Share Market Capital: भारतीय शेयर बाजार के गिरते संभलते पिछले सप्ताह के कारोबार में देश की दस सबसे मूल्यवान कंपनियों के मार्केट कैप में बड़ा इजाफा हुआ है. हालांकि, भारतीय स्टेट बैंक (SBI) समेत कुछ कंपनियों के घाटा झेलना पड़ा है. शीर्ष 10 मूल्यवान कंपनियों में से सात का सम्मिलित रूप से बाजार मूल्यांकन पिछले सप्ताह 1,50,679.28 करोड़ रुपये बढ़ गया. बाजार में समग्र आशावादी रुझान रहने का सबसे ज्यादा लाभ सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) और इन्फोसिस को हुआ. पिछले सप्ताह बीएसई के मानक सूचकांक सेंसेक्स में 890.05 अंक यानी 1.37 प्रतिशत की उछाल दर्ज की गई. इस तेजी का लाभ रिलायंस इंडस्ट्रीज, टीसीएस, एचडीएफसी बैंक, इन्फोसिस, हिंदुस्तान यूनिलीवर, आईटीसी और भारती एयरटेल को हुआ. दूसरी तरफ शीर्ष 10 कंपनियों में शामिल आईसीआईसीआई बैंक, भारतीय स्टेट बैंक और बजाज फाइनेंस को अपने बाजार मूल्यांकन में गिरावट का सामना करना पड़ा. बीते सप्ताह टीसीएस का मूल्यांकन 62,148.99 करोड़ रुपये बढ़कर 12,81,637.63 करोड़ रुपये हो गया. इस तरह टीसीएस के मूल्यांकन में सर्वाधिक बढ़ोतरी दर्ज की गई.
इन्फोसिस को बड़ा मुनाफा
इन्फोसिस का बाजार पूंजीकरण 28,616.98 करोड़ रुपये बढ़कर 5,96,681.75 करोड़ रुपये हो गया. देश की अग्रणी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज का पूंजीकरण 28,111.41 करोड़ रुपये बढ़कर 15,93,893.03 करोड़ रुपये हो गया. वहीं एचडीएफसी बैंक का पूंजीकरण 11,136.61 करोड़ रुपये बढ़कर 11,42,215.81 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. हिंदुस्तान यूनिलीवर का बाजार मूल्यांकन 10,032.75 करोड़ रुपये बढ़कर 5,94,317.36 करोड़ रुपये और भारती एयरटेल का 6,828.74 करोड़ रुपये बढ़कर 5,32,585.63 करोड़ रुपये हो गया. आईटीसी ने भी आलोच्य अवधि में 3,803.8 करोड़ रुपये जोड़े, जिससे उसका मूल्यांकन बढ़कर 5,47,808.43 करोड़ रुपये हो गया. हालांकि सार्वजनिक क्षेत्र के भारतीय स्टेट बैंक का पूंजीकरण 14,502.5 करोड़ रुपये घटकर 5,02,589.52 करोड़ रुपये रह गया. इस दौरान आईसीआईसीआई बैंक का बाजार मूल्यांकन 11,308.97 करोड़ रुपये घटकर 6,46,254.41 करोड़ रुपये रह गया. बजाज फाइनेंस का बाजार मूल्यांकन भी 4,973.68 करोड़ रुपये घटकर 4,46,169.40 करोड़ रुपये हो गया. इसके साथ ही रिलायंस इंडस्ट्रीज ने देश की सबसे मूल्यवान कंपनी का तमगा बरकरार रखा है. उसके बाद टीसीएस, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, इन्फोसिस, हिंदुस्तान यूनिलीवर, आईटीसी, भारती एयरटेल, भारतीय स्टेट बैंक और बजाज फाइनेंस का स्थान रहा.
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एफपीआई में हुई पूंजी निकासी
अगस्त से ही विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) बड़े पैमाने पर भारतीय बाजारों से पूंजी की निकासी कर रहे हैं. जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार का कहना है कि अगस्त से लेकर 15 नवंबर तक एफपीआई ने कुल मिलाकर 83,422 करोड़ रुपये के शेयरों की शुद्ध बिकवाली की है. हालांकि इस अवधि में घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 77,995 करोड़ रुपये के शेयरों की खरीदारी की. डीआईआई के साथ व्यक्तिगत निवेशकों की खरीदारी ने एफपीआई की बिक्री को पूरी तरह से बेअसर कर दिया. विजयकुमार ने कहा कि डीआईआई और व्यक्तिगत निवेशकों की लिवाली का ही असर है कि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का सूचकांक निफ्टी एक बार फिर 19,700 के आसपास मौजूद है जहां वह अगस्त की शुरुआत में था. मास्टर कैपिटल सर्विसेज लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अरविंदर सिंह नंदा ने कहा कि बाजार वैश्विक और घरेलू व्यापक-आर्थिक आंकड़ों, अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल, कच्चे तेल के भंडारण, एफआईआई एवं डीआईआई के निवेश रुझान और डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल पर ध्यान केंद्रित करेगा.
1.57 प्रतिशत उछला निफ्टी
पिछले सप्ताह बीएसई का मानक सूचकांक सेंसेक्स 890.05 अंक यानी 1.37 प्रतिशत उछल गया, जबकि निफ्टी में 306.45 अंक यानी 1.57 प्रतिशत की तेजी रही. बीते सप्ताह बैंकिंग को छोड़कर सभी प्रमुख क्षेत्र इस तेजी में शामिल रहे और मजबूत लाभ दर्ज किया. व्यापक सूचकांकों ने अपनी उछाल बरकरार रखी और मिडकैप सूचकांक ने भी दो महीने के बाद अपनी रिकॉर्ड ऊंचाई हासिल कर ली. रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (तकनीकी अनुसंधान) अजीत मिश्रा ने कहा कि वैश्विक संकेत काफी हद तक इस प्रवृत्ति को तय कर रहे हैं और हमें उम्मीद है कि यह प्रवृत्ति आने वाले सप्ताह में भी जारी रहेगी.
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