World Bank Report: भारत की अर्थव्यवस्था काफी तेजी से विकास कर रही है. इस विकास में भारत के बाहर रहने वाले भारतियों का भी बड़ा योगदान है. वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, प्रवासियों से धन पाने के मामले में इस साल भी भारत टॉप पर बरकरार है. रिपोर्ट के अनुसार, भारत से बाहर रहने वाले करीब तीन करोड़ भारतीयों ने इस साल अपने देश में 125 अरब डॉलर भेजा है. इस मामले में दूसरे देशों से भारत काफी आगे है. लिस्ट में दूसरे नंबर पर मैक्सिको है. यहां के प्रवासियों ने 67 अरब डॉलर भेजा है. जबकि, तीसरे स्थान पर भारत का पड़ोसी देश चीन है. यहां के प्रवासियो ने केवल 50 अरब डॉलर अपने देश भेजा है. भारत सरकार के विदेश मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, हर साल देश से करीब 25 लाख लोग दूसरे देशों में काम के लिए जाते हैं. इसमें सबसे ज्यादा लोग अमेरिका जाते हैं. काम के मामले में अमेरिका के बाद, यूएई और साऊदी अरब भारतीयों की पसंदीदा जगह है. हालांकि, रिपोर्ट में आशंका जाहिर की गयी है कि साल 2024 में महंगाई और ग्रोथ रेट में गिरावट के कारण प्रवासियों की इनकम में गिरावट आएगी जिससे रेमिटेंस में कमी आएगी.
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लो और मिडिल इनकम वाले देशों में रेमिटेंस हुई तेज
प्रवासियों के देश में धन भेजने से जुड़े वर्ल्ड बैंक के रिपोर्ट के अनुसार, लो और मिडिल इनकम वाले देशों के लिए 2023 में रेमिटेंस में करीब 3.8 फीसदी की तेजी आई. अमेरिका, ब्रिटेन, सिंगापुर और खाड़ी देशों में कुशल और अकुशल श्रमिकों के मजबूत आधार के परिणामस्वरूप 2024 में प्रवाह में 8% की वृद्धि होकर लगभग 135 बिलियन डॉलर होने की उम्मीद है. भारत में भेजे गए धन से प्रेरित होकर, दक्षिण एशिया में प्रवाह 2023 में 7.2% बढ़कर 189 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है, जो 2022 में 12% से अधिक की वृद्धि से कम है. ये प्रवाह भारत जैसे देश के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में गिरावट और उच्च व्यापार घाटा के प्रभाव को कम करने में मदद करता है . इसमें कहा गया है कि 2023 में प्रेषण वृद्धि के प्रमुख चालक अमेरिका में ऐतिहासिक रूप से तंग श्रम बाजार, यूरोप में उच्च रोजगार वृद्धि, कर्मचारी प्रतिधारण कार्यक्रमों के व्यापक लाभ को दर्शाते हैं. उच्च आय वाले देशों में मुद्रास्फीति में कमी है. अमेरिका लगातार धन प्रेषण का सबसे बड़ा स्रोत बना हुआ है. उसके बाद सऊदी अरब है. हालांकि, सकल घरेलू उत्पाद के हिस्से के रूप में, सऊदी अरब के पास अमेरिका की तुलना में बाह्य प्रेषण की मात्रा काफी अधिक है. शीर्ष स्रोत देशों में खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) के कई देश शामिल हैं. मुद्रास्फीति में गिरावट और उच्च आय स्रोत वाले देशों में मजबूत श्रम बाजार हैं, जिसने अमेरिका, ब्रिटेन और सिंगापुर में उच्च कुशल भारतीयों से प्रेषण को बढ़ावा दिया, जो सामूहिक रूप से भारत में कुल प्रेषण प्रवाह का 36% हिस्सा है.
रेमिटेंस मनी क्या होता है
रेमिटेंस मनी से आमतौर पर एक विदेशी देश से दूसरे विदेशी देश या विदेशी देश से अपने मूल देश में पैसे भेजने की प्रक्रिया को कहा जाता है. इसे आमतौर पर रेमिटेंस या रेमिटेंस पेमेंट भी कहा जाता है. यह पैसा विभिन्न कारणों से भेजा जा सकता है, जैसे कि परिवार का सहारा, शिक्षा खर्च, चिकित्सा खर्च, यात्रा खर्च, व्यापार इत्यादि. यह विदेशी देशों के लिए एक अहम आर्थिक उपाय हो सकता है. रेमिटेंस विभिन्न तरीकों से किया जा सकता है, जैसे कि बैंक ट्रांसफर, वित्तीय सेवा प्रदाताओं के माध्यम से, या ऑनलाइन मनी ट्रांसफर सेवाओं के जरिए. रेमिटेंस मनी का उपयोग पैसे भेजने और प्राप्त करने के लिए सुरक्षित और तेज तरीके के रूप में किया जाता है और यह व्यक्तिगत और व्यापारिक उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है.
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