SIP vs PPF: भारत में जब लॉन्ग टर्म निवेश की बात आती है, तो लोग अपनी गाढ़ी कमाई का पैसा लगाने के बाद बंपर रिटर्न की उम्मीद करते हैं. लॉन्ग टर्म निवेश के लिए एसआईपी (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) और पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) को बेहतर ऑप्शन माना जाता है. ये दोनों विकल्प अलग-अलग वित्तीय लक्ष्यों पूरा करने और जोखिम उठाने की क्षमता रखते हैं. लेकिन, निवेश के दोनों विकल्पों से बेहतर रिटर्न की उम्मीद नहीं की जा सकती. आइए, जानते हैं कि एसआईपी और पीपीएफ में से कौन आपको बेहतर रिटर्न दे सकता है.
10 प्वाइंट में जानिए एसआईपी के फायदे
- एसआईपी के जरिए निवेशक किसी भी म्यूचुअल फंड में नियमित निवेश कर सकते हैं. इससे बचत होने के साथ-साथ मोटी रकम मिलने की संभावना अधिक रहती है.
- एसआईपी इक्विटी बाजार के प्रदर्शन से प्रभावित होता है, जो निवेशकों को बंपर रिटर्न की क्षमता रखता है.
- एसआईपी के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश करने पर निवेशकों को लॉन्ग टर्म में कंपाउंडिंग के साथ करीब 12% तक सालाना रिटर्न मिलता है.
- इसमें बाजार जोखिम भी शामिल है, जिससे मूल्य में उतार-चढ़ाव हो सकता है.
- एसआईपी का एक प्रमुख लाभ उसका लचीलापन है. निवेशक अपनी निवेश राशि और अवधि चुन सकते हैं.
- आमतौर पर वे आमतौर पर 1-2 कार्य दिवसों के भीतर अपनी सुविधानुसार अपना योगदान रोक सकते हैं या अपने निवेश को भुना सकते हैं.
- एसआईपी उच्च शिक्षा, विवाह या पैसा जमा करने जैसे दीर्घकालिक उद्देश्यों के लिए बेहतर हैं.
- एसआईपी समय के साथ आपके निवेश को बढ़ाने में चक्रवृद्धि की शक्ति महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
- एसआईपी से मिलने वाला रिटर्न म्यूचुअल फंड के प्रकार और होल्डिंग अवधि पर निर्भर करता है.
- इक्विटी-लिंक्ड सेविंग स्कीम (ईएलएसएस) सेक्शन 80सी के तहत टैक्स बेनिफि प्रदान करती हैं.
10 प्वाइंट में जानें पीपीएफ के फायदे
- पीपीएफ सरकार की एक बचत योजना है.
- गारंटीड रिटर्न के साथ दीर्घकालिक बचत के लिए डिजाइन किया गया है.
- पीपीएफ जोखिम से बचने वाले निवेशकों को आकर्षित करता है.
- पीपीएफ में निवेश करने पर निवेशकों को 7.1% तक सालाना रिटर्न मिलता है.
- पीपीएफ में जमा पैसों पर मिलने वाले रिटर्न को सरकार समय-समय पर बदलती रहती है.
- पीपीएफ में 15 साल तक निवेश करने पर रिटायरमेंट या बच्चे की शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण दीर्घकालिक लक्ष्यों को पूरा किया जा सकता है.
- सरकार की यह योजना लंबी लॉक-इन अवधि बचत के प्रति प्रतिबद्धता को मजबूत करती है.
- पीपीएफ से आंशिक निकासी केवल सातवें वर्ष के बाद ही की जा सकती है.
- आंशिक निकासी से पीपीएफ लिक्विडिटी कम हो जाती है, लेकिन यह सुनिश्चित होता है कि भविष्य की जरूरतों के लिए पैसा सुरक्षित रहेगा
- पीपीएफ में निवेश करने पर आयकर की धारा 80सी के तहत कटौती का लाभ मिलेगा. इसके अर्जित मूलधन और ब्याज दोनों टैक्स फ्री हैं.
एसआईपी किसे चुनना चाहिए?
एसआईपी उन निवेशकों के लिए बेहतरीन है, जिनकी आमदनी स्थिर है. उनके पास बाजार जोखिमों से निपटने की क्षमता है. एसआईपी विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभदायक हैं जो मध्यम से दीर्घावधि वित्तीय लक्ष्य, जैसे शिक्षा, विवाह, या समय के साथ संपत्ति का निर्माण करना चाहते हैं.
पीपीएफ किसे चुनना चाहिए?
पीपीएफ वैसे निवेशकों के लिए सबसे बेहतर है, जो सुरक्षा और गारंटीड रिटर्न को प्राथमिकता देते हैं. यह रिटायरमेंट प्लानिंग या दीर्घकालिक वित्तीय सुरक्षा के लिए एक बेहतरीन विकल्प है, जो टैक्स फ्री रिटर्न देता है और लंबी अवधि में अनुशासित बचत को मजबूत करता है.
एसआईपी से ऐसे होगी 25.22 लाख की कमाई
एसआईपी में अगर आप 15 साल के लिए हर महीने 5000 रुपये जमा करेंगे, तो 12% सालाना रिटर्न के आधार पर आपको करीब 25 लाख रुपये से अधिक मिलेंगे. इसे ऐसे समझिए कि अगर आप एसआईपी में हर महीने 5000 रुपये जमा करते हैं, तो आपकी निवेश राशि 9 लाख रुपये होती है. इस पर 12% सालाना ब्याज के हिसाब आपको 16,22,880 रुपये का रिटर्न मिलेगा. अब निवेश राशि और रिटर्न की रकम को जोड़ देंगे, तो 15 साल में आपके पास करीब 25,22,880 रुपये जमा हो जाएंगे.
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पीपीएफ से 16.27 लाख तक रिटर्न
वहीं, अगर आप पीपीएफ में 15 साल तक हर साल 60,000 रुपये जमा करते हैं, तो आपको सालाना करीब 7.1% रिटर्न मिलेगा. इन 15 सालों में आपके पास कुल निवेश की रकम 9 लाख रुपये जमा होगी. 7.1% सालाना रिटर्न के हिसाब से 15 साल में आपको 7,27,284 रुपये का रिटर्न मिलेगा. अब आप निवेश राशि और 15 साल में मिलने वाले रिटर्न को जोड़ देंगे, तो आपके खाते में कुल करीब 16,27,284 रुपये जमा होंगे. अब आप गौर करें कि 15 साल तक एसआईपी में पैसा जमा करने पर आपको जितनी रकम रिटर्न के तौर पर मिलेगी, पीपीएफ में जमा करने पर आपको उतना पैसा निवेश रकम और ब्याज मिलाने के बाद मिलेगा.
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