वाशिंगटन : अमेरिका ने महत्वपूर्ण क्षेत्रों में मध्यम से उच्च दक्षता वाले एच-1बी पदों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करने की घोषणा की है. अमेरिका ने कहा है कि वह इस पर ‘एक श्रमबल प्रशिक्षण कार्यक्रम’ की शुरुआत करेगा, जिसके लिए 15 करोड़ डॉलर खर्च करेगा. इसमें सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र (IT Sector) भी शामिल है, जिसमें हजारों की संख्या में भारतीय पेशेवर काम करते हैं.
क्या है एच-1बी वीजा?
एच-1बी गैर-आव्रजक वीजा होता है, जिसके तहत अमेरिकी कंपनियों को विशेष तकनीकी दक्षता वाले पदों पर विदेशी पेशेवरों को नियुक्त करने की अनुमति होती है. इस वीजा के जरिये प्रौद्योगिकी क्षेत्र की कंपनियां हर साल भारत और चीन जैसे देशों से हजारों कर्मचारियों की नियुक्ति करती हैं.
आईटी सेक्टर, साइबर सिक्योरिटी और ट्रांसपोर्ट में दी जाएगी ट्रेनिंग
अमेरिकी श्रम विभाग ने कहा कि मुख्य रूप से सूचना प्रौद्योगिकी या आईटी, साइबर सुरक्षा, आधुनिक विनिर्माण, परिवहन जैसे क्षेत्रों में ‘एच-1बी एक श्रमबल अनुदान कार्यक्रम’ का इस्तेमाल किया जाएगा. इस कार्यक्रम के तहत मौजूदा के साथ नई पीढ़ी के कर्मचारियों को भी प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे भविष्य के लिए श्रमबल तैयार किया जा सके.
कोरोना ने श्रम बाजार को किया प्रभावित
विभाग ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी की वजह से न केवल श्रम बाजार प्रभावित हुआ है, बल्कि इसके चलते कई शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करने वालों तथा नियोक्ताओं को सोचना पड़ रहा है कि वे अपने कर्मचारियों को कैसे प्रशिक्षित करें. इस अनुदान कार्यक्रम के तहत विभाग का रोजगार एवं प्रशिक्षण प्रशासन अधिक एकीकृत श्रमबल प्रणाली को प्रोत्साहन के लिए वित्तपोषण और संसाधनों को तर्कसंगत बनाएगा.
इस अनुदान के लिए आवेदन करने वालों को नवोन्मेषी प्रशिक्षण रणनीतियों के जरिये कर्मचारियों को प्रशिक्षण देना होगा. इनमें ऑनलाइन और अन्य प्रौद्योगिकी आधारित प्रशिक्षण शामिल है. स्थानीय सार्वजनिक-निजी-भागीदारी के तहत आवेदकों को अपने समुदायों के बीच कर्मचारियों को आवश्यक कौशल का प्रशिक्षण देना होगा, जिससे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में एच-1 बी वाले पदों के लिए मध्यम से उच्च कौशल वाले कर्मचारी उपलब्ध होंगे.
Posted By : Vishwat Sen
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