23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

यूपीआई पर टूट पड़े लोग, एक झटके में बना दिया रिकॉर्ड

UPI Transactions: यूपीआई ने भारत में डिजिटल पेमेंट को नया आयाम दिया है. दिसंबर 2024 में यूपीआई लेनदेन की संख्या और मूल्य दोनों में जोरदार वृद्धि हुई. एनपीसीआई और यूपीआई की भूमिका ने डिजिटल लेनदेन को तेज, सुरक्षित और सुविधाजनक बनाया है.

UPI Transactions: साल 2024 के दिसंबर महीने में भारत के लोग डिजिटल पेमेंट करने के लिए यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) पर टूट पड़े. लोगों ने इसके जरिए पैसों का इतना अधिक ट्रांजेक्शन किया कि एक रिकॉर्ड बन गया. भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) के आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर 2024 में यूपीआई के जरिए लेनदेन की संख्या दिसंबर 2024 में 8% बढ़कर रिकॉर्ड 16.73 अरब हो गई. यह बढ़ोतरी भारत में डिजिटल पेमेंट सिस्टम की बढ़ती लोकप्रियता और सुविधा को दर्शाती है.

यूपीआई पेमेंट में ग्रोथ

नवंबर 2024 में यूपीआई लेनदेन की संख्या 15.48 अरब थी. दिसंबर में कुल लेनदेन का मूल्य 23.25 लाख करोड़ रुपये रहा, जो नवंबर में 21.55 लाख करोड़ रुपये था. लोग यूपीआई के जरिए बड़े पैमाने पर लेनदेन कर रहे हैं, जिससे इसका महत्व बढ़ता जा रहा है.

यूपीआई के जरिए रोजाना औसत लेनदेन

दिसंबर 2024 में रोजाना औसतन 53.97 करोड़ लेनदेन हुए. नवंबर 2024 में यह आंकड़ा 51.1 करोड़ था. रोजाना लेनदेन का औसत मूल्य दिसंबर में 74,990 करोड़ रुपये था. नवंबर में यह 71,840 करोड़ रुपये था. दिसंबर में न केवल यूपीआई लेनदेन की संख्या में बल्कि इसके मूल्य में भी महत्वपूर्ण बढ़ोतरी दर्ज की गई.

इसे भी पढ़ें: दो ही दिन में खत्म हो गई शेयर बाजार की तेजी, नए साल के तीसरे दिन सेंसेक्स-निफ्टी लुढ़के

यूपीआई का कहां-कहां होता है इस्तेमाल

भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) भारत में डिजिटल लेनदेन की देखरेख करता है. एनपीसीआई यूपीआई का संचालन करता है, जो डिजिटल पेमेंट का एक सुरक्षित और विश्वसनीय माध्यम है. यूपीआई की मदद से लोग आपस में पैसे भेजते हैं, दुकानों पर भुगतान करते हैं और बिलों का निपटान करते हैं. यह प्रक्रिया न केवल तेज और आसान है, बल्कि यह नकद लेनदेन पर निर्भरता को भी कम करती है.

इसे भी पढ़ें: Gold Rate: लगतार खरीदारी बढ़ने से खरमास में भी सोना हुआ मजबूत, चांदी में आई तेजी

यूपीआई का भारत में तेजी से बढ़ रहा चलन

भारत में डिजिटल भुगतान का चलन तेजी से बढ़ रहा है. यह न केवल बड़े शहरों में बल्कि छोटे कस्बों और ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोकप्रिय हो रहा है. यूपीआई ने भारत को एक कैशलेस अर्थव्यवस्था की दिशा में अग्रसर किया है. इसके इस्तेमाल से समय की बचत होती है और यह प्रक्रिया पारदर्शी और सुरक्षित है. इससे लेनदेन करना हर किसी के लिए सरल और सुलभ हो गया है.

इसे भी पढ़ें: SIP: एचडीएफसी के इस फंड को आधा भारत नहीं जानता, वर्ना 1000 देकर बन जाता 2 करोड़ का मालिक

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें