20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

कोरोना संकट के बीच देश की तस्वीर बनी या बिगड़ी? जानिए आर्थिक सर्वेक्षण 2022 की 10 बड़ी बातें

वित्त वर्ष 2020-21 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 7.3 प्रतिशत की गिरावट आई थी. आर्थिक समीक्षा भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति को मजबूत बनाने के लिए आपूर्ति-पक्ष के मुद्दों पर केंद्रित है.

नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को संसद के बजट सत्र के पहले दिन सदन के पटल पर आर्थिक समीक्षा (Economic survey) पेश की. इसमें वित्त वर्ष 2022-23 के लिए सरकार के बजट से पहले अर्थव्यवस्था की स्थिति का ब्योरा दिया गया है. आर्थिक समीक्षा में वित्त वर्ष 2022-23 (अप्रैल 2022 से मार्च 2023) के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था के 8-8.5 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान लगाया गया है.

वहीं, राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के अनुमान के मुताबिक, आर्थिक वृद्धि दर 9.2 प्रतिशत रह सकती है. समीक्षा 2021-22 में अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों की स्थिति के साथ ही वृद्धि में तेजी लाने के लिए किए जाने वाले सुधारों का ब्योरा दिया गया है. वित्त वर्ष 2020-21 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 7.3 प्रतिशत की गिरावट आई थी. आर्थिक समीक्षा भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति को मजबूत बनाने के लिए आपूर्ति-पक्ष के मुद्दों पर केंद्रित है.

Also Read: Budget 2022: संसद का बजट सत्र होगा हंगामेदार, विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरने के लिए विपक्ष ने कसी कमर
आर्थिक सर्वेक्षण 2022 10 बड़ी बातें

  1. आर्थिक समीक्षा के मुताबिक, वित्त वर्ष 2021-22 में जीडीपी वृद्धि दर 9.2 प्रतिशत रहेगी. आर्थिक गतिविधियां महामारी-पूर्व के स्तर पर पहुंचने के आसार हैं.

  2. वित्त वर्ष 2022-23 में देश की आर्थिक वृद्धि दर 8-8.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है. भारतीय अर्थव्यवस्था पहले के मुकाबले बेहतर स्थिति में पहुंच सकती है.

  3. आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था बेहतर स्थिति में है और यह 2022-23 की चुनौतियों से निपटने में सक्षम है.

  4. आर्थिक समीक्षा के मुताबिक, महामारी के कारण हुए नुकसान से निपटने के लिए भारत की आर्थिक प्रतिक्रिया मांग प्रबंधन के बजाय आपूर्ति-पक्ष में सुधार पर केंद्रित रही है.

  5. वित्त वर्ष 2022-23 में वृद्धि को व्यापक टीकाकरण, आपूर्ति-पक्ष में किए गए सुधारों से हासिल लाभ एवं नियमन में दी गई ढील से समर्थन मिलेगा.

  6. मजबूत निर्यात वृद्धि और राजकोषीय गुंजाइश होने से पूंजीगत व्यय में तेजी आएगी जिससे अगले वित्त वर्ष में वृद्धि को समर्थन मिलेगा.

  7. वित्तीय प्रणाली अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार के लिए समर्थन देने की बेहतर स्थिति में, निजी निवेश तेज होगा.

  8. आर्थिक समीक्षा में 8-8.5 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि का अनुमान कच्चे तेल का भाव 70-75 डॉलर प्रति बैरल पर रहने के आधार पर जताया गया है, जबकि कच्चे तेल के मौजूदा भाव 90 डॉलर प्रति बैरल के दायरे में हैं.

  9. वित्त वर्ष 2020-21 में महामारी के दौरान घाटे में वृद्धि और कर्ज संकेतक बढ़ने के बाद वर्ष 2021-22 में सरकार की वित्तीय स्थिति में मजबूती आएगी.

  10. समीक्षा 2021-22 में अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों की स्थिति के साथ ही वृद्धि में तेजी लाने के लिए किए जाने वाले सुधारों का ब्योरा दिया गया है.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें