नई दिल्ली : भीषण गर्मी के दौरान देश के कई राज्यों के थर्मल पावर प्लांट में कोयले की भारी कमी के मद्देनजर भारतीय रेलवे ने करीब 657 ट्रेनों को रद्द करने का फैसला किया है. रेलवे के इस फैसले ट्रेनों में 509 एक्सप्रेस/मेल ट्रेन और 148 एमईएमयू की रेल सेवाएं प्रभावित होंगी. इन पैसेंजर ट्रेनों को रद्द करने के पीछे रेलवे का उद्देश्य करीब 533 कोयले के रैक को विभिन्न राज्यों के थर्मल पावर प्लांट तक पहुंचाने के लिए रास्ता देना है. हालांकि, पिछले साल भी भारतीय रेलवे ने थर्मल पावर प्लांटों में कमी के मद्देनजर थर्मल पावर प्लांटों तक कोयले की आपूर्ति के लिए करीब 347 रैक विभिन्न राज्यों में भेजे गए थे.
कोयले की ढुलाई के लिए पैसेजेंर ट्रेन रद्द
समाचार एजेंसी एएनआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, देश के विभिन्न राज्यों में कोयले की कमी का सामना कर रहे थर्मल पावर प्लांटों की निर्बाध आपूर्ति के लिए भारतीय रेलवे ने करीब 657 ट्रेनों को रद्द करने का फैसला किया है. रिपोर्ट में यह बताया गया है कि रेलवे की ओर से पैसेंजर ट्रेनों को रद्द करने के पीछे थर्मल पावर प्लांटों तक आसानी से कोयले के करीब 533 रैक को पहुंचने के लिए रास्ता देना है. रेवले के अधिकारियों ने बताया कि 427 रैक गुरुवार को ही लोड हो गए थे. उन्होंने कहा कि बिजली क्षेत्र के लिए करीब 1.62 मिलियन टन कोयले की ढुलाई की तैयारी कल ही पूरी कर ली गई.
ट्रेन सेवाओं को निलंबित करना अंतरिम उपाय
रेलवे के अधिकारी ने जानकारी दी कि थर्मल पावर प्लांटों में कोयले की कमी के बीच अबाध आपूर्ति के लिए ट्रेनों को निलंबित किया जाना अंतरिम उपाय है. उन्होंने कहा कि हम दैनिक आधार पर स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जिन ट्रेनों को निलंबित किया गया है, उनमें कम व्यस्त रूट की ट्रेन शामिल हैं.
रेलवे ने कोयला ढुलाई के लिए बढ़ाई मालगाड़ियों की संख्या
मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, रेलवे की ओर से 240 पैसेंजर ट्रेनों को रद्द करने के साथ ही उसने कोयला से लदी मालगाड़ियों की औसत संख्या भी बढ़ा दी है. अब रोजाना 400 से ज्यादा ऐसी ट्रेनों को चलाया जा रहा है. सूत्रों के अनुसार, रेलवे ने कोयले की ढुलाई के लिए रोजाना 415 मालगाड़ियां मुहैया कराने का फैसला किया है ताकि कोयले की मांग को पूरा किया जा सके. इनमें से हर मालगाड़ी करीब 3,500 टन कोयला ढोने में सक्षम है.
पैसेंजर ट्रेन रद्द करने का हो रहा विरोध
वहीं, रेल मंत्रालय के हवाले से मीडिया की रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि रेलवे द्वारा पैसेंजर ट्रेनों को रद्द करने पर कई राज्यों में विरोध भी किया जा रहा है. रेल मंत्रालय का कहना है कि हमारे पास पैसेंजर ट्रेनों को रद्द करने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है. अभी हमारी प्राथमिकता यह है कि सभी पावर प्लांटों के पास कोयले का पर्याप्त भंडार हो, ताकि देश में बिजली का संकट पैदा न हो.
धर्मसंकट में फंसा रेल मंत्रालय
रेल मंत्रालय ने कहा कि हमारे लिए यह धर्मसंकट की स्थिति है. हमें उम्मीद है कि हम इस स्थिति से बाहर निकल जाएंगे. अधिकारी ने कहा कि थर्मल पावर प्लांट देशभर में फैले हैं, इसलिए रेलवे को लंबी दूरी की ट्रेनें चलानी पड़ रही है. बड़ी संख्या में कोयले से लदी मालगाड़ियां 3-4 दिन के लिए ट्रांजिट पर हैं. ईस्टर्न सेक्टर से बड़ी मात्रा में घरेलू कोयले को देश के दूसरे हिस्सों में भेजा जा रहा है.
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