11.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

‘जून से ही देश की अर्थव्यवस्था में शुरू हो गया सुधार आना, पुनरुद्धार के लिए चार महीने तक करना होगा इंतजार’

भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा है कि जून से भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति में सुधार आना शुरू हो गया है. कोविड-19 महामारी के कारण अर्थव्यवस्था पर काफी बुरा असर हुआ. देश के सबसे बड़े बैंक के प्रमुख का मानना है कि अब अर्थव्यवस्था की हालत सुधर रही है. एसबीआई बैंकिंग और इकनॉमिक्स सम्मेलन को संबोधित करते हुए कुमार ने कहा कि अर्थव्यवस्था में पुनरुद्धार के रुख को देखने के लिए अभी तीन से चार महीने का इंतजार करना होगा.

कोलकाता : भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा है कि जून से भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति में सुधार आना शुरू हो गया है. कोविड-19 महामारी के कारण अर्थव्यवस्था पर काफी बुरा असर हुआ. देश के सबसे बड़े बैंक के प्रमुख का मानना है कि अब अर्थव्यवस्था की हालत सुधर रही है. एसबीआई बैंकिंग और इकनॉमिक्स सम्मेलन को संबोधित करते हुए कुमार ने कहा कि अर्थव्यवस्था में पुनरुद्धार के रुख को देखने के लिए अभी तीन से चार महीने का इंतजार करना होगा.

कुमार ने वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा कि कोविड-19 ने भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए काफी दिक्कतें पैदा की हैं. इसके अलावा, इससे आपूर्ति शृंखला भी बुरी तरह प्रभावित हुई है. अप्रैल सबसे खराब महीना रहा. मई में इसमें कुछ सुधार हुआ. जून से अर्थव्यवस्था का पुनरुद्धार शुरू हो गया है. उन्होंने कहा कि इस महामारी से देश के औद्योगिक रूप से अग्रणी राज्य मसलन महाराष्ट्र, गुजरात और तमिलनाडु सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं.

कुमार ने कहा कि देश में रुक-रुक कर आंशिक लॉकडाउन की घोषणा हुई. इसकी वजह से आपूर्ति शृंखला बुरी तरह प्रभावित हुई. यह पूछे जाने पर कि क्या रिजर्व बैंक कर्ज की किस्त के भुगतान पर रोक की छूट को इस साल के अंत तक बढ़ाएगा, कुमार ने कहा कि समग्र रूप से इसे 31 अगस्त, 2020 के बाद आगे बढ़ाने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि कुछ क्षेत्र काफी अधिक प्रभावित हुए हैं. मेरा मानना है कि केंद्रीय बैंक इस बारे में सुविचारित तरीके से रुख तय करेगा.

कुमार ने कहा कि कोविड-19 प्रसार की वजह से कर्ज चुकाने वालों को जो छूट दी गयी, उस झटके को बैंक झेलने में सफल रहा. उन्होंने कहा कि एसबीआई के आंकड़े बताते हैं कि कोरोना वायरस संकट की वजह से उसका एनपीए बढ़ा है, लेकिन इसे संभाल लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि लोग अपने देनदारी बढ़ाने के प्रति काफी सतर्क हैं. खासतौर से खुदरा, कृषि और एमएसएमई क्षेत्र में यह सोच देखी गयी है.

एसबीआई चेयरमैन ने कहा कि औद्योगिक समूहों ने किस्त भुगतान से रोक के विकल्प को चुना. उनकी मंशा नकदी को बचाने की थी. ऐसा नहीं है कि वह भुगतान नहीं कर पा रहे थे. उन्होंने कहा कि विमानन, होटल और पर्यटन सबसे बुरी तरह प्रभावित क्षेत्र हैं जिन्हें मदद की जरूरत है.

Also Read: वित्त वर्ष 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था में होगी 5% की कमी, एसएंडपी ने लगाया ये अनुमान

Posted By : Vishwat Sen

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें