Suraj Estate IPO: सूरज एस्टेट डेवलपर्स लिमिटेड का आईपीओ सोमवार से सब्सक्रिप्शन के लिए खुल गया. इसके लिए आवेदन 20 दिसंबर तक किया जा सकता है. हालांकि, निवेशकों ने पहले दिन पैसा लगाने में थोड़ी सुस्ती दिखाई. सोमवार को सब्सक्रिप्शन के पहले दिन इश्यू केवल 72 प्रतिशत सब्सक्राइब हो सका. आईपीओ में अभी तक 58.69 लाख शेयरों के लिए बोलियां मिली है. जबकि, कंपनी ऑफर में करीब 82 लाख से ज्यादा शेयर हैं. कंपनी ने इश्यू का 340-360 रुपये के बीच प्राइस बैंड तय किया है. कंपनी इस आईपीओ के जरिए 400 करोड़ रुपये जुटाने की कोशिश कर रही है. सूरज एस्टेट डेवलपर्स लिमिटेड के शेयर ग्रे मार्केट में व्यापार के लिए उपलब्ध हैं. सोमवार को ग्रे मार्केट में शेयर पर 70 रुपये का प्रीमियम पर उपलब्ध था, जो इसके पिछले सप्ताह के अंत में जीएमपी 56 रुपये से 14 रुपये अधिक है.
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
जियोजित फाइनेंस के मुताबिक, सूरज एस्टेट डेवलपर्स लिमिटेड (एसईडीएल) की स्थापना सितंबर 1986 में हुई थी. अब ये बाजार की एक प्रमुख रियल एस्टेट निर्माण कंपनी है. कंपनी के पास आवासीय और वाणिज्यिक क्षेत्रों में 35 वर्षों से अधिक का अनुभव है, जिसका प्राथमिक ध्यान वैल्यू लक्जरी, लक्जरी और कॉमर्शियल क्षेत्र में है. मुंबई में विकास नियंत्रण और संवर्धन विनियम (डीसीपीआर) के विनियमन 33(7) के तहत किरायेदार संपत्तियों के पुनर्विकास में विशेषज्ञता है. उनका प्राथमिक परिचालन फोकस दक्षिण-मध्य क्षेत्र है, जिसमें माहिम, माटुंगा, दादर, प्रभादेवी और परेल शामिल हैं. 1986 से 2023 तक, SEDL ने 42 परियोजनाओं को सफलतापूर्वक पूरा किया है. इसमें आवासीय और वाणिज्यिक दोनों विकास शामिल हैं (97.62% पुनर्विकास परियोजनाएं हैं). SEDL की प्रतिष्ठित परियोजनाएं ICICI अपार्टमेंट, NEAT हाउस, सारस्वत बैंक भवन, CCIL भवन आदि हैं. एनारॉक रिसर्च के अनुसार, 2016 से H1FY23 तक, SEDL शीर्ष डेवलपर्स में अग्रणी है, अवशोषण (इकाइयों में) के अनुसार ~ 17.25% की बाजार हिस्सेदारी रखता है. दक्षिण मध्य मुंबई में, म्हाडा (महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी) के आंकड़ों से पता चलता है कि कुल 19,642 पुरानी, खतरनाक और जीर्ण-शीर्ण इमारतें हैं, जिनका अभी तक पुनर्विकास नहीं किया गया है, जो सूरज जैसे पुनर्विकासकर्ताओं के लिए एक बड़ा अवसर प्रदान करता है.
सूरज एस्टेट डेवलपर्स आईपीओ से जुड़े महत्वपूर्ण विवरण
1. आईपीओ जीएमपी: कंपनी के शेयर आज ग्रे मार्केट में ₹70 के प्रीमियम पर उपलब्ध हैं, जो कि इसके सप्ताहांत जीएमपी ₹56 से ₹14 अधिक है.
