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धैर्य, बेहतर निवेश प्लान और जुनून से बना सकते हैं बड़ी पूंजी

बचत करने के बाद सही तरीके से निवेश करते हुए आप भविष्य के लिए एक बड़ी पूंजी बना सकते हैं. आज के समय 50 से 55 साल के उम्र में लोग अपनी इच्छा से सेवानिवृत होने के बाद भी बिंदास जीवन जी रहे हैं. गौर करें तो पायेंगे कि उनके पास पर्याप्त पूंजी है और आर्थिक रूप से मजबूत हैं.

आज के दौर में हर कोई अधिक से अधिक पैसा चाहता है. इसलिए बचत करने के बाद सही तरीके से निवेश करते हुए आप भविष्य के लिए एक बड़ी पूंजी बना सकते हैं. आज के समय रिटायरमेंट के लिए लोग उम्र के 60 तक पहुंचने का इंतजार नहीं कर रहे. 50 से 55 साल के उम्र में लोग अपनी इच्छा से सेवानिवृत हो रहे हैं. इसके बावजूद वे बिंदास जीवन जी रहे हैं. गौर करें तो पायेंगे कि उनके पास पर्याप्त पूंजी है और आर्थिक रूप से मजबूत हैं. इसलिए यह जरूरी है कि आप भी बचत के पैसे को सही तरीके से निवेश करते हुए अपने आप को आर्थिक रूप से मजबूत करें. मौर्या एसएंडएसबी प्राइवेट लिमिटेड, पटना के निदेशक शशि चरण पहाड़ी ने बताया कि ज्यादा लाभ कमाने के चक्कर में निवेशक पूंजी बाजार में इक्विटी के पूर्व रिटर्न को देखते हुए निवेश करते हैं. यह सबसे बड़ी गलती है. पिछला रिटर्न देख कर किया गया निवेश नुकसानदायक साबित हो सकता है. उन्होंने बताया कि निवेश की सफलता के छह मंत्र हैं.

पिछला रिटर्न देख कर न लें निवेश का फैसला

जिस तरह कार को पीछे देख कर आगे नहीं चला सकते हैं, तो फिर पिछले रिटर्न को देख कर निवेश करने की क्यों सोचना? यह देखा गया है कि जो फंड सबसे ज्यादा रिटर्न दिया है, वह आगे चलकर अच्छा रिटर्न देने में कामयाब नहीं हो पाता. ऐसे कई उदाहरण हैं. इसलिए निवेश करते समय हमेश भविष्य में होनेवाले बदलावों, वैश्विक बाजार की गतिविधियों के साथ-साथ सरकार द्वारा की गयी घोषणाओं पर ध्यान देना चाहिए. इस बात पर जोर देना चाहिए कि सरकार किस-किस सेक्टर में कितना निवेश करने जा रही है. किस सेक्टर के लिए क्या सुविधाएं और छूट दे रही है, जिससे उस सेक्टर में तेजी आने की संभावना है. इन सारी बातों को ध्यान में रख कर निवेश करना चाहिए.

नुकसानदायक है कम समय का इक्विटी निवेश

टूरिस्ट वीसा पर इक्विटी निवेश नुकसानदायक साबित हो सकता है यानी कम समय के लिए किया गया इक्विटी निवेश में नुकसान होने की संभावना अधिक होती है. जब बाजार बढ़ता है, तो सुनकर जोश में आकर जोखिम को समझे बिना निवेश करना और फिर करेक्शन होते ही घबराकर पैसा निकाल लेने से घाटे का सामना करना पड़ता है. इक्विटी में निवेश हमेशा लंबी अवधि यानी कम से कम पांच साल के लिए सोच कर करनी चाहिए. इक्वटी निवेश को सीधे तौर इस तरह से समझना चाहिए कि आप बिजनेस में पैसा लगा रहे है. बिजनेस कभी भी कम समय में मुनाफा नहीं देता है.

मीठा फल देता है संतुलित तरीके से किया गया निवेश

योग और निवेश में ज्यादा अंतर नहीं होता है. आप अपने आप को कितना बैलेंस (संतुलित) कर पाते हैं, यह योग से सीखा जा सकता है. ठीक इसी प्रकार बाजार के उतार-चढ़ाव में आप अपने आप को कितना बैलेंस यानी संतुलित रख पाते हैं यह निवेश की दृष्टि से महत्वपूर्ण है. योग आपके हेल्थ को बेहतर बनाये रखता है उसी प्रकार संतुलित निवेश आपको आर्थिक मजबूती प्रदान करता है. लंबे समय तक बने रहने पर हेल्थ और वेल्थ दोनों बने रहते हैं.

निवेश में अनुशान बनाये रखना होता है फायदेमंद

निवेश के लिए बहुत ज्यादा पढ़ा लिखा होना जरुरी नहीं है. इक्विटी म्यूचुअल फंड निवेश में यह जरूरी नहीं है कि आप कितना पढ़े लिखे हैं, बल्कि जरूरी है अनुशासित या सिस्टमेटिक तरीके से निवेश करते रहें. लंबी अवधि के लिए यह अनुशासन बनाये रखें. यह बूंद-बूंद से सागर बनाने में (बड़ी पूंजी बनाने में) सफल साबित होता है. एक सच्ची घटना है. अमेरिका की एक बड़े इन्वेस्टमेंट बैंक में काम करने वाली एक साधारण महिला स्टेनो (स्टॉफ) नौकरी शुरू करते ही निवेश करना शुरू कर देती है. जब रिटायर होती है, तब उसके पास एक बड़ा पूंजी बन जाती है. वह अपनी पूंजी से 50 करोड़ डॉलर एक ट्रस्ट को दान कर देती है. वहीं, दूसरी तरफ उसी कंपनी की उच्च शिक्षा प्राप्त एमडी मेरिल लिंच अपनी कंपनी के लिए दिवालिया फाइल करती हैं और बैंक ऑफ अमेरिका के हाथ बिक जाती है. यह घटना सितंबर 2008 की है.

आयकर की देनदारी को समझकर निवेश की योजना बनाएं

निवेश पर लगने वाले टैक्स के लिए योजना जरूर बनायें. इक्विटी निवेश पर एक साल के बाद एक लाख तक की आमदनी पर टैक्स नहीं देना होता है. लेकिन एक लाख से अधिक की आय पर टैक्स देना ही पड़ता है. ऐसे में अगर आप अपने निवेश को घर के किसी भी व्यक्ति जिनका उम्र 18 वर्ष से ऊपर है, पैन और आधार है, तो आपको उनके नाम पर निवेश करना चाहिए. आपके निवेश पर कम से कम टैक्स की देनदारी होगी.

एसेट एलोकेशन पर जरूर दें ध्यान

निवेश करते समय एसेट एलोकेशन पर ध्यान देना जरूरी. सभी निवेश एक बास्केट या एसेट क्लास में करने से बचें. इक्विटी अच्छा मुनाफा दे रहा है, तो लालच में आकर सभी निवेश इक्विटी में न करें. अगर बाजार नीचे आ गया, तो आपका नुकसान बड़ा हो सकता है. अलग-अलग मार्केट साइकिल में एक एसेट क्लास दूसरे एसेट क्लास के जोखिम को कम करता है.

(मौर्या एसएंडएसबी प्राइवेट लिमिटेड, पटना के निदेशक शशि चरण पहाड़ी से बातचीत पर आधारित)

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