Upcoming IPO: लिक्विड ग्लूकोज बनाने वाली अहमदाबाद की कंपनी सैनस्टार लिमिटेड का आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) 19 जुलाई 2024 को सब्सक्रिप्शन के लिए खुल जाएगा. इसका सब्सक्रिप्शन विंडो 23 जुलाई 2024 को बंद हो जाएगा. कंपनी ने इस आईपीओ का प्राइस बैंड 90 से 95 रुपये तय किया है, जिसका फेस वैल्यू 2 रुपये प्रति इक्विटी शेयर होगा. निवेशक न्यूनतम 150 इक्विटी शेयरों के लिए बोली लगा सकते हैं. इसके बाद 150 इक्विटी शेयरों के मल्टीपल में बोली लगाई जा सकती है. आईपीओ में 4.18 करोड़ इक्विटी शेयरों का फ्रेश इश्यू और प्रमोटर और प्रमोटर ग्रुप सेलिंग शेयरहोल्डर्स की 1.19 करोड़ इक्विटी शेयरों की सेल (OFS) शामिल है.
लिक्विड ग्लूकोज समेत कई बेकरी सामान बनाती है सैनस्टार
अहमदाबाद स्थित सैनस्टार लिमिटेड लिक्विड ग्लूकोज, ड्राइड ग्लूकोज सॉलिड, माल्टोडेक्सट्रिन, डेक्सट्रोज मोनोहाइड्रेट, नेटिव मेज स्टार्च, मॉडिफाइड मेज स्टार्च जैसे प्रोडक्ट ऑफर करती है. इसके को-प्रोडक्ट में जर्म्स, ग्लूटेन, फाइबर और मेज स्टीप लिकर जैसे उत्पादों की एक रेंज शामिल है. उनके स्पेशलिटी प्रोडक्ट और इन्ग्रेडियंट सॉल्यूशन्स फूड के टेस्ट, टेक्सचर और न्यूट्रिशनल वैल्यू को बढ़ाते हैं. इनका इस्तेमाल बेकरी प्रोडक्ट, कन्फेक्शनरी, पास्ता, सूप, केचप, सॉस, क्रीम और डेसर्ट जैसे विभिन्न खाद्य पदार्थों में इन्ग्रेडियंट, गाढ़ा करने वाले एजेंट, स्टेबलाइजर्स, स्वीटनर्स, इमल्सीफायर और एडिटिव्स के रूप में किया जाता है.
पैंटोमैथ कैपिटल एडवाइजर्स IPO का रनिंग लीड मैनेजर
वित्त वर्ष 2024 में इसके कंसॉलिडेटेड फाइनेंशियल स्टेटमेंट के आधार पर कंपनी का ऑपरेशन्स से रेवेन्यू 45.46 फीसदी की सीएजीआर से बढ़कर वित्त वर्ष 2022 में 504.40 करोड़ से बढ़कर वित्तीय वर्ष 2024 में 1,067.27 करोड़ रुपये हो गया. प्रॉफिट आफ्टर टैक्स वित्तीय वर्ष 2022 में 15.92 करोड़ रुपये से 104.79 फीसदी की सीएजीआर से बढ़कर 66.77 करोड़ रूपये तक पहुंच गया. सैनस्टार के आईपीओ का पैंटोमैथ कैपिटल एडवाइजर्स प्राइवेट लिमिटेड एकमात्र बुक रनिंग लीड मैनेजर है और लिंक इनटाइम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ऑफर का रजिस्ट्रार है. इक्विटी शेयरों को बीएसई और एनएसई पर लिस्ट करने का प्रस्ताव है.
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बुक बिल्डिंग प्रोसेस के जरिए IPO का ऑफर
ऑफर बुक बिल्डिंग प्रोसेस के माध्यम से किया जा रहा है. इसमें ऑफर का 50 फीसदी से अधिक हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स को अलोकेशन के लिए उपलब्ध होगा. ऑफर का कम से कम 15 फीसदी हिस्सा नॉन-इंस्टीट्यूशनल बायर्स को आवंटन के लिए उपलब्ध होगा. ऑफर का कम से कम 35 फीसदी हिस्सा रिटेल इंडिविजुअल बिडर्स को आवंटन के लिए उपलब्ध होगा.
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