रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी के लिए जियो प्लेटफार्म्स गेम चेंजर साबित हो रही है. दुनियाभर की बड़ी निवेश कंपनियों की नजर जियो पर है. रिलायंस इंडस्ट्रीज ने शुक्रवार को अपनी डिजिटल इकाई जियो प्लेटफार्म्स में अबू धाबी स्थित निवेश कंपनी मुबाडाला को 9,093.60 करोड़ रुपये में 1.85 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की घोषणा की. रिलायंस द्वारा बीते कुछ सप्ताह में यह ताबड़तोड़ छठा सौदा है, जिसके जरिए अब तक कुल 87,655.35 करोड़ रुपये जुटाए जा चुके हैं. इस धनराशि से समूह को कर्जमुक्त होने में मदद मिलेगी.
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फाइनेंशियल एक्सप्रेस के मुताबिक, जियो की इंटरप्राइजेज वैल्यू अब 5.16 लाख करोड़ हो गई है. वैल्यू के मामले में देखें तो जियो बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों में टॉप 3 में आ जाएगी. फिलहाल जियो के जरिए जहां मुकेश अंबानी डिजिटल किंग बनने की ओर कदम बढ़ा दिए हैं. वहीं इसका फायदा आरआईएल(RIL) को भी मिल रहा है. शुक्रवार के कारोबार में आरआईएल का शेयर 2 फीसदी की तेजी के साथ 1617.20 रुपये पर पहुंच गया जो नया हाई है. 23 मार्च को ही शेयर अपने 52 हफ्तों के लो 867.82 रुपये पर पहुंच गया था. 23 मार्च के लो से शेयर में 86 फीसदी तेजी आ चुकी है. इस तेजी के पीछे जियो के साथ 6 बड़ी डील का सबसे बड़ा योगदान रहा है. इसके साथ ही मुकेश अंबानी भी ब्लूमबर्ग बिलेनियर इंडेक्स में अमीरों की सूची में टॉप 12 में आ गए हैं.
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने एक बयान में बताया कि मुबाडला इन्वेस्टमेंट कंपनी (मुबाडला) जियो प्लेटफॉर्म में 9,093.60 करोड़ रुपये निवेश करेगी. इसके लिए इक्विटी मूल्य 4.91 लाख करोड़ रुपये और उद्यम मूल्य 5.16 लाख करोड़ रुपये आंका गया है. इस निवेश के साथ जियो प्लेटफार्म्स ने फेसबुक, सिल्वर लेक, विस्टा इक्विटी पार्टनर्स, जनरल अटलांटिक, केकेआर और मुबाडला जैसे प्रमुख वैश्विक प्रौद्योगिकी कंपनियों और निवेशकों के जरिए छह सप्ताह से कम समय में कुल 87,655.35 करोड़ रुपये जुटाए हैं.
फेसबुक ने 22 अप्रैल को जियो प्लेटफार्म्स में 43,574 करोड़ रुपये में 9.99 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी थी. इस डील के कुछ दिनों बाद दुनिया की सबसे बड़ी तकनीकी निवेशक सिल्वर लेक ने जियो प्लेटफार्म्स में 5,665.75 करोड़ रुपये में 1.15 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी थी. इसके बाद अमेरिका स्थित विस्टा इक्विटी पार्टनर्स ने 8 मई को जियो प्लेटफार्म्स में 11,367 करोड़ रुपये में 2.32 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी. वैश्विक इक्विटी फर्म जनरल अटलांटिक ने 17 मई को कंपनी में 6,598.38 करोड़ रुपये में 1.34 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल की. इसके बाद अमेरिकी इक्विटी निवेशक केकेआर ने 11,367 करोड़ रुपये में 2.32 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी.
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी जियो प्लेटफार्म्स एक प्रौद्योगिकी कंपनी है. रिलायंस जियो इंफोकॉम लिमिटेड, जिसके पास 38.8 करोड़ मोबाइल ग्राहक हैं, वह जियो प्लेटफार्म्स की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी बनी रहेगी.जियो पहले से ही ब्रॉडबैंड, स्मार्ट डिवाइसेज, क्लाउंड एंड एज कंप्यूटिंग, बिग डाटा एनालिटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इंटरनेट आदि में है. ग्लोबल डील से इन कारोबर को भी बूस्ट मिलेगा. ये डील साबित करती हैं कि जियो पर अब बड़े डिजिटल प्लेटफॉर्म के रूप में उभर रहा है
रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने कहा कि मुबाडला सर्वाधिक कुशाग्र और परिवर्तनकारी वैश्विक निवेशकों में है. उन्होंने कहा कि अबू धाबी के साथ अपने लंबे संबंधों के जरिए मैंने व्यक्तिगत रूप से यूएई की ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था के विविधीकरण और उसे वैश्विक रूप से जोड़ने में मुबाडला के काम के प्रभाव को देखा है. हमें उम्मीद है कि कंपनी को मुबाडाला के अनुभव से फायदा होगा.
मुबाडला इंवेस्टमेंट कंपनी के प्रबंध निदेशक और समूह सीईओ खलादून अल मुबारक ने कहा, हम तेजी से विकास करने वाली कंपनियों में निवेश करने और उनके साथ सक्रिय रूप से काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करने और नए अवसरों से फायदा उठाने के लिए तकनीकी के इस्तेमाल में अग्रणी हैं. उन्होंने आगे कहा, हमने देखा है कि जियो ने कैसे भारत में संचार और कनेक्टिविटी को पहले ही बदल दिया है, और एक निवेशक तथा साझेदार के रूप में, हम भारत की डिजिटल विकास यात्रा में मदद करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
Posted By: Utpal kant
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