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किसानों को मोदी सरकार का तोहफा, रबी फसलों की एमएसपी में बढ़ोतरी

Rabi Crops MSP: आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीए) ने विपणन वर्ष 2025-26 के लिए सभी जरूरी रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ोतरी पर अपनी मुहर लगा दी है. सरकार ने फसल उत्पादक किसानों को उनकी उपज पर लाभकारी मूल्य तय करने के लिए रबी फसलों के एमएसपी में बढ़ोतरी की है.

Rabi Crops MSP: केंद्र की मोदी सरकार ने लाखों सरकारी कर्मचारियों के साथ-साथ देश के करोड़ों किसानों को दिवाली का तोहफा दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार 16 अक्टूबर को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी करने का फैसला किया है. सरकार के इस कदम के बाद देश के करोड़ों किसानों की आदमनी में बढ़ोतरी होने की संभावना है.

रेपसीड और सरसों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में सबसे अधिक बढ़ोतरी

समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार को आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीए) ने विपणन वर्ष 2025-26 के लिए सभी जरूरी रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ोतरी पर अपनी मुहर लगा दी है. सरकार ने फसल उत्पादक किसानों को उनकी उपज पर लाभकारी मूल्य तय करने के लिए रबी फसलों के एमएसपी में बढ़ोतरी की है. रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार ने सबसे अधिक रेपसीड और सरसों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी की है. इन दोनों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में करीब 300 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है. इसके बाद दूसरे नंबर पर मसूर है, जिसके न्यूनतम समर्थन मूल्य में सरकार ने 275 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ोतरी करने का फैसला किया है.

गेहूं के समर्थन मूल्य में 150 रुपये क्विंटल बढ़ोतरी

मंत्रिमंडल की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सरकार ने चना, गेहूं, कुसुम और जौ के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 210 रुपये प्रति क्विंटल, 150 रुपये प्रति क्विंटल, 140 रुपये प्रति क्विंटल और 130 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ोतरी की है. उन्होंने कहा कि रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी केंद्रीय बजट 2018-19 में की गई घोषणा के अनुरूप है, जिसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य को अखिल भारतीय स्तर पर भारित औसत उत्पादन लागत के कम से कम 1.5 गुना के स्तर पर तय करने की घोषणा की गई थी.

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किसानों की बढ़ेगी आमदनी

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आगे कहा कि अखिल भारतीय भारित औसत उत्पादन लागत पर गेहूं के लिए अपेक्षित मार्जिन 105%, रेपसीड और सरसों के लिए 98%, मसूर के लिए 89%, चना के लिए 60%, जौ के लिए 60% और कुसुम के लिए 50% है. रबी फसलों के इस बढ़े हुए न्यूनतम समर्थन मूल्य से किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी होने की संभावना है.

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