस की कीमतें 8.60 डॉलर प्रति मीट्रिक मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट (एमएमबीटीयू) से बढ़ाकर 9.20 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू कर दी हैं.

Gas Price Hike: आमलोगों को अक्टूबर के त्योहारी महीने में महंगाई का बड़ा झटका लग सकता है. महीने के पहले दिन एक तरफ LPG के कमर्शियल सिलेंडर की कीमतों में तेल कंपनियों के द्वारा 209 रुपये इजाफा करके तगड़ा झटका दिया गया है. वहीं, सरकार के 30 सितंबर को एक नोटिफिकेशन जारी करके, घरेलू प्राकृतिक गैस की संशोधित कीमतें 1 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक लागू होंगी. जारी अधिसूचना के अनुसार, केंद्र सरकार ने शनिवार को घरेलू प्राकृतिक गैस की कीमतें 8.60 डॉलर प्रति मीट्रिक मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट (एमएमबीटीयू) से बढ़ाकर 9.20 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू कर दी हैं. पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने कहा कि नई दरें रविवार, 1 अक्टूबर से लागू होंगी. संशोधित कीमतें 1 अक्टूबर से 31 अक्टूबर के बीच लागू होंगी. केंद्र ने लगातार दूसरे महीने घरेलू प्राकृतिक गैस की कीमतों में बढ़ोतरी की है. सितंबर में प्रति एमएमबीटीयू कीमत 7.85 डॉलर से बढ़ाकर 8.60 डॉलर कर दी गई थी. इस मूल्य संशोधन से उपभोक्ताओं पर असर पड़ने की उम्मीद है, क्योंकि गैस वितरण कंपनियां संपीड़ित प्राकृतिक गैस (CNG) और पाइप्ड प्राकृतिक गैस (PNG) की कीमतें बढ़ा सकती हैं. बड़ी बात है कि घरेलू प्राकृतिक गैस की कीमतों में लगातार दूसरे महीने इजाफा हुआ है. वहीं, एलपीजी कीमतों में भी इजाफा जारी है.

घरेलू प्राकृतिक गैस की कीमत हर महीने होगी तय

केंद्र सरकार के सरकार द्वारा अपनाए गए नए फॉर्मूले के अनुसार, घरेलू प्राकृतिक गैस की कीमत अब प्रति माह भारतीय क्रूड बास्केट की कीमत के आधार पर तय की जाती है. इससे पहले, दुनिया के चार बड़े गैस ट्रेडिंग हब – हेनरी हब, अल्बानी, नेशनल बैलेंसिंग पॉइंट (यूके) और रूसी गैस की कीमतें घरेलू गैस की कीमतें निर्धारित करती थीं. इस पद्धति के तहत घरेलू दर छह महीने की अवधि के लिए तय की गई थी. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, नई पद्धति में, कीमत पिछले महीने की भारतीय क्रूड बास्केट दरों के आधार पर निर्धारित की जाती है, जबकि पुराने फॉर्मूले के तहत, चार गैस के पिछले वर्ष की कीमत का औसत (मूल्य भारित मूल्य) ट्रेडिंग हब की गणना की गई और उसे लागू किया गया. घरेलू गैस की कीमतों का पता लगाने का तरीका सुझाने के लिए केंद्र द्वारा पिछले साल एक समिति गठित करने के बाद पुराना फॉर्मूला हटा दिया गया था. समिति ने नए फॉर्मूले का प्रस्ताव दिया था जो पिछले महीने की भारतीय क्रूड बास्केट कीमतों पर निर्भर करता है.

