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England के बाद अब नीदरलैंड में वित्तीय सहायता चाहती है टाटा स्टील, जानें क्यों कंपनी को चाहिए इतना पैसा

Tata Group: टाटा स्टील अपने परिचालन को कॉर्बन-मुक्त (Decarbonization) करने की योजना के लिए नीदरलैंड सरकार से वित्तीय सहायता चाहती है.

Tata Group की स्टील कंपनी टाटा स्टील के लिए हाल ही में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक (Rishi Sunak) ने 5,150 करोड़ रुपये का ग्रांट देने का ऐलान किया था. कंपनी को ये पैसा कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए दिया जाना है. अब, टाटा स्टील अपने परिचालन को कॉर्बन-मुक्त (Decarbonization) करने की योजना के लिए नीदरलैंड सरकार से वित्तीय सहायता चाहती है. समझा जा रहा है कि वहां की सरकार की तरफ से अगर टाटा स्टील को वित्तिय मदद मिलती है तो इससे कंपनी को बड़ी मदद के रुप में देखा जाएगा. टाटा स्टील ने अक्टूबर, 2021 में टाटा स्टील-यूके और टाटा स्टील-नीदरलैंड को टाटा स्टील-यूरोप से दो स्वतंत्र कंपनियों के रूप में अलग करके बनाया था. टाटा स्टील के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) एवं प्रबंध निदेशक टी वी नरेंद्रन ने कहा कि नीदरलैंड में हम जल्द ही नियामकीय और वित्तीय सहायता के लिए वहां की सरकार को एक विस्तृत ‘डीकार्बोनाइजेशन’ प्रस्ताव देंगे. टाटा स्टील-नीदरलैंड उत्सर्जन और स्वास्थ्य मानकों को लेते हुए अपने परिचालन को कॉर्बन-मुक्त करने के तौर तरीकों पर गहनता से काम कर रही है. टाटा स्टील ने बयान में कहा कि दोनों पक्ष इस परियोजना की विस्तृत शर्तों पर चर्चा करेंगे.

70 लाख टन सालाना क्षमता का संयंत्र है टाटा स्टील नीदरलैंड

टाटा स्टील की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि कंपनी का निदेशक मंडल उचित समय पर इस परियोजना को मंजूरी देने को लेकर विचार करेगा. कंपनी ने नीदरलैंड में अपने परिचालन को कॉर्बन-मुक्त करने की योजना पर और जानकारी नहीं दी है. नीदरलैंड में कंपनी के पास आईम्यूदेन में 70 लाख टन सालाना क्षमता का संयंत्र है. कंपनी का लक्ष्य यूरोप में 2050 तक सीओ2-निरपेक्ष इस्पात का उत्पादन करने का है. इससे पहले 15 सितंबर को टाटा स्टील और ब्रिटेन सरकार ने कंपनी के पोर्ट टालबोट इस्पात संयंत्र की डीकार्बोनाइजेशन योजनाओं के लिए 1.25 अरब पाउंड के संयुक्त निवेश पर सहमति दी है.

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ब्रिटेन के प्लान में 50 करोड़ डॉलर योगदान ब्रिटेन सरकार

टाटा स्टील ने कहा कि इस 1.25 अरब पाउंड में से 50 करोड़ डॉलर योगदान ब्रिटेन सरकार का होगा. वर्तमान में कंपनी में बड़ी संख्या में कर्मचारी काम कर रहे हैं. इसके साथ ही, कंपनी के पास कई अच्छे वर्क ऑडर भी हैं. वहीं, टाटा स्टील और ब्रिटिश सरकार ने संयुक्त रूप से 1.25 अरब पाउंड के निवेश के साथ पोर्ट टैलबोट साइट पर हाईटेक इलेक्ट्रिक आर्क फर्नेस स्टील प्लांट लगाने के लिए डील किया है. इसके लिए ब्रिटेन की सरकार ने करीब 50 करोड़ पाउंड का ग्रांट कंपनी को दिया है.

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क्या है नीदरलैंड स्टील का इतिहास

इस स्टील प्लान की स्थापना 1918 में हुई थी. 2007 में कोरस ग्रुप के द्वारा इस संपत्ति को बेच दिया गया. इसे भारत के टाटा स्टील के द्वारा खरीद लिया गया. 2010 में इसका नाम बदलकर टाटा स्टील यूरोप कर दिया गया. 2021 में, कंपनी एक ब्रिटिश (टाटा स्टील यूके) और एक डच (टाटा स्टील नीदरलैंड) शाखा में विभाजित हो गई, ये सीधे भारतीय मूल कंपनी टाटा स्टील के अंतर्गत आती हैं और टाटा स्टील यूरोप का अस्तित्व समाप्त हो गया.

(भाषा इनपुट के साथ)

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