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Rupees Vs Dollar: डूबते रुपये को बचाने के लिए भंडार से 30 बिलियन डॉलर खर्च कर सकती है RBI, जानें आज का रेट

Rupees Vs Dollar: डॉयचे बैंक की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि यह राशि खर्च करने के बाद भी भारत के पास इतना मुद्रा भंडार बचा रहेगा, जिससे वह अगले 10 माह का आयात बिल चुका सकता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि रुपया अमेरिकी डॉलर की तुलना में अपने सर्वकालिक निचले स्तर 83.30 के आसपास कारोबार कर रहा है.

Rupees Vs Dollar: डॉलर के मुकाबले कमजोर होते रुपये को संभालने की कोशिश में देश का शीर्ष बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया जूट गया है. एक रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि आरबीआई बाजार में रुपये की स्थिति को संभावने के लिए विदेशी मुद्रा भंडार से करीब 30 बिलियन डॉलर खर्च करने की योजना बना रहा है. वर्तमान में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार करीब 594 अरब डॉलर का है. डॉयचे बैंक की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि यह राशि खर्च करने के बाद भी भारत के पास इतना मुद्रा भंडार बचा रहेगा, जिससे वह अगले 10 माह का आयात बिल चुका सकता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि रुपया अमेरिकी डॉलर की तुलना में अपने सर्वकालिक निचले स्तर 83.30 के आसपास कारोबार कर रहा है.रिजर्व बैंक अस्थिरता को कम करने के लिए विदेशी मुद्रा बाजार में सक्रिय रूप से हस्तक्षेप कर रहा है.

सब्जी की कीमतों में गिरावट से कम होगी महंगाई

ब्रोकरेज ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि आरबीआई आसानी से रुपये को मजबूत करने के लिए कम से कम 30 अरब डॉलर खर्च कर सकता है. रुपया बृहस्पतिवार को कारोबार के अंत में डॉलर के मुकाबले पांच पैसे मजबूती के साथ 83.06 पर बंद हुआ. ब्रोकरेज का यह भी अनुमान है कि सब्जियों की कीमतों में गिरावट के कारण सकल मुद्रास्फीति सितंबर में तेजी से कम होकर पांच प्रतिशत पर आ जाएगी, जो अगस्त में 6.8 प्रतिशत थी.उसने कहा कि वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल का दाम बढ़कर 95 डॉलर प्रति बैरल हो गया है. इसमें कहा गया कि हालांकि, वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के दबाव के बावजूद आगामी महीनों में राज्यों के विधानसभा चुनावों और उसके बाद लोकसभा चुनाव के कारण ईंधन की कीमतों में बदलाव की संभावना नहीं है. रिपोर्ट में कहा गया कि केंद्र सरकार ने हाल ही में घरेलू रसोई गैस की कीमत 200 रुपये तक कम कर दी है, जिससे उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति में चौथाई प्रतिशत की कमी आएगी.

कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी से मुद्रास्फीति होगी प्रभावित

रिपोर्ट के अनुसार, कच्चे तेल की कीमतों में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी मुद्रास्फीति को 0.30 प्रतिशत तक प्रभावित कर सकती है. ब्रोकरेज ने वित्त वर्ष 2022-24 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 6.2 प्रतिशत रहने के अपने दृष्टिकोण को दोहराते हुए कहा कि अगर पेट्रोल और डीजल की घरेलू कीमतें नहीं बढ़ाई गईं, तो वृद्धि अनुमानों पर इसका प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है.

जेपी मॉर्गन द्वारा भारत को उभरते बाजार बांड सूचकांक में शामिल करने की घोषणा के कारण शुक्रवार को भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 27 पैसे अधिक खुला. इस कदम से अरबों डॉलर का महत्वपूर्ण प्रवाह आने की उम्मीद है. शुरुआती विनिमय दर 82.82 रुपये प्रति डॉलर थी, जो पिछले बंद 83.09 रुपये से बेहतर है.

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रुपया पांच पैसे की बढ़त के साथ 83.06 प्रति डॉलर पर

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया बृहस्पतिवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले पांच पैसे बढ़कर 83.06 (अस्थायी) पर बंद हुआ. कच्चे तेल की कीमतों में नरमी से रुपये को समर्थन मिला. विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व के अधिकारियों की सख्त टिप्पणियों के बाद डॉलर सूचकांक में बढ़ोतरी से भी रुपये पर दबाव पड़ा. उन्होंने कहा कि निवेशक बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक ऑफ जापान के नीतिगत निर्णय से पहले सतर्क बने हुए हैं. अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया डॉलर के मुकाबले 83.16 पर मजबूत खुला और दिन के कारोबार में 83.02-83.17 के दायरे में रहा. कारोबार के अंत में रुपया डॉलर के मुकाबले 83.06 (अस्थायी) पर बंद हुआ, जो पिछले बंद भाव से पांच पैसे की बढ़त है.

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रसातल में पहुंच गया था रुपया

रुपया बुधवार को सर्वकालिक निचले स्तर से उबरा था और 21 पैसे बढ़कर 83.11 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था. इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.18 प्रतिशत बढ़कर 105.51 पर पहुंच गया. वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 1.05 प्रतिशत गिरकर 92.55 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर था. बीएसई सेंसेक्स 570.60 अंक या 0.85 प्रतिशत गिरकर 66,230.24 अंक पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 159.05 अंक या 0.8 प्रतिशत गिरकर 19,742.35 पर आ गया. शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने सोमवार को शुद्ध रूप से 3,110.69 करोड़ रुपये के शेयर बेचे.

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