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PM Pranam Scheme को कैबिनेट से मिली मंजूरी, जानें किसानों के लिए कैसे साबित होगा ‘गेम चेंजर’?

इस योजना का उद्देश्य वैकल्पिक उर्वरकों के उपयोग और रासायनिक उर्वरकों के संतुलित उपयोग को बढ़ावा देने के लिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को प्रोत्साहित करना है. पीएम प्रणाम योजना का विचार रबी अभियान के लिए कृषि पर राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान प्रस्तावित किया गया था जो सितंबर, 2022 में हुआ था.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पीएम-प्रणाम योजना को केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को मंजूरी दे दी. पीएम-प्रणाम यानी, प्रधानमंत्री कृषि प्रबंधन के लिए वैकल्पिक पोषक तत्वों का संवर्धन योजना की घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2023-24 के बजट में की थी. इस योजना के तहत सरकार सभी राज्यों को रासायनिक उर्वरकों के कम उपयोग पर प्रोत्साहन देगी.

पीएम प्रणाम योजना क्या है?

इस योजना का उद्देश्य वैकल्पिक उर्वरकों के उपयोग और रासायनिक उर्वरकों के संतुलित उपयोग को बढ़ावा देने के लिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को प्रोत्साहित करना है. पीएम प्रणाम योजना का विचार रबी अभियान के लिए कृषि पर राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान प्रस्तावित किया गया था जो सितंबर, 2022 में हुआ था. नई योजना की शुरुआत के साथ, सरकार का लक्ष्य रासायनिक उर्वरकों पर सब्सिडी का बोझ कम करना है.

पीएम प्रणाम योजना के लाभ?

वैकल्पिक उर्वरकों को अपनाने को बढ़ावा देने और पारंपरिक उर्वरकों के उपयोग को कम करने के लिए, सब्सिडी बचत का लगभग 50 प्रतिशत राज्य को अनुदान के रूप में आवंटित किया जाएगा जो कि बचाए गए धन की उच्चतम राशि को दर्शाता है. आईएएनएस द्वारा उद्धृत सूत्रों ने बताया कि इस पहल के तहत, दी गई धनराशि का 70 प्रतिशत वैकल्पिक उर्वरकों के तकनीकी एकीकरण से जुड़ी परिसंपत्तियों के निर्माण और गांव, ब्लॉक और जिला स्तरों पर वैकल्पिक उर्वरक उत्पादन इकाइयों की स्थापना के लिए निर्देशित किया जाएगा. शेष 30 प्रतिशत का उपयोग प्रोत्साहन और सम्मान के लिए किया जाएगा.

पीएम प्रणाम योजना का उदेश्य?

इस निर्णय का उद्देश्य राज्यों को कृषि प्रौद्योगिकी में प्रगति को बढ़ावा देते हुए उर्वरकों के सतत उपयोग को बढ़ाने वाले उपायों को लागू करने के लिए प्रोत्साहित करना है. पारंपरिक उर्वरक निर्भरता को कम करने और वैकल्पिक उर्वरकों को अपनाने को प्रोत्साहित करके, सरकार का लक्ष्य पर्यावरण के अनुकूल कृषि प्रथाओं को बढ़ावा देना और कृषि पारिस्थितिकी तंत्र के दीर्घकालिक स्वास्थ्य को सुनिश्चित करना है. यह पहल पर्यावरण-अनुकूल कृषि तकनीकों को बढ़ावा देने और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम का प्रतिनिधित्व करती है. तकनीकी प्रगति और टिकाऊ कृषि पद्धतियों का समर्थन करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता कृषि क्षेत्र के लिए हरित और अधिक टिकाऊ भविष्य सुनिश्चित करने के लिए पीएम मोदी के समर्पण को दर्शाती है.

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