2. आईपीओ मूल्य: रियल एस्टेट कंपनी ने सूरज एस्टेट आईपीओ का मूल्य बैंड ₹340 से ₹360 प्रति इक्विटी शेयर तय किया है.
3. सूरज एस्टेट डेवलपर्स आईपीओ की तारीख: सार्वजनिक निर्गम आज खुल गया है और यह 20 दिसंबर 2023 तक खुला रहेगा.
4. आईपीओ का आकार: कंपनी का लक्ष्य नए शेयर जारी करके इस सार्वजनिक निर्गम से ₹400 करोड़ जुटाने का है.
5. आईपीओ लॉट साइज: एक बोली लगाने वाला लॉट में आवेदन कर सकेगा और आईपीओ के एक लॉट में 41 कंपनी के शेयर शामिल होंगे.
6. आईपीओ आवंटन तिथि: टी+3 लिस्टिंग नियम के मद्देनजर, शेयर आवंटन की सबसे संभावित तारीख 21 दिसंबर 2023 है.
7. आईपीओ रजिस्ट्रार: लिंक इनटाइम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को सार्वजनिक पेशकश के आधिकारिक रजिस्ट्रार के रूप में नियुक्त किया गया है.
8. आईपीओ लिस्टिंग: सार्वजनिक निर्गम बीएसई और एनएसई पर सूचीबद्ध होने के लिए प्रस्तावित है.
9. आईपीओ लिस्टिंग की तारीख: शेयर लिस्टिंग की संभावित तारीख 26 दिसंबर 2023 है.
आईपीओ क्या होता है
आईपीओ का पूरा नाम Initial Public Offering है. यह एक वित्तीय प्रक्रिया है जिसमें किसी प्राइवेट कंपनी ने अपने स्टॉक के खुले बाजार में निवेशकों के लिए प्रस्तावना जारी करने का निर्णय लिया होता है. यह उस कंपनी के लिए पहली बार होता है जब वह खुले बाजार में अपने शेयरों को बेचने के लिए जाती है. जब एक कंपनी आईपीओ जारी करती है, तो वह अपने शेयरों का प्रचार प्रसार करती है और इंवेस्टर्स को अपने शेयरों को खरीदने का मौका देती है. आईपीओ के माध्यम से कंपनी उसके स्टॉक को सार्वजनिक और न्यूजीज माध्यमों के माध्यम से निवेशकों के लिए उपलब्ध कराती है ताकि वे उसे खरीद सकें. आईपीओ के माध्यम से कंपनी अधिकतर अपने स्टॉक के लिए नए निवेशकों को खींचने की कोशिश करती है और इसके माध्यम से कंपनी अधिकतर पूंजी एकत्र करके अपने विकास और वित्तीय योजनाओं को पूरा करती है. यह निवेशकों के लिए एक आकर्षक विकल्प होता है क्योंकि यह उन्हें एक सार्वजनिक कंपनी के मालिक बनाने का अवसर प्रदान करता है.
सेकेंड हैंड आईपीओ का बाजार है ग्रे मार्केट
ग्रे मार्केट को आसान शब्दों में IPO का सेकेंड हैंड बाजार कहा जा सकता है. इसका अर्थ है कि आईपीओ जारी होने के बाद आप सीधे शेयर बाजार से खरीदारी करने के बजाये किसी निवेशक जिसने पहले से कंपनी में निवेश कर रखा है उससे आईपीओ की खरीदारी करते हैं. इस ग्रे मार्केट में सबसे बड़ी परेशानी ये आती है कि इसमें काम करने वाले सेलर, ब्रोकर और ट्रेडर कहीं भी रजिस्टर्ड नहीं होते हैं. इस बाजार में कोई नियम कानून नहीं है. केवल भरोसे और व्यक्तिगत बातचीत पर कारोबार होता है. वहीं, पैसे फंसने पर रिकवरी भी आपको खुद अपने माध्यम से ही करनी पड़ती है.
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