भारत के रक्षा लेखा विभाग (DAD) ने देश के शीर्ष पेंशन मंजूरी प्राधिकरण को एक पत्र लिखा है जिसमें यह कहा गया है कि वह सुप्रीम कोर्ट के दो साल पुराने आदेश का पालन करें जिसमें यह कहा गया था कि उन महिला सैन्य अधिकारियों को पेंशन दें, जिन्हें रिटायरमेंट का लाभ नहीं मिला है.
डिफेंस एकाउंट्स डिपार्टमेंट ने इलाहाबाद स्थित प्रिंसिपल कंट्रोलर ऑफ डिफेंस अकाउंट्स (पेंशन), या पीसीडीए (पी) को लिखा है कि शॉर्ट-सर्विस कमीशन पर नियुक्त महिला अधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार पेंशन लाभ दे और इस मामले का तेजी से निपटारा करे.
विभाग के एक अन्य अधिकारी के हवाले से हिंदुस्तान टाइम्स ने खबर प्रकाशित की है जिसमें यह कहा गया है कि इन महिला अधिकारियों को फरवरी के लिए उनकी पेंशन के साथ-साथ महीने के अंत तक कई लाख का एरियर भी मिल जायेगा. डीएडी का नेतृत्व रक्षा लेखा महानियंत्रक करते हैं.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने शाॅट सर्विस कमीशन पर नियुक्त महिला सेना अधिकारियों को पेंशन देने का आदेश दिया था. यह आदेश 2020 में दिया गया था जिसके बाद से महिला सेना अधिकारी पेंशन के लिए पात्र हो गयीं. ये अधिकारी पिछले एक साल से वित्तीय कठिनाइयों का सामना कर रही थीं क्योंकि उन्हें एक साल से पेंशन का भुगतान नहीं किया गया था.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से शाॅट सर्विस कमीशन पर नियुक्त महिला अधिकारी 20 साल की सेवा के बाद जब रिटायर होंगी तो वे पेंशन की पात्र होंगी. रक्षा अधिकारियों के लिए पेंशन पाने के लिए न्यूनतम सेवा की उम्र 20 वर्ष है.
महिला अधिकारियों ने इस आदेश का स्वागत किया है और कहा कि अंतत: उनके सिर से बोझ हट गया है. हमें खुशी है कि हमें आखिरकार हमारा बकाया मिल जाएगा. लंबा इंतजार खत्म हुआ. हम अंततः अपने लिए वित्तीय योजना बना सकते हैं. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 17 फरवरी, 2020 के आदेश में कहा था कि 20 साल से अधिक की सेवा वाली एसएससी महिला अधिकारी जिन्हें परमानेंट कमीशन नहीं दिया गया है, वे नीतिगत निर्णय के अनुसार पेंशन पर सेवानिवृत्त होंगी.
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