20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

RBI MCP: मैद्रिक समीक्षा की बैठक आज से शुरू, आपके ब्याज दरों पर होगा फैसला, जानें क्या हो सकता है बदलाव

RBI MCP: भारतीय रिजर्व बैंक के द्वारा आज से मौद्रिक समीक्षा की बैठक की जा रही है. इस बैठक की अध्यक्षता गवर्नर शक्तिकांत दास के द्वारा की जा रही है.

RBI MCP: भारतीय रिजर्व बैंक के नये वित्त वर्ष (2024-25) के लिए मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की दो महीने पर होने वाली बैठकों की शुरुआत आज से हो गयी. एक आधिकारिक बयान के अनुसार, मौद्रिक समीक्षा की घोषणा सात अप्रैल को होगी. आमतौर पर, छह सदस्यीय समिति के सदस्य बैठक के तीसरे दिन एक प्रस्ताव पर मतदान करते हैं और आरबीआई गवर्नर मतदान पूरा होने के बाद बैठक के नतीजों की घोषणा करते हैं. समिति के सदस्य बैठक के पहले दो दिन मौद्रिक नीति से जुड़े विभिन्न विषयों पर विचार-विमर्श करते हैं. संबंधित क्षेत्रों के विशेषज्ञ अपनी बातें रखते हैं. शीर्ष बैंक ने बताया है कि इसके बाद अगली बैठक छह से आठ अगस्त, फिर सात से नौ अक्टूबर, उसके बाद चार से छह दिसंबर और अंतिम बैठक फरवरी में होगी. यह पांच से सात फरवरी को होगी.

नीतिगत दर फिर रह सकती है यथावत

भारतीय रिजर्व बैंक इस सप्ताह पेश मौद्रिक नीति समीक्षा एक बार फिर नीतिगत दर को यथावत रख सकता हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि इसका कारण आर्थिक वृद्धि को लेकर चिंता दूर होने और इसके करीब आठ प्रतिशत रहने के साथ केंद्रीय बैंक का अब और अधिक जोर मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत के लक्ष्य पर लाने पर हो सकता है. साथ ही, नीतिगत दर पर निर्णय लेने वाली आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) अमेरिका और ब्रिटेन जैसे कुछ विकसित देशों के केंद्रीय बैंकों के रुख पर गौर कर सकती है. ये केंद्रीय बैंक नीतिगत दर में कटौती को लेकर स्पष्ट रूप से ‘देखो और इंतजार करो’ का रुख अपना रहे हैं. विकसित देशों में स्विट्जरलैंड पहली बड़ी अर्थव्यवस्था है जिसने नीतिगत दर में कटौती की है. वहीं दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था जापान आठ साल बाद नकारात्मक ब्याज दर की स्थिति को समाप्त किया है.

Also Read: वर्ल्ड बैंक ने जताया भारतीय अर्थव्यवस्था पर भरोसा, ग्रोथ रेट का बढ़ाया अनुमा

क्या कहते हैं एक्सपर्ट

बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा कि मुद्रास्फीति अभी भी पांच प्रतिशत के दायरे में है और खाद्य मुद्रास्फीति के मोर्चे पर भविष्य में झटका लगने की आशंका है. इसको देखते हुए एमपीसी इस बार भी नीतिगत दर और रुख पर यथास्थिति बनाए रख सकता है. उन्होंने कहा कि जीडीपी अनुमान में संशोधन हो सकता है. इस पर सबकी बेसब्री से नजर होगी. उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में आर्थिक वृद्धि उम्मीद से कहीं बेहतर रही है और इसीलिए केंद्रीय बैंक को इस मामले में चिंताएं कम होंगी और वह मुद्रास्फीति को लक्ष्य के अनुरूप लाने पर ज्यादा ध्यान देना जारी रखेगा. देश की आर्थिक वृद्धि दर वित्त वर्ष 2023-24 की दिसंबर तिमाही में 8.4 प्रतिशत रही. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने पहली और दूसरी तिमाही के लिए जीडीपी वृद्धि के अनुमान को संशोधित कर क्रमश: 8.2 प्रतिशत और 8.1 प्रतिशत किया है जो पहले 7.8 प्रतिशत और 7.6 प्रतिशत था.
(भाषा इनपुट के साथ)

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें