RIL AGM : देश की सबसे बड़ी मूल्यवान कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) 15 जुलाई को सालाना आम बैठक (AGM) का ऑनलाइन आयोजन करने ला रही है. इसके लिए कंपनी ने एक नया वर्चुअल प्लेटफॉर्म बनाया है. इसमें 500 स्थानों से 1 लाख से अधिक शेयरधारक एकसाथ लॉग करने का अनुमान है, लेकिन इस बीच निवेशकों और विश्लेषकों को कंपनी से अगले साल की रूपरेखा को लेकर कुछ और ही उम्मीद है. पिछले साल रिलायंस इंडस्ट्रीज समूह के मुकेश अंबानी ने जिन-जिन योजनाओं का ऐलान किया, करीब-करीब उन सभी घोषणाओं पर खरा उतरने का भरसक प्रयास किया. इन घोषणाओं में सबसे बड़ी घोषणा रिलायंस इंडस्ट्रीज समूह को ऋणमुक्त करना था. एजीएम से करीब एक महीना पहले ही उन्होंने अपने उस अहम वादे को पूरा करके दिखा दिया. विश्लेषकों की राय में जानते हैं कि 15 जुलाई को होने वाली एजीएम में मुकेश अंबानी किन-किन बातों पर जोर दे सकते हैं या क्या हो सकती है उनकी भविष्य की रूपरेखा…
पिछले एजीएम में तैयार किया था रोडमैप : मुकेश अंबानी ने अगस्त 2019 को अपने आखिरी एजीएम में रिलायंस इंडस्ट्रीज के लिए चार व्यापक कदम उठाने की रूपरेखा तैयारी की थी. उनमें मार्च 2021 तक कंपनी को ऋणमुक्त करने वाला रोडमैप पेश किया था, टेलीकॉम प्लेटफॉर्म जियो और रिलायंस रिटेल में निवेशकों को बेहतर ब्याज देना और सऊदी अरामको के साथ कंपनी के पेट्रोकेमिकल डिवीजन में 20 फीसदी हिस्सेदारी बिक्री और रियल एस्टेट और वित्तीय निवेशों के लिए और टॉवर/फाइबर केबल के बुनियादी ढांचे के निवेश ट्रस्टों के लिए मूल्य अनलॉकिंग करना शामिल था.
इन वादों को किया गया पूरा : मुकेश अंबानी ने पिछले साल के एजीएम में जिन मुख्य एजेंडे की घोषणा की थी, उसमें कंपनी पहले ही शेड्यूल से अच्छी तरह से शून्य शुद्ध ऋण कंपनी बनने के अपने वादे को पूरा कर चुकी है. इसके बाद कंपनी ने अपनी डिजिटल इकाई जियो प्लेटफॉर्म्स में 25.24 फीसदी हिस्सेदारी बेचकर 1.18 लाख करोड़ रुपये जुटाने की व्यवस्था कर ली है. वहीं, रिलायंस के मौजूदा शेयरधारकों को राइट इश्यू जारी कर 53,124 करोड़ रुपये भी जुटाने का भी इंतजाम किया है. इसके अलावा, ईंधन की खुदरा बिक्री कारोबार में 49 फीसदी हिस्सेदारी बेचकर 7,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं. कुल मिलाकर कंपनी ने 1.75 लाख करोड़ रुपये की पूंजी जुटाने की पक्की व्यवस्था कर ली है. कंपनी के ऊपर 31 मार्च 2020 को 1,61,035 करोड़ रुपये का शुद्ध कर्ज था. नये निवेश के बाद कंपनी शुद्ध रूप से कर्जमुक्त हो गयी है.
15 जुलाई को निवेशक और विश्लेषक इनका कर रहे हैं इंतजार : अब 15 जुलाई को रिलायंस इंडस्ट्रीज की होने वाली सालाना आम बैठक से निवेशकों और विश्लेषकों को ढेर सारी उम्मीदें बंधी हैं. बैंक ऑफ अमेरिका (बोफा) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि बुधवार को होने वाली एजीएम में निवेशकों के लिए सऊदी अरामको के साथ सौदे को आगे बढ़ाने पर कुछ नया किए जाने की संभावना है. वहीं, मॉर्गन स्टेनली ने अपने नोट में निवेशकों के लिए सऊदी अरामको के सौदे पर एक सूचीबद्ध किया है. उसकी रिपोर्ट में कहा गया है कि हम उम्मीद करते हैं कि निवेशक परिसंपत्ति मुद्रीकरण विवरण पर विशेष रूप से टेलीकॉम इनविट और सऊदी अरामको की हिस्सेदारी बिक्री पर ध्यान केंद्रित होगा. रिलायंस इंडस्ट्रीज की हालिया वार्षिक रिपोर्ट में इस बात का जिक्र भी किया गया है ककि कंपनी सऊदी अरामको सौदे को पूरा करने के लिए काम कर रही है. अंतिम एजीएम में घोषित किए गए सौदे के तहत अरामको को 75 बिलियन डॉलर के उद्यम मूल्य पर पेट्रोकेमिकल (ओ 2 सी) डिवीजन में 20 फीसदी हिस्सेदारी खरीदना था.
रिलायंस रिटेल में क्या हो सकता है नया? : रिलायंस रिटेल भारत की भारत की सबसे बड़ी ऑफलाइन कंपनी है. जैसा कि वार्षिक रिपोर्ट में बताया गया है कि वित्त वर्ष 2015 में 1800 से अधिक शहरों और कस्बों में 11,784 स्टोर पर 640 मिलियन फुटफॉल था. अपनी एक रिपोर्ट में जेपी मॉर्गन के विश्लेषकों का कहना है कि जियो प्लेटफॉर्म्स की हिस्सेदारी बिक्री के बाद कंपनी रिलायंस रिटेल पर अपना ध्यान केंद्रित कर सकती है. इसमें देखना यह होगा कि क्या कंपनी रिलायंस रिटेल के लिए किसी भी नए रणनीतिक भागीदार की घोषणा करेगी.
फाइबर क्षेत्र से भी विश्लेषकों को है उम्मीद : इसके साथ ही, निवेशकों और विश्लेषकों को समूह के फाइबर क्षेत्र से भी काफी उम्मीद है. करीब एक महीने पहले प्रकाशित रिपोर्ट में कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने लिखा था कि हम अब इस मोर्चे पर प्रगति देखेंगे. एफटीटीएच के लिए बुनियादी ढांचे के साथ-साथ कोविड-19 की दुनिया में उद्यम, व्यवसायों और फेसबुक द्वारा इसे आगे बढ़ाया जा सकता है.
Posted By : Vishwat Sen
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