Pension Plan: एक रिपोर्ट के अनुसार, कोविड-19 के बाद से सेवानिवृत्ति के लिए प्लान करने वालों की संख्या काफी ज्यादा बढ़ी है. लोग ऐसे पेंशन प्लान को लेकर काफी जागरुक हुए हैं. पीजीआईएम इंडिया म्यूचुअल फंड रिटायरमेंट रेडीनेस सर्वे 2023 में लगभग 67 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि उनके पास सेवानिवृत्ति की रणनीति है, जबकि 2020 में यह प्रतिशत 49 प्रतिशत था. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि स्व-रोजगार वाले अपनी सेवानिवृत्ति योजना और तैयारियों में पिछड़े पाए गए है. इस रिपोर्ट में नौ महानगरों और छह गैर-महानगरों में 3,009 लोगों को शामिल किया गया था. जिन उत्तरदाताओं ने कहा कि उन्हें वित्तीय योजना की आवश्यकता नहीं है, उनमें से 40 प्रतिशत टियर-I शहरों में रहते हैं, उनकी आय 50,000 रुपये से 75,000 रुपये के बीच है, उनकी आयु 51 से 60 वर्ष के बीच है, और ज्यादातर स्व-रोजगार हैं. हालांकि, रिपोर्ट के अनुसार, पेंशन प्लान, भविष्य की जरूरतों और बचत के लिए जागरूक लोगों की संख्या काफी ज्यादा है. ऐसे में आपको समझने की जरूरत है कि आपके लिए रिटायरमेंट प्लान क्यों जरूरी है.
स्वरोजगार से जुड़े लोगों के लिए रिटायरमेंट प्लान क्यों जरूरी है
आमतौर पर भारत में नौकरीपेशा लोगों के लिए सेवानिवृति की उम्र 60 वर्ष मानी गयी है. स्वरोगजार से जुड़े लोगों के लिए सेवानिवृति के जैसा कुछ नहीं होगा. मगर, एक उम्र के बाद उन्हें भी आराम की जरूरत होती है. ऐसे में अगर, आप काम छोड़कर घर पर बैठे तो अपने भविष्य की जरूरतों को कैसे पूरा करेंगे. रिटायरमेंट प्लान बनाना आपको आर्थिक सुरक्षा, मानसिक चौमुखी और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने में मदद कर सकता है, जिससे आप आरामदायक और सुखद रिटायरमेंट जीवन जी सकते हैं. इसे ऐसे समझें:
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आर्थिक सुरक्षा: रिटायरमेंट प्लान के माध्यम से आप अपने जीवन के लिए आर्थिक सुरक्षा बना सकते हैं. इससे यह सुनिश्चित होता है कि आपके पास रिटायरमेंट के बाद भी रुपये की कमी नहीं रहे.
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चिंता की कमी: रिटायरमेंट प्लान बनाने से आप आने वाले वर्षों में होने वाली आर्थिक चुनौतियों की चिंता कम कर सकते हैं. यह आपको आत्मनिर्भर बनाने में मदद करता है और आरामदायक रिटायरमेंट की तैयारी करने में मदद करता है.
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स्वास्थ्य और बीमा: रिटायरमेंट प्लान बनाने के दौरान, आप अपने स्वास्थ्य और बीमा की आवश्यकताओं को भी ध्यान में रख सकते हैं. आपको रिटायर होने के बाद भी स्वस्थ रहने के लिए एक ठोस योजना होनी चाहिए.
किन योजनाओं में स्वरोजगार से जुड़े लोग कर सकते हैं निवेश
केंद्र सरकार के द्वारा आमलोगों के लिए सेवानिवृति को लेकर कई योजनाएं चलायी जा रही है. इसके अलावा आप चाहें तो कई बीमा कंपनियों के द्वारा दिया जा रहा पेंशन प्लान ले सकते हैं. साथ ही, एनपीएस, पीपीएफ और एमएफ एसआईपी जैसी योजनाओं में निवेश कर सकते हैं.
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NPS: केंद्र सरकार के द्वारा नेशनल पेंशन स्कीम (National Pension Scheme) चलायी जा रही है. नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) एक सहायक पेंशन संरचना के तहत आती है और लोगों को अपने वर्चस्व जीवन के लिए वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती है. NPS में विभिन्न निवेश विकल्प उपलब्ध हैं, जैसे कि विपणनीय निवेश, सरकारी निवेश आदि. इसमें अनुमान के तौर पर 9 प्रतिशत से ज्यादा ब्याज जमा राशि पर मिलता है.
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PPF: पीपीएफ या पब्लिक प्रोविडेंट फंड (Public Provident Fund) काफी लोकप्रिय बचत योजनाओं में से एक है. यह निवेश योजना व्यक्तिगत और सामाजिक सुरक्षा के लिए वित्तीय निवेश करने का एक उत्कृष्ट माध्यम है. पीपीएफ में निवेश की अधिकतम सीमा निर्धारित की जाती है, जो वर्तमान में 1.5 लाख रुपये है. पीपीएफ खाता अधिकतम 15 वर्षों के लिए जारी रहता है, और निवेशक इसे विकसित रख सकता है या विनिमय कर सकता है. वर्तमान में सरकार के द्वारा इस बचत योजना पर 7.1 प्रतिशत का ब्याज दिया जा रहा है.
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SIP: SIP या Mutual Fund में निवेश से पहले आपको बाजार की पूरी जानकारी ले लेनी चाहिए. क्योंकि, इसमें निवेश बाजार जोखिम के अंतर्गत आता है. हालांकि, आप ऐसी छोटी-मोटी बचत करने की आप आदत बना लें तो आप लंबी अवधि में लाखों-करोड़ों का फंड बना सकते हैं.
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LIC पेंशन प्लान: एलआईसी में निवेश हमेशा से सुरक्षित माना जाता है. इसके साथ में सरकार का भरोसा जुड़ा है. मुख्य रुप से एलआईसी के द्वारा दो तरह के प्लान ऑफर किया जाता है. इसमें पेंशन की राशि फ्लेटिंग होती है. यानी बाजार के अनुसार, जबकि, दूसरी पेंशन प्लान में फिस्कड इनकम होती है. इस प्लान को आप कुछ दिन पेशन लेने के बाद चाहें तो सरेंडर कर सकते हैं. कंपनी आपको प्लान सरेंडर करने पर एक मोटी राशि देगी.
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