Budget 2024: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा एक फरवरी को आम बजट पेश किया जाने वाला है. इसे लेकर लोगों में काफी आकंक्षाएं हैं. हालांकि, ये बजट अंतरिम (Interim Budget 2024) होगा. केंद्र सरकार के इस कार्यकाल का ये आखिरी बजट होगा. ऐसे में सरकार, चुनाव पूर्व बजट में समाज के पांच प्रमुख वर्गों- महिलाओं, गरीबों, युवाओं, किसानों और आदिवासियों के लिए कल्याणकारी योजनाओं पर ध्यान केंद्रित करने के लिए तैयारी कर रही है. जानकार बताते हैं कि बजट में समाज के इन वर्गों के लिए मौजूदा योजनाओं के आवंटन में वृद्धि देखने को मिल सकती है. साथ ही, सरकार नई योजनाओं की घोषणा की सकती है. एचटी मीडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, बजट से जुड़े सूत्रों ने बताया कि बजट में समाज के इन वर्गों के लिए बनाई गई योजनाओं पर जोर दिया जाएगा. उदाहरण के लिए, युवाओं की आकांक्षाओं को संबोधित करते हुए शिक्षा और कौशल विकास पर विशेष ध्यान दिया जाएगा.
पीएम मोदी के विजन को मिलेगी मजबूती
केंद्र ने 2023-24 में स्कूली शिक्षा और साक्षरता और उच्च शिक्षा को संभालने वाले दो विभागों के लिए ₹1.12 लाख करोड़ से अधिक का आवंटन किया. महिलाओं के विकास के पीएम मोदी के दृष्टिकोण को देखते हुए महिला कल्याण भी 1 फरवरी को सीतारमण के बजट भाषण का एक प्रमुख स्तंभ होगा. मध्य प्रदेश में हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में महिला मतदाता केंद्र बिंदु थीं. राज्य चुनाव में कांग्रेस और भाजपा दोनों ने महिलाओं के लिए योजनाओं की पेशकश की थी. आदिवासी विकास मंत्रालय के लिए 2023-24 में हुए आवंटन को तेजी से बढ़ाया गया था. सूत्रों के अनुसार, यह प्रवृत्ति 2024-25 में भी जारी रहने वाली है. 2023-24 के बजट में, मंत्रालय के लिए आवंटन में लगभग 71% की वृद्धि देखी गई, जिसका एक बड़ा हिस्सा एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय (ईएमआरएस) कार्यक्रम के लिए गया, जो अनुसूचित जनजाति के बच्चों को कक्षा छह से ग्यारह तक मुफ्त शिक्षा प्रदान करता है. आदिवासियों तक इन योजनाओं को पहुंचाने के उद्देश्य से ही प्रधानमंत्री के द्वारा 15 नवंबर को झारखंड के खूंटी से विकासशील भारत संकल्प यात्रा की शुरूआत की गयी थी.
पीएम किसान की बढ़ सकती है राशि
केंद्रीय बजट में पीएम-किसान सम्मान निधि के तहत मिलने वाली राशि में भी संभावित वृद्धि होने की संभावना है. सूत्रों के अनुसार, किसानों को मिलने वाली राशि में करीब 33 प्रतिशत की वृद्धि की जा सकती है. इस योजना के तहत, छोटे और सीमांत किसानों को हर साल ₹6,000 ट्रांसफर किए जाते हैं. 2023-24 में, केंद्र ने इस योजना के लिए ₹60,000 करोड़ आवंटित किए, जो 2024-25 में आनुपातिक रूप से बढ़ सकता है. हालांकि, सरकार अगले वित्त वर्ष के लिए विभिन्न मंत्रालयों के लिए सटीक बजटीय आवंटन पर फिलहाल काम कर रही है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
सेंटर फॉर स्टडी ऑफ सोसाइटी एंड पॉलिटिक्स के निदेशक एके वर्मा बताते हैं कि बजट के माध्यम से समाज के कमजोर वर्गों की जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ अलग से सुधार करने और व्यापार आसान बनाने की रणनीति से एनडीए सरकार को जनता के साथ चुनाव पूर्व अच्छे से जुड़ने में मदद मिलेगी. सरकार पहले से ही राजनीति में समावेशिता के पहलू पर ध्यान केंद्रित कर रही है. मोदी सरकार वर्ग की राजनीति में परिवर्तित हो गई है. भारतीय राजनीति को परंपरागत रूप से जाति-केंद्रित के रूप में देखा जाता है. अब वर्ग-केंद्रित हो गई है. जो भारतीय राजनीति में एक बुनियादी बदलाव है. आने वाले सालों में इसका असर, राज्यों में भी देखने को मिलेगा. इसका सीधा फायदा आमलोगों को मिलेगा.
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