मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को नीतिगत दरों का ऐलान कर दिया है. केंद्रीय बैंक ने एक बार फिर नीतिगत दरों में किसी प्रकार का बदलाव नहीं किया है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि रेपो रेट बिना किसी बदलाव के साथ 4 फीसदी रहेगा. एमएसएफ रेट और बैंक रेट बिना किसी बदलाव के साथ 4.25 फीसदी रहेगा. रिवर्स रेपो रेट भी बिना किसी बदलाव के साथ 3.35 फीसदी रहेगा.
यह लगातार 10वीं बार ऐसा मौका है, जब आरबीआई ने नीतिगत दरों में किसी प्रकार का बदलाव नहीं किया है. आरबीआई गवर्नर ने कहा कि रेपो रेट 4 फीसदी और रिवर्स रेपो रेट 3.5 फीसदी पर बरकरार रहेगा, जबकि मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी रेट और बैंक रेट 4.25 फीसदी रहेगा. पॉलिसी का रुख ‘अकोमोडेटिव’ रखा गया है. एमपीसी के 6 में से 5 सदस्यों ने यह फैसला किया है. इससे पहले, रिजर्व बैंक ने आखिरी बार 22 मई 2020 को ब्याज दरों में बदलाव किया था.
बताते चलें कि आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक 8 फरवरी से शुरू हुई थी. शक्तिकांत दास ने गुरुवार को बैठक के दौरान हुए फैसलों की जानकारी दी. पिछले साल के दिसंबर में मौद्रिक नीति समिति की हुई पिछली बैठक में भी आरबीआई ने नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया था. उस समय भी केंद्रीय बैंक ने नीतिगत ब्याज दर को 4 फीसदी पर स्थिर रखा था.
बता दें कि आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति में गवर्नर को मिलाकर कुल 6 सदस्य होते हैं. इसमें तीन सरकार और तीन सदस्य आरबीआई के प्रतिनिधि होते हैं. समिति की बैठक में नीतिगत ब्याज दरों में बदलाव या स्थिर रखने का फैसला इन 6 सदस्यों की सहमति से किया जाता है. नीतिगत ब्याज दरों का सीधा असर लोन पर पड़ता है. ब्याज दरों में कमी से होम लोन, पर्सनल लोन, कार लोन सस्ता होते हैं. आरबीआई के इस फैसले से लोन सस्ता नहीं होगा.