Share Market Closing Bell: ग्लोबल मार्केट से मिल रहे मजबूत संकेतों के बीच आज भारतीय शेयर बाजार हरे के निशान के साथ खुला. इसके बाद पूरे दिन बाजार में तूफानी तेजी बरकरार रही. क्लोजिंग के समय बीएसई सेंसेक्स 742 की बड़ी बढ़त के साथ बंद हुआ. ग्लोबल मार्केट में तेजी के बीच अमेरिका में महंगाई के अनुकूल आंकड़ों के साथ घरेलू बाजारों में उछाल आया. अमेरिका में मुद्रास्फीति को लेकर रिपोर्ट उत्साहजनक होने से केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा नीतिगत दर में और वृद्धि नहीं करने की संभावना बढ़ी है. तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 742.06 अंक यानी 1.14 प्रतिशत उछलकर 65,675.93 अंक पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान, यह एक समय 813.78 अंक तक चढ़ गया था. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 231.90 अंक यानी 1.19 प्रतिशत बढ़कर 19,675.45 अंक पर बंद हुआ. सेंसेक्स की कंपनियों में टेक महिंद्रा, टाटा मोटर्स, इन्फोसिस, विप्रो, टाटा स्टील, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, रिलायंस इंडस्ट्रीज और एक्सिस बैंक प्रमुख रूप से लाभ में रहीं. नुकसान में रहने वाले शेयरों में बजाज फाइनेंस, इंडसइंड बैंक और पावर ग्रिड शामिल हैं.
यूरोप के बाजारों में भी दिखी तेजी
एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की, चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग बढ़त में रहे. यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरुआती कारोबार में तेजी का रुख था. अमेरिकी बाजार मंगलवार को बढ़त में रहे थे. इस बीच, वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.78 प्रतिशत की गिरावट के साथ 81.83 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था. शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने मंगलवार को 1,244.44 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे. शेयर बाजार मंगलवार को बलि प्रतिपदा के मौके पर बंद रहे थे. इससे पहले, बीएसई सेंसेक्स सोमवार को 325.58 अंक और निफ्टी 82 अंक नीचे आया था. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, खुदरा मुद्रास्फीति अक्टूबर में चार माह के निचले स्तर 4.87 प्रतिशत पर आ गयी. मुख्य रूप से खाद्य वस्तुओं के दाम में नरमी से महंगाई कम हुई है. वहीं थोक मुद्रास्फीति में लगातार सातवें महीने गिरावट आई और यह शून्य से 0.52 प्रतिशत नीचे रही.
रुपया 21 पैसे की बढ़त के साथ 83.12 प्रति डॉलर पर
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया बुधवार को 21 पैसे की बढ़त के साथ 83.12 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ. अमेरिका में मुद्रास्फीति अनुमान से कम रहने के कारण डॉलर के कमजोर पड़ने के चलते स्थानीय मुद्रा को मजबूती मिली. विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि घरेलू शेयर बाजारों में मजबूत रुख और जोखिम लेने की भावना से भी रुपये को समर्थन मिला. उन्होंने कहा कि अमेरिकी मुद्रास्फीति के सितंबर, 2021 के बाद अपने सबसे निचले स्तर पर आने के बाद अमेरिकी मुद्रा कमजोर हुई जिससे रुपये में तेजी आई. अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 83.03 पर खुला और कारोबार के अंत में डॉलर के मुकाबले 83.12 पर बंद हुआ. इस तरह रुपये ने पिछले बंद भाव से 21 पैसे की बढ़त दर्ज की. दिन के कारोबार में रुपये ने 83.01 का ऊपरी और 83.19 का निचला स्तर देखा. रुपया सोमवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले पांच पैसे टूटकर 83.33 के अपने सर्वकालिक निचले स्तर पर बंद हुआ था. दिवाली बलिप्रतिपदा के अवसर पर मंगलवार को विदेशी मुद्रा बाजार बंद थे.
डॉलर पर पड़ा अमेरिकी मुद्रास्फीति का असर
बीएनपी पारिबा बाय शेयरखान के संयुक्त उपाध्यक्ष प्रवीण सिंह ने कहा कि अमेरिकी मुद्रास्फीति अनुमान से कम रही है और इसका असर अमेरिकी डॉलर सूचकांक पर पड़ा. यह सूचकांक मंगलवार को लगभग 1.50 प्रतिशत गिर गया. बाजार को अब नहीं लगता है कि दिसंबर में दरों में कोई बढ़ोतरी होगी, जबकि जनवरी में भी दरों में बढ़ोतरी की गुंजाइश घटकर महज सात प्रतिशत रह गई है. इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.20 प्रतिशत बढ़कर 104.25 पर था. इससे पहले सोमवार को डॉलर सूचकांक 105.77 पर था. वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.35 प्रतिशत गिरकर 82.18 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर आ गया. शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने सोमवार को शुद्ध रूप से 1,244.44 करोड़ रुपये के शेयर बेचे.
(भाषा इनपुट के साथ)
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