Polycab India Share Price: इलेक्ट्रिकल उत्पाद बनाने वाली कंपनी पॉलीकैब इंडिया के शेयर में कर चोरी संबंधी विवादों के बीच बृहस्पतिवार को 21 प्रतिशत की गिरावट आई. इससे कंपनी का बाजार मूल्यांकन 15,485.96 करोड़ रुपये घट गया. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के अधिकारियों और अन्य सूत्रों ने बुधवार को कहा कि आयकर विभाग ने हाल ही में तार, केबल और बिजली के सामान के एक प्रमुख निर्माता पॉलीकैब समूह पर छापा मारने के बाद लगभग 1,000 करोड़ रुपये की ‘बेहिसाब नकदी बिक्री’ का पता लगा है. इसके बाद, बीएसई पर कंपनी का शेयर 21.08 प्रतिशत गिरकर 3,877.40 रुपये पर बंद हुआ. दिन में कारोबार के दौरान कंपनी का शेयर 22.40 प्रतिशत की भारी गिरावट के साथ 3,812.35 रुपये पर आ गया था. एनएसई पर कंपनी का शेयर 20.50 प्रतिशत गिरकर 3,904.70 पर आ गया. कंपनी का बाजार मूल्यांकन 15,485.96 करोड़ रुपये घटकर 58,225.57 करोड़ रुपया रह गया. सीबीडीटी बयान में कहा कि पिछले साल 22 दिसंबर को समूह के खिलाफ तलाशी शुरू करने के बाद चार करोड़ रुपये से अधिक की बेहिसाब नकदी जब्त की गई और 25 से अधिक बैंक लॉकरों पर रोक लगा दी गई.
22 दिसंबर को आयकर ने मारा था छापा
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने बयान में कहा कि पिछले साल 22 दिसंबर को समूह के खिलाफ तलाशी शुरू करने के बाद चार करोड़ रुपये से अधिक की बेहिसाब नकदी जब्त की गई है. साथ ही 25 से अधिक बैंक लॉकरों पर रोक लगायी गयी है. तलाशी अभियान के तहत महाराष्ट्र के मुंबई, पुणे, औरंगाबाद और नासिक, गुजरात में हलोल तथा दिल्ली समेत कुल 50 परिसर शामिल हैं. सीबीडीटी के बयान में समूह का नाम नहीं बताया. लेकिन आधिकारिक सूत्रों ने इसकी पॉलीकैब इंडिया लिमिटेड होने की पुष्टि की है.
मामले में आया कंपनी का बयान
पॉलीकैब इंडिया ने शेयर बाजारों को दी सूचना में मीडिया में चल रही कंपनी की कर चोरी की रिपोर्ट को अफवाह करार दिया. कंपनी ने बयान में कहा कि कंपनी सभी नियमों के अनुपालन और पारदर्शिता को लेकर प्रतिबद्ध है. दिसंबर, 2023 में तलाशी कार्रवाई के दौरान आयकर विभाग के अधिकारियों के साथ पूरा सहयोग किया गया था. कंपनी को तलाशी के नतीजे के संबंध में आयकर विभाग से फिलहाल कोई सूचना नहीं मिली है. सीबीडीटी ने कहा कि तलाशी के दौरान बड़ी संख्या में संदिग्ध दस्तावेज और डिजिटल आंकड़े जब्त किये गये. इनसे कुछ अधिकृत वितरकों की मिलीभगत से समूह द्वारा अपनाई गई कर चोरी के तौर तरीकों का पता चलता है. हालांकि, आयकर विभाग ने अपने बयान में कहा है कि जांच के दौरान उसे इस बात के सबूत मिले हैं कि एक डिस्ट्रीब्यूटर के द्वारा कच्चे माल की खरीदारी के लिए फ्लैगशिप कंपनी के द्वारा नगद में 400 करोड़ रुपये का भुगतान किया है जिसे विभाग ने जब्त कर लिया है.
क्या कहना है आयकर विभाग
मामले के बारे में आयकर विभाग के द्वारा दी गयी जानकारी में बताया गया है कि फ्लैगशिप कंपनी के ठिकानों पर जांच के दौरान इस बात के सबूत मिले हैं कि सब-कॉट्रैक्टिंग खर्च, पर्चेंज और ट्रांसपोर्ट के मद में 100 करोड़ रुपये के गैर जरुरी खर्च किया गया है. साथ ही, विभाग को एक डिस्ट्रीब्यूटर की ओर से बगैर किसी सप्लाई के बिल जारी करने का पता लगा है जबकि सामान खुले बाजार में नगद में बेचा गया था. इस तरीके से अधिकृत डिस्ट्रीब्यूटर ने कुछ पार्टियों को 500 करोड़ रुपये की खरीद को बढ़ा चढ़ाकर दिखाने की कोशिश की है. ये कंपनी के एक्सक्लूसिव प्रोडक्ट बेचा करते थे. आयकर विभाग को छापेमारी के दौरान 4 करोड़ रुपये के करीब अनअकाउंटेड कैश का भी पता चला. विभाग के 25 लॉकर्स पर रोक लगा दी गई है. मामले में आयकर विभाग की जांच अभी भी चल रही है.
(भाषा इनपुट के साथ)
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.