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आज से बढ़े कमर्शियल गैस सिलेंडर के दाम

महीने के पहले दिन तेल कंपनियों के द्वारा आज कमर्शियल गैस सिलेंडर (Commercial LPG Cylinder Price Hike) की कीमतों को संशोधित किया गया है. कंपनियों ने प्रति सिलेंडर की कीमतों में 209 रुपये का इजाफा किया है. इसके बाद से देश की राजधानी दिल्ली में आज से 19 किलो का एलपीजी सिलेंडर अब 1731.50 रुपये पर बिक रहा है. वहीं, कोलकाता में कमर्शियल गैस सिलेंडर के दाम में 203.50 रुपये की बढ़ोत्तरी हुई है. आज से ये 1636 रुपये के बजाये 1839.50 रुपये बिकेगा. वहीं, मुंबई में 19 किलो के कमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमतों में 204 रुपये का इजाफा हुआ है. यहां कमर्शियल गैस सिलेंडर आज से 1,482 रुपये के बजाये 1,684 रुपये में बिक रहा है. चेन्नई में कमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमत में लगभग कोलकाता के बराबर बढ़ोत्तरी हुई है. यहां 203 रुपये की बढ़ोत्तरी के बाद, 1,695 रुपये से बढ़कर 1898 रुपये तक पहुंच गई है.

भारत में रसोई गैस की कीमत कैसे नियंत्रित होती हैं

भारत में रसोई गैस के दाम बदलते रहते हैं और इनका निर्धारण प्रतिदिन के तरल पेट्रोलियम गैस (LPG) की मूल्यों पर आधारित होता है. रसोई गैस के दामों को तय करने में विभिन्न कारणों का प्रभाव हो सकता है, जैसे कि अंतरराष्ट्रीय तरल पेट्रोलियम दाम, आधारित तरल पेट्रोलियम गैस (LPG) की मांग और पूर्ति, और विभिन्न राज्यों में लागू किए जाने वाले सरकारी और राज्य करों का प्रभाव हो सकता है. रसोई गैस के दामों की नवीनतम जानकारी और मूल्यों का अपडेट सबसे अधिक स्थानीय गैस वितरक के पास उपलब्ध होता है. आप अपने स्थानीय गैस वितरक के द्वारा या उनकी आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर रसोई गैस के मूल्यों की जांच कर सकते हैं. साथ ही, सरकार अक्सर रसोई गैस के मूल्यों को संयोजन करने के लिए सबसे ऊपर सीमा और सबसे नीचे सीमा तय करती है, जिससे यह मूल्यों का बार-बार बदलने में कमी होती है.

अलग-अलग शहरों में अलग हो सकता है दाम

भारत में रसोई गैस के दाम स्थानीय बाजारों और शहरों के अनुसार भिन्न हो सकते हैं. ये दाम विभिन्न कारणों पर निर्भर करते हैं, जैसे कि स्थानीय उपज और आपूर्ति, राज्य सरकारों के वस्त्र और निर्माण कर रही धनुर्धारी उत्पादों पर कर और अन्य शुल्क, व्यापारिक मार्ग, वित्तीय वितरण चेन, आपूर्ति और मांग की वृद्धि, अंतरराष्ट्रीय भावों का प्रभाव आदि. रसोई गैस की दरें विभिन्न वर्गों में आती हैं, जैसे कि 14.2 किलोग्राम वाला सिलिंडर, 5 किलोग्राम वाला सिलिंडर, गैस पाइपलाइन, और बायोगैस. इनमें से प्रत्येक की अपनी अलग दरें होती हैं. सिलिंडर और पाइपलाइन गैस के दर राज्य सरकार और स्थानीय उपज और आपूर्ति के आधार पर निर्धारित की जाती हैं. ये दरें नियमित अंतराल पर सरकार द्वारा संशोधित की जाती हैं. बायोगैस की दरें उसके प्रकार और उत्पादन तकनीकों के आधार पर निर्धारित की जाती हैं. ध्यान देने वाली बात यह है कि रसोई गैस से जुड़ी सभी दरें स्थानीय सरकारों और वित्तीय संस्थाओं द्वारा निर्धारित की जाती हैं और ये समय-समय पर बदल सकती हैं.

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