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NITI Aayog के सदस्य ने दिया सुझाव, चीनी निवेश दे सकता है देश को फायदा

NITI Aayog : 2020 में हुई गलवान घाटी में झड़प के बाद से दोनों देशों के बीच संबंधों में दरार आई है. भारत इस बात पर जोर दे रहा है कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति स्थापित होने के बाद ही चीन के साथ सामान्य संबंध बहाल हो सकते हैं. नीति आयोग ने चीन के साथ व्यापार घाटे को कम करने की सलाह बार-बार दी है.

NITI Aayog : नीति आयोग ने चीन के साथ व्यापार घाटे को कम करने की सलाह बार-बार दी है. इसी सिलसिले में नीति आयोग के अरविंद विरमानी ने भी यह सुझाव दिया है कि भारत में चीनी निवेश बढ़ने से भारत के विनिर्माण क्षेत्र को लाभ हो सकता है और दुनिया भर में भारतीय उत्पादों के लिए नए बाजार खुल सकते हैं. उनका सुझाव है कि चीनी कंपनियों को व्यापार असंतुलन को दूर करने और अमेरिका और यूरोप के जरिए से चीन से आयात में कमी से पैदा हुए अवसरों का लाभ उठाने के लिए भारत में विनिर्माण में निवेश करने पर विचार करना चाहिए. इससे भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ावा मिल सकता है.

FDI को देना होगा महत्व

अर्थशास्त्री विरमानी ने सकारात्मक बने रहने और विभिन्न स्थितियों में पक्ष-विपक्ष को तौलने के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने सुझाव दिया कि भारत चीन की आपूर्ति श्रृंखला में शामिल होकर या चीन से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आकर्षित करके चीन प्लस वन रणनीति से लाभ उठा सकता है. इसके लिए भारत को चीन से माल आयात करके संतुलन बनाना होगा और साथ ही अमेरिका को निर्यात बढ़ाने के लिए FDI को प्राथमिकता देनी होगी. विरमानी ने चीन से भारत के महत्वपूर्ण आयात के कारण चीन के साथ बढ़ते व्यापार घाटे की ओर इशारा किया.

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2020 से हैं दोनो देशों में दरार

2020 में हुई गलवान घाटी में झड़प के बाद से दोनों देशों के बीच संबंधों में दरार आई है. भारत इस बात पर जोर दे रहा है कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति स्थापित होने के बाद ही चीन के साथ सामान्य संबंध बहाल हो सकते हैं. भारत ने 200 से अधिक चीनी मोबाइल ऐप पर प्रतिबंध के साथ इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण के एक प्रमुख प्रस्ताव को खारिज कर दिया था.

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