नई दिल्ली : अमेरिका में वर्ष 2008 के बाद एक बार फिर बैंकिंग संकट छाने के आसार नजर आ रहे हैं. अमेरिका के बैंक विनियामकों ने देश के सबसे बड़े बैंकों में शुमार सिलिकॉन वैली बैंक को बंद करने का आदेश दिया है. इसके साथ ही, उसने फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (एफडीआईसी) को बैंक का रिसीवर नियुक्त करने का फैसला किया है. एफडीआईसी बैंकों में ग्राहकों की जमा रकम को सुरक्षित रखने के लिए जिम्मेदार है. खबर यह भी है कि सिलिकॉन बैंक के बंद होने से पहले निवेशकों ने तकरीबन 42 अरब डॉलर निकालने की कोशिश भी की.
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार को निवेशकों और जमाकर्ताओं ने सिलीकॉन वैली बैंक से करीब 42 अरब डॉलर निकालने की कोशिश की. कैलिफोर्निया के बैंक नियामक, वित्तीय संरक्षण और नवाचार विभाग की ओर से शुक्रवार को बैंक को बंद करने का आदेश दिया गया. इस आदेश के अनुसार, नौ मार्च को कारोबार की समाप्ति पर सिलिकॉन वैली बैंक के पास करीब 958 मिलियन डॉलर की नकदी बची हुई थी. यह आदेश ऋणदाता द्वारा सामना किए जाने वाले बैंक संचालन के पैमाने पर प्रकाश डालता है, जिसे सरकार नियामक फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस कॉर्प के रिसीवरशिप में रखा गया था. निवेशकों की ओर से निकासी के प्रयास का पैमाना इतना बड़ा था कि बैंक में नकदी ही समाप्त हो गई.
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका में पिछले 25 सालों में ऐसा दूसरी बार हुआ है, जब एफडीआईसी बीमित बैंक को बंद कर दिया गया है. इससे पहले, अक्टूबर 2020 में अलमेना स्टेट बैंक को भी बंद करने आदेश दिया गया था. रिपोर्ट के अनुसार, सिलिकॉन वैली बैंक का मुख्यालय और सभी शाखाएं अब 13 मार्च को दोबारा खुलेंगी और सभी बीमित डिपॉजिटर्स के पास सोमवार सुबह तक अपनी जमा राशि एक्सेस करना होगा. रिपोर्ट के अनुसार, 31 दिसंबर 2022 तक सिलिकॉन वैली बैंक की कुल संपत्ति करीब 209 अरब डॉलर थी और कुल डिपॉजिट करीब 175.4 अरब डॉलर था.
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पिछले 18 महीनों में फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी ने टेक कंपनियों में निवेशक को कम किया है. साथ ही निवेशकों के लिए जोखिम पैदा हुआ है. सिलिकॉन वैली बैंक तकनीकी उद्योग के संपर्क में था, जिस कारण इसके बैंकिंग पर बूरा प्रभाव पड़ा है. उधर बाकी के बैंकों के पास इससे बचने के लिए पर्याप्त पूंजी है. सिलिकॉन वैली बैंक की मूल कंपनी एसवीबी फाइनेंशियल ग्रुप के शेयरों में व्यापार बंद होने से पहले लगभग 70 प्रतिशत की गिरावट आई.
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