PM Kisan Yojana: केंद्र सरकार के द्वारा गरीब और जरूरतमंदों की मदद के लिए कई तरह की योजनाएं चलायी जा रही है. इसमें पीएम किसान योजना भी शामिल है. इस योजना के तहत किसानों के खाते में साल में छह हजार रुपये दिया जाता है. अभी तक सरकार के द्वारा योजना के तहत किसानों के खाते में 15 किस्त दी जा चूकी है. अब योजना से जुड़ी हुई दो अपडेट सामने आ रही है. बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार के द्वारा फरवरी से मार्च के बीच में 16वीं किस्त (PM Kisan Yojana 16th Installment) दी जा सकती है. इसके साथ ही, बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार के द्वारा योजना के तहत जी जाने वाली राशि को दोगुना तक बढ़ाया जा सकता है. यानी लाभुक किसान के खाते में साल में छह हजार के जगह पर 12 हजार रुपये आएंगे. पीएम किसान की राशि बढ़ाने को लेकर चर्चा इस आधार पर की जा रही है कि हाल ही में इंडियन काउंसिल फॉर रिसर्च आन इंटरनेशनल इकोनॉमिक रिलेशन (ICRIER) ने एक रिपोर्ट दी थी. इस रिपोर्ट में किसानों को दी जाने वाली आर्थिक सहायता राशि को बढ़ाने की वकालत की गयी है. ICRIER ने अपने रिपोर्ट में बढ़ती महंगाई का हलावा देते हुए कहा है कि पीएम किसान योजना के तहत किसानों को सालाना 6 हजार रुपये दिया जा रहा है. मगर, महंगाई लगातार बढ़ती जा रही है. महंगाई को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार को किसानों की मदद के लिए आर्थिक सहायता राशि को कम से कम 12 हजार रुपये कर देना चाहिए.
एमएसपी बढ़ाने पर भी कर रही है विचार
किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि के तहत दिये जाने वाली राशि को बढ़ाने के साथ ही, केंद्र सरकार एक और विषय पर विचार कर रही है. बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार के द्वारा जल्द ही मिनिमम सपोर्ट प्राइस यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य के तहत होने वाली खरीदारी को भी बढ़ाने पर विचार कर रही है. अगर, चुनाव वाले राज्यों को फोकस करें तो मध्य प्रदेश की कुल राज्य घरेलू उत्पाद में कृषि का योगदान 40 फीसदी है, जबकि राजस्थान और छत्तीसगढ़ में यह लगभग 27-27 फीसदी पर है. ऐसे में सरकार की कोशिश है कि हर स्थिति में ग्रामीण अर्थव्यवस्था में किसान की आय में गिरावट न हो. चुनाव से पहले इन मुद्दों पर फैसला लेने पर केंद्र सरकार को इन राज्यों में चुनाव परिणाम में मदद मिल सकती है.
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गांव में रहती है भारत की 65 प्रतिशत आबादी
भारत के 1.4 अरब लोगों में से लगभग 65% ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं, किसान मोदी के लिए एक महत्वपूर्ण मतदान केंद्र हैं, जो आगामी चुनाव में कार्यालय में एक दुर्लभ तीसरा कार्यकाल चाह रहे हैं. हालाँकि वह एक लोकप्रिय नेता बने हुए हैं, 55% मतदाता उन्हें अनुकूल मानते हैं, बढ़ती असमानता और बेरोजगारी के मुद्दे चुनाव में उनके लिए चुनौती बन सकते हैं. सरकार अपने मुद्रास्फीति-नियंत्रण उपायों, जैसे कि कुछ चावल निर्यात पर प्रतिबंध, ग्रामीण आय पर अंकुश लगाने के बाद किसानों की आय बढ़ाने की कोशिश कर रही है. भारत में भी पिछले पांच वर्षों में सबसे कमजोर मॉनसून वर्षा दर्ज की गई है, जिससे इस वर्ष प्रमुख फसलों की पैदावार को खतरा है. दिसंबर 2018 में सब्सिडी कार्यक्रम शुरू होने के बाद से, मोदी सरकार ने 110 मिलियन लाभार्थियों को कुल 2.42 ट्रिलियन रुपये दिए हैं. लोगों ने कहा कि अधिकारी अब प्रत्यक्ष नकद हस्तांतरण कार्यक्रम के तहत अधिक किसानों को शामिल करने के लिए नियमों में ढील देने पर चर्चा कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इन प्रस्तावों पर अभी अंतिम निर्णय लिया जाना बाकी है. सरकार गरीब परिवारों को समर्थन देने के लिए अन्य उपाय भी कर रही है, जैसे अगले साल मुफ्त अनाज कार्यक्रम का विस्तार करना और छोटे शहरी आवास के लिए सब्सिडी वाले ऋण पर विचार करना. पिछले हफ्ते कैबिनेट ने खाना पकाने में इस्तेमाल होने वाली तरलीकृत पेट्रोलियम गैस पर सब्सिडी बढ़ाने को मंजूरी दे दी थी.
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