नयी दिल्ली: पेट्रोल-डीजल की कीमतों (Petrol Diesel Price) में तेजी लगातार जारी है. शनिवार को लगातार चौथे दिन पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि की गयी. पेट्रोल और डीजल दोनों के दामों 35-35 पैसे प्रति लीटर का इजाफा हुआ है. इसके साथ ही मई, 2020 की शुरुआत से अब तक यानी 18 महीने से कम समय में पेट्रोल 36 रुपये लीटर महंगा हो चुका है. इस दौरान डीजल की कीमतें 26.58 रुपये प्रति लीटर बढ़ीं हैं. पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के विरोध में एक पखवाड़ा तक कांग्रेस ने प्रदर्शन का ऐलान किया है.
सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों की मूल्य अधिसूचना के अनुसार, दिल्ली में अब एक लीटर पेट्रोल की कीमत 107.24 रुपये प्रति लीटर हो गयी है. वहीं, डीजल 95.97 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया है. सरकार का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम बढ़ रहे हैं, जिसका असर यहां भी दिख रहा है. देश के सभी प्रमुख शहरों में एक लीटर पेट्रोल का भाव 100 रुपये के पार जा चुका है.
We're going to have continuous agitation against rise in petrol & diesel prices; massive campaigns from Nov 14-29. During these 15 days – one week entire Cong committees will also do 'Padayatra' throughout country in their respective areas: Congress general secretary KC Venugopal pic.twitter.com/WdA3PedICM
— ANI (@ANI) October 23, 2021
एक दर्जन से अधिक राज्यों में डीजल 100 रुपये प्रति लीटर से अधिक बिक रहा है. सरकार द्वारा पांच मई, 2020 को उत्पाद शुल्क को रिकॉर्ड स्तर पर बढ़ाने के बाद से पेट्रोल 35.98 रुपये प्रति लीटर महंगा हुआ है. वहीं, इस दौरान डीजल कीमतों में 26.58 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि हुई है.
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम 19 डॉलर प्रति बैरल के रिकॉर्ड निचले स्तर पर आने के बाद सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क बढ़ा दिया था. हालांकि, उसके बाद से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम सुधरकर 85 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गये हैं, लेकिन पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 32.9 रुपये प्रति लीटर पर कायम है.
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इसी तरह, डीजल पर भी उत्पाद शुल्क 31.8 रुपये प्रति लीटर पर बना हुआ है. पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शुक्रवार को कहा था कि वाहन ईंधन पर उत्पाद शुल्क कटौती ‘अपने पैर पर कुल्हाड़ी’ मारने के समान होगी. उन्होंने कहा था कि इस तरह के शुल्कों से सरकार मुफ्त कोरोना टीकाकरण, अनाज और रसोई गैस वितरण जैसी योजनाएं चला रही है. इससे महामारी के दौरान लाखों लोगों को मदद मिली है.
उत्पाद शुल्क कटौती पर हरदीप सिंह पुरी ने कहा, ‘मैं वित्त मंत्री नहीं हूं. इसलिए इसका जवाब देना उचित नहीं होगा. जो 32 रुपये प्रति लीटर हम जुटा रहे हैं, उससे हम कल्याण योजनाएं चला रहे हैं. इनमें एक अरब टीकाकरण भी शामिल है.’ विपक्षी कांग्रेस इस मुद्दे पर सरकार को लगातार घेर रही है. कांग्रेस का कहना है कि सरकार को वाहन ईंधन पर शुल्कों में कटौती करनी चाहिए.
कांग्रेस ने 14 नवंबर से 29 नवंबर तक देश भर में अभियान चलाने का एलान किया है. कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल ने शनिवार को कहा कि देश भर में 15 दिन तक हम विरोध प्रदर्शन करेंगे. एक सप्ताह तक पूरी कांग्रेस कमेटी ‘पदयात्रा’ निकालेगी. इसमें सभी नेता अपने-अपने क्षेत्र में पदयात्रा का नेतृत्व करेंगे.
Posted By: Mithilesh Jha
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