Share Market Closing Bell: भारतीय शेयर बाजार गुरूवार को प्री-ओपनिंग में गिर गया. हालांकि, थोड़ी ही देर में बाजार में फिर से हरियाली आ गयी. फिर शेयर बाजार में तेजी क्लोजिंग तक बरकरार रही. बीएसई सेंसेक्स 306 अंक चढ़ गया. विदेशी संस्थागत निवेशकों के पूंजी प्रवाह और आईटी शेयरों में लिवाली से बाजार में तेजी रही. अमेरिका में महंगाई दर में उम्मीद से ज्यादा कमी आने और बॉन्ड प्रतिफल में गिरावट से शेयर बाजार की धारणा मजबूत हुई है. तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 306.55 अंक यानी 0.47 प्रतिशत चढ़कर 65,982.48 अंक पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान एक समय यह 682.44 अंक तक चढ़ गया था. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 89.75 अंक यानी 0.46 प्रतिशत की बढ़त के साथ 19,765.20 अंक पर बंद हुआ. सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, टेक महिंद्रा, इन्फोसिस, बजाज फाइनेंस, एनटीपीसी, महिंद्रा एंड महिंद्रा और बजाज फिनसर्व में प्रमुख रूप से तेजी रही. दूसरी तरफ नुकसान में रहने वाले शेयरों में एक्सिस बैंक, पावर ग्रिड, आईटीसी और आईसीआईसीआई बैंक शामिल हैं.
वैश्विक बाजारों में सकारात्मक रुख का असर
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि घरेलू बाजार लगातार दूसरे दिन सकारात्मक दायरे में है. वैश्विक बाजारों में सकारात्मक रुख का असर यहां देखने को मिल रहा है. अमेरिका में मुद्रास्फीति का आंकड़ा उम्मीद से अधिक नरम होने और बॉन्ड प्रतिफल में कमी से इस बात की उम्मीद बंधी है कि प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में खर्च बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि निवेशक समझ रहे हैं कि आईटी और औषधि जैसे निर्यात आधारित क्षेत्र आने वाले समय में लाभ में हो सकते हैं. इसके अलावा मुद्रास्फीति में कमी से उपभोक्ता एवं अन्य क्षेत्रों को भी लाभ होगा. एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी लाभ में जबकि जापान का निक्की, चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में रहे. यूरोप के प्रमुख बाजारों में मिला-जुला रुख रहा. अमेरिकी बाजार बुधवार को बढ़त में रहे थे. वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.54 प्रतिशत घटकर 80.74 डॉलर प्रति बैरल रहा. शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक बुधवार को शुद्ध लिवाल रहे. उन्होंने 550.19 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे. सेंसेक्स बुधवार को 742.06 अंक और निफ्टी 231.90 अंक चढ़ा था.
रुपया 14 पैसे कमजोर होकर 83.23 प्रति डॉलर पर
विदेशी कोषों की निकासी के बीच विदेशी बाजारों में डॉलर के मजबूत होने से बृहस्पतिवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 14 पैसे कमजोर होकर 83.23 (अस्थायी) के भाव पर आ गया. विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि कच्चे तेल की कीमतों में कमी आने से डॉलर के मुकाबले रुपये की गिरावट को कुछ हद तक थामने में मदद मिली. अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले गिरावट के साथ 83.18 के भाव पर खुला. कारोबार के दौरान रुपया 83.17 से लेकर 83.25 के दायरे में रहा. कारोबार के अंत में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 83.23 (अस्थायी) के भाव पर बंद हुआ, जो इसके पिछले बंद स्तर के मुकाबले 14 पैसे की गिरावट है. बुधवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 24 पैसे बढ़कर 83.09 पर बंद हुआ था. एलकेपी सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष (शोध विश्लेषक) जतीन त्रिवेदी ने कहा कि डॉलर सूचकांक के 103.90 से बढ़कर 104.30 पर पहुंचने से रुपये को डॉलर के मुकाबले कमजोरी का सामना करना पड़ा. दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती को आंकने वाला डॉलर सूचकांक बृहस्पतिवार को 0.10 प्रतिशत चढ़कर 104.35 पर कारोबार कर रहा था.
कच्चे तेल की कीमत गिरी
अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.54 प्रतिशत कमजोर होकर 80.78 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल पर आ गया. विश्लेषकों ने कहा कि चीन में मांग नरम पड़ने के संकेत और अमेरिका में कच्चे तेल के भंडार में उम्मीद से अधिक साप्ताहिक वृद्धि होने से एशियाई व्यापार में तेल की कीमतें और गिरी हैं. शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) बुधवार को पूंजी बाजार में शुद्ध लिवाल रहे और उन्होंने 550.19 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे.
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