Credit Card Annual Charges: गुजरात के वडोदरा शहर में रहने वाले फार्मासिस्ट राजेश राठवा क्रेडिट कार्ड पर लगने वाले 500 रुपये वार्षिक शुल्क बचाना चाहते थे. लेकिन, साइबर फ्रॉर्ड करने वाले गिरोह ने लाखों रुपये का चूना लगा दिया. पीड़ित पर अब 6.20 लाख रुपये से अधिक का लोन है. जिसके लिए उन्होंने कभी आवेदन नहीं किया था.
राजेश राठवा ने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ तालुका पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है. राठवा को कुछ समय पहले एक्सिस बैंक से क्रेडिट कार्ड के लिए कॉल आई थी. उन्होंने प्रस्ताव स्वीकार कर लिया और कार्ड कूरियर के माध्यम से उनके घर भेज दिया गया. लेकिन, राठवा ने कार्ड को एक्टिवेट नहीं किया, क्योंकि इसकी सालाना फीस 500 रुपये थी. 15 अप्रैल को उनके पास एक शख्स का फोन आया, जिसने अपना नाम सौरभ शर्मा बताया और खुद को एक्सिस बैंक का कर्मचारी बताया.
फोन करने वाले ने राठवा से पूछा कि उसने अपना क्रेडिट कार्ड एक्टिव क्यों नहीं किया. राठवा ने उनसे कहा कि उन्होंने ऐसा नहीं किया, क्योंकि 500 रुपये का वार्षिक शुल्क बहुत अधिक था. फोन करने वाले ने राठवा से कहा कि वह कार्ड को मुफ्त में एक्टिव कर सकते है. इसके लिए उसने राठवा से कुछ विवरण लिया और जीमेल सत्यापन के लिए भी कहा. राठवा ने फोन करने वाले से कहा कि अगर यह कार्ड मुफ्त में एक्टिवेट होगा तो वह इसका इस्तेमाल करेगा. जैसे ही उन्होंने कार्ड और बैंक डिटेल शेयर की, उनके खाते में तीन किस्तों में करीब 6.20 लाख रुपये जमा हो गए. वह आश्चर्यचकित रह गए और फ्रॉड कॉल करने वाले से इस बारे में पूछताछ की. उसने कहा, हो सकता है कि किसी बैंकिंग त्रुटि के कारण पैसा जमा हो गया हो.
जालसाज ने राठवा से कहा कि वह लोन रद्द कर देगा और कुछ घंटों के भीतर, उसके खाते से 4.89 लाख रुपये डेबिट हो गए और अगले दिन 1.32 लाख रुपये डेबिट हो गए. ठग ने राठवा को फोन किया और उसे बताया कि उसका लोन रद्द कर दिया गया है और रद्दीकरण के बारे में अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) उन्हें ईमेल कर दिया जाएगा. लेकिन, जब राठवा ने बैंक का ऐप खोला तो क्रेडिट कार्ड मेनू में 10,000 रुपये की लंबित ईएमआई दिखाई दी. तभी उन्हें एहसास हुआ कि शायद उसके साथ धोखाधड़ी की गई है. 17 अप्रैल को वह बैंक गए तो पता चला कि उसके कार्ड पर लोन लिया गया है और वह रद्द नहीं हुआ है. पुलिस का कहना है कि वे उस बैंक खाते का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं जिसमें राठवा के बैंक खाते से पैसे ट्रांसफर किए गए थे. साथ ही, जांच बैंक पर भी केंद्रित होगी, क्योंकि धोखाधड़ी करने वाले को राठवा के क्रेडिट कार्ड के बारे में पता था और यह सक्रिय नहीं था.
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