पुडुचेरी : निर्वाचन आयोग ने देश के चार राज्य और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है. चुनाव की तिथियों के ऐलान के साथ ही आम लोगों के मन में अभी इसे ही इस बात की उत्सुकता दिखाई दे रही है कि आखिर किस राज्य में किन-किन राजनीतिक दलों की कितनी पैठ है और वे कितनी सीटों से बहुमत हासिल कर रहे हैं.
वी नारायणसामी को सत्ता से धोना पड़ा हाथ
खासकर, केंद्र शासित प्रदेश की बात करें, तो अभी हाल ही के दिनों में इस केंद्र शासित प्रदेश में प्रशासनिक और राजनीतिक उथल-पुथल की वजह से मुख्यमंत्री वी नारायणसामी को बड़े ही नाटकीय तरीके से सत्ता से हाथ धोना पड़ गया. ऐसी स्थिति में, अब कयास यह लगाए जाने लगे हैं कि पुडुचेरी में कांग्रेस सत्ता से बाहर रहेगी और वहां पर भाजपा अपना परचम लहराएगी? फिलहाल, एबीपी न्यूज-सी वोटर की ओर से पेश किए गए ताजा ओपिनियन पोल में तो यही कहा जा रहा है कि पुडुचेरी में कांग्रेस सत्ता से बाहर होगी और भाजपा अपना दमखम दिखाएगी.
6 अप्रैल को होंगे चुनाव
चुनाव आयोग के अनुसार, पुडुचेरी में 30 विधानसभा सीटों के लिए आगामी 6 अप्रैल 2021 को एक ही चरण में मतदान कराए जाएंगे और 2 मई को नतीजे घोषित किए जाएंगे. एबीपी न्यूज-सी वोटर के ओपिनियन पोल के अनुसार, पुडुचेरी में भाजपा पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में प्रवेश करेगी और अल्पमत में आने की वजह से कांग्रेस फिलहाल सत्ता के गलियारे से बाहर हो जाएगी.
भाजपा गठबंधन को 17 से 21 सीट
एबीपी न्यूज-सी वोटर के ओपिनियन पोल के अनुसार, भाजपा और उसके सहयोगी दलों को 17 से 21 सीटों पर जीत मिल रही है. वहीं, कांग्रेस और उसके सहयोगी पार्टियों को 8 से 12 सीटों से संतोष करना पड़ेगा, जबकि अन्य को 13 सीटों पर जीत मिल सकती है. पुडुचेरी में विधानसभा की कुल 33 सीटें हैं. इसमें 30 सीटों के लिए चुनाव कराए जाते हैं. बाकी की तीन सीटों के सदस्यों को केंद्र सरकार की ओर से नामित किया जाता है.
एबीपी न्यूज-सी वोटर के ओपिनियन पोल के अनुसार, भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को 46 फीसदी मत प्राप्त हो सकते हैं. इसके साथ ही, कांग्रेस नीत गठबंधन को करीब 36 फीसदी वोट मिलने की संभावना है. इसके अलावा, अन्य को 18 फीसदी वोट मिल सकते हैं.
प्रदेश में लागू है राष्ट्रपति शासन
पुडुचेरी में फिलहाल राष्ट्रपति शासन लागू है. इससे पहले यहां वी नारायणसामी के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार थी. बीते दिनों कई कांग्रेसी विधायकों के इस्तीफा देने के बाद नारायणसामी सरकार अल्पमत में आ गई थी. इसके बाद उपराज्यपाल ने राज्य सरकार को विधानसभा में बहुमत साबित करने का आदेश दिया था. हालांकि, डीएमके के सहयोग से सरकार बनाने वाले नारायणसामी सदन में बहुमत साबित नहीं कर पाए और उनकी सरकार गिर गई. इसके साथ ही, प्रदेश में लंबे समय से चल रही राजनीतिक खींचतान का अंत हो गया.
बहुमत के लिए 16 सीटों की जरूरत
पुडुचेरी में कांग्रेसी सरकार के अल्पमत में आने के बाद विधानसभा भंग किए जाने के पहले यहां पर कांग्रेस के 15 विधायक थे. इसके साथ ही, ऑल इंडिया एनआर कांग्रेस के पास 8, एआईएडीएमके के पास 4 और डीएमके के पास 3 सीटें थीं. इस केंद्र शासित प्रदेश में बहुमत के लिए 16 सीटों की जरूरत पड़ती है.
Posted by : Vishwat Sen
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