Retail inflation : सब्जियों के सस्ता होने और अन्य खाद्य वस्तुओं के दामों में वृद्धि हल्की होने के बीच से खुदरा मुद्रास्फीति दिसंबर 2020 में 4.59 फीसदी पर आ गई. महंगाई दर का यह आंकड़ा 15 महीने के न्यूनतम स्तर पर है और भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई के लक्षित दायरे में है.
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय यानी एनएसओ के आंकड़े के अनुसार, खाद्य मुद्रास्फीति दिसंबर में घटकर 3.41 फीसदी रही, जो इससे पूर्व माह नवंबर में 9.5 फीसदी थी. चालू वित्त वर्ष में यह पहली बार है जब उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति 6 फीसदी से नीचे है. रिजर्व बैंक को खुदरा मुद्रास्फीति महंगाई दर 2- 6 फीसदी के बीच रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है.
मंगलवार को जारी सरकारी आंकड़े के अनुसार, नवंबर 2020 में खुदरा मुद्रास्फीति 6.93 फीसदी थी. दिसंबर 2019 में मुद्रास्फीति 7.35 फीसदी थी. इससे पहले सितंबर 2019 में मुद्रास्फीति न्यूनतम 4 फीसदी पर थी. दिसंबर में महंगाई दर में कमी में सब्जियों के दाम में सालाना आधार पर 10.41 फीसदी की गिरावट का बड़ा प्रभाव है.
सब्जियों की महंगाई दर दिसंबर में 10.41 फीसदी कम हुई है, जबकि नवंबर में रसोई में उपयोग होने वाले जरूरी सामान की मुद्रास्फीति 15.63 फीसदी बढ़ी थी. अनाज और उसके उत्पादों की महंगाई दर दिसंबर में 0.98 फीसदी रही, जो इससे पहले के महीने में 2.32 फीसदी थी. इसी प्रकार, मांस और मछली के साथ दलहन और उसके उत्पाद खंड में कीमत वृद्धि की दर धीमी रही.
रेटिंग एजेंसी इक्रा लि. की प्रधान अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि उम्मीद के अनुरूप मुख्य खुदरा मुद्रास्फीति (बिनिर्मित उत्पादों की मूल्य वृद्धि) दिसंबर में कुछ नरम होकर 5.5 फीसदी रही. आने वाले समय में कोरोना टीका आने के साथ मुख्य मुद्रास्फीति में सुधार सीमित रह सकती है.
उन्होंने कहा कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर मौद्रिक नीति समिति के 2021-22 में 4 फीसदी के लक्ष्य से ऊपर रहने की संभावना है. ऐसे में, मौजूदा चक्र में हम नीतिगत दर में कटौती की उम्मीद नहीं कर रहे. एक्यूट रेटिंग्स एंडरिसर्च के मुख्य विश्लेषण अधिकारी सुमन चौधरी ने कहा कि खाद्य मुद्रास्फीति में गिरावट ने थोड़ा अचंभित किया है. अब यह देखना है कि यह नीचे बनी रहती है या नहीं.
उन्होंने कहा कि हालांकि खुदरा मुद्रास्फीति एमपीसी के संतोषजनक स्तर के करीब पहुंच गया है, लेकिन हमारा मानना है कि इसमें और कमी की संभावना कम है और ब्याज दर के मार्चे पर यथास्थिति बनी रह सकती है. केंद्रीय बैंक को सरकार ने खुदरा मुद्रास्फीति 2 फीसदी घट-बढ़ के साथ 4 फीसदी पर रखने का लक्ष्य दिया हुआ है.
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