Share Market Analysis: वृहद आर्थिक आंकड़े, वैश्विक रुझान और विदेशी निवेशकों की गतिविधियां इस सप्ताह शेयर बाजारों की दिशा तय करेंगी. विश्लेषकों ने यह राय जताई है. बीते सप्ताह स्थानीय शेयर बाजारों में पिछले पांच हफ्तों की गिरावट का सिलसिला थम गया. शुक्रवार को बाजार ने अच्छी बढ़त दर्ज की. पिछले सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 500.65 अंक या 0.77 प्रतिशत की बढ़त में रहा, जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी में 169.5 अंक या 0.87 प्रतिशत का लाभ रहा. स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट लि. के वरिष्ठ तकनीकी विश्लेषक प्रवेश गौर ने कहा कि वैश्विक मोर्चे पर चीन के रियल एस्टेट बाजार में समस्या, डॉलर सूचकांक में उतार-चढ़ाव और अमेरिकी बॉन्ड पर प्रतिफल पूरे सप्ताह बाजार को आकार देने में भूमिका निभाएंगे. इसके अलावा एसएंडपी का वैश्विक सेवा पीएमआई, अमेरिका के बेरोजगारी के आंकड़े और फेडरल रिजर्व के मौद्रिक रुख पर परिदृश्य बाजार की दृष्टि से महत्वपूर्ण रहेगा.
मंगलवार को आएंगे पीएमआई के आकड़े
सेवा क्षेत्र के लिए पीएमआई (खरीद प्रबंधक सूचकांक) आंकड़े मंगलवार को आएंगे. मास्टर कैपिटल सर्विसेज के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अरविंदर सिंह नंदा ने कहा कि वृहद मोर्चे पर कुछ प्रमुख कारक जो आने वाले दिनों में बाजार को दिशा देंगे, एसएंडपी वैश्विक सेवा पीएमआई, यूरो क्षेत्र का एसएंडपी ग्लोबल कम्पोजिट पीएमआई, ब्रिटेन का सेवा पीएमआई, यूरो क्षेत्र के दूसरी तिमाही के जीडीपी आंकड़े, अमेरिका के कारखाना ऑर्डर के आंकड़े और कच्चे तेल के दाम. जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि किसी प्रमुख संकेतक के अभाव में घरेलू बाजार वैश्विक रुख से दिशा लेगा. इनमें अमेरिका के पेरोल और पीएमआई आंकड़े शामिल हैं. इसके अलावा कच्चे तेल की कीमतें और अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर भी बाजार की दिशा तय करेगी.
नई उम्मीद से देख रहे विदेशी निवेशक
कोटक सिक्योरिटीज के शोध प्रमुख (खुदरा) श्रीकांत चौहान ने कहा कि पिछले महीने सुस्त से नकारात्मक धारणा के बाद विदेशी निवेशक एक बार फिर भारतीय बाजारों की ओर नई उम्मीद से देख रहे हैं. इसकी वजह यह है कि भारत वैश्विक आर्थिक चुनौतियों से उबरकर ज्यादातर आर्थिक मोर्चों पर बेहतर प्रदर्शन कर रहा है. उन्होंने कहा कि पिछले पांच सत्रों में विदेशी निवेशक भारतीय शेयरों में शुद्ध लिवाल बने हुए हैं. हाल के आंकड़े मसलन पहली तिमाही का मजबूत सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का आंकड़ा, अगस्त माह का माल एवं सेवा कर (GST) संग्रह और पिछले महीने के बेहतर पीएमआई आंकड़ों की वजह से स्थानीय बाजारों के प्रति उनका भरोसा बढ़ सकता है.
(भाषा-इनपुट)
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