PMI: नए ऑर्डर और प्रोडक्शन की स्पीड कम होने से भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ रेट जुलाई 2024 में सुस्त हो गई. वहीं, कॉस्ट प्रेशर बढ़ने और मजबूत डिमांड की वजह से इसके सेल प्राइस में अक्टूबर 2013 के बाद रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की गई. गुरुवार 1 अगस्त 2024 को एचएसबीसी इंडिया की ओर से परचेजिंग मैनेजमेंट इंडेक्स (पीएमआई) जारी किया गया है, जिसमें कहा गया है कि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का पीएमआई घटकर 58.1 अंक हो गया, जो जून के महीने में 58.3 अंक रहा था. पीएमआई के तहत 50 अंक से ऊपर होने का मतलब प्रोडक्शन एक्टिविटी में बढ़ोतरी होना है, जबकि 50 अंक से नीचे का आंकड़ा गिरावट को दर्शाता है.
मंदी के बावजूद नए ऑर्डर में तेज बढ़ोतरी
भारत में एचएसबीसी की चीफ इकोनॉमिस्ट प्रांजुल भंडारी ने कहा कि जुलाई महीने के दौरान भारत के मुख्य मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का पीएमआई की रफ्तार धीमी रही, लेकिन अधिकतर कम्पोनेंट्स के मजबूत स्तर पर बने रहने के कारण यह छोटी गिरावट चिंता का कारण नहीं है. उन्होंने कहा कि भारत के निर्माताओं ने जून में मंदी रहने के बाद भी नए ऑर्डर में ठीक-ठाक बढ़ोतरी होने की जानकारी दी है. वहीं, एशिया, यूरोप, उत्तरी अमेरिका और पश्विम एशिया के ग्राहकों की डिमांड भी काफी बढ़ी है. इसके अलावा, जुलाई महीने में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बिक्री में तेज वृद्धि दर्ज की गई है.
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13 सालों में दूसरी सबसे मजबूत वृद्धि
एचएसबीसी इंडिया के पीएमआई सर्वेक्षण रिपोर्ट में कहा गया है कि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ रेट बेहतरीन रही है. यह पिछले 13 सालों में दूसरी सबसे मजबूत वृद्धि है. कीमतों के मोर्चे पर डिमांड में आई भी कीमतों पर दबाव डाला है. कच्चे माल की लागत में करीब दो सालों के दौरान सबसे तेज वृद्धि दर्ज की गई है. अक्टूबर 2013 के बाद से बिक्री कीमतों में सबसे तेज वृद्धि हुई है. एचएसबीसी इंडिया मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के पीएमआई को एसएंडपी ग्लोबल ने करीब 400 कंपनियों के एक ग्रुप में परचेंजिंग मैनेजर्स को भेजे गए सवालों के जवाबों के आधार पर तैयार किया है.
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