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Zomato ने वापस लिया वेज फ्लीट का ग्रीन यूनिफॉर्म, कंपनी के सीईओ ने सोशल मीडिया पर बतायी पूरी बात

Zomato ने अपने शाकाहारी फ्लीट को ग्रीन यूनिफॉर्म पहनाने का फैसला वापस ले लिया है. बड़ी बात ये है कि कंपनी के सीईओ ने 24 घंटे के अंदर ये फैसला वापस लिया है. इससे पहले, उन्हें इस फैसले के लिए सोशल मीडिया पर काफी आलोचना झेलनी पड़ी थी. आइये जानते हैं पूरी बात.

Zomato ने एक दिन में ही अपने वेज फ्लीट का ग्रीन यूनिफॉर्म को वापस ले लिया है. जोमैटो के संस्थापक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) दीपिंदर गोयल ने इस बात की घोषणा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लोगों को ये जानकारी दी है. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा है कि हालांकि हम शाकाहारियों के लिए एक बेड़ा जारी रखेंगे, लेकिन हमने हरे रंग का उपयोग करके इस बेड़े के जमीनी अलगाव को दूर करने का निर्णय लिया है. हमारे सभी सवार – हमारा नियमित बेड़ा और शाकाहारियों के लिए हमारा बेड़ा, दोनों ही लाल रंग पहनेंगे. इसका मतलब यह है कि शाकाहारी ऑर्डर के लिए बने बेड़े को जमीन पर पहचाना नहीं जा सकेगा लेकिन ऐप पर दिखाया जाएगा कि आपके शाकाहारी ऑर्डर केवल शाकाहारी बेड़े द्वारा परोसे जाएंगे. इससे यह सुनिश्चित होगा कि हमारे लाल वर्दी वाले डिलीवरी पार्टनर गलत तरीके से नॉन-वेज भोजन से जुड़े नहीं हैं, और किसी विशेष दिन के दौरान किसी भी आरडब्ल्यूए या सोसायटी द्वारा अवरुद्ध नहीं किए गए हैं… हमारे सवारों की शारीरिक सुरक्षा हमारे लिए सर्वोपरि है.

शाकाहारी ग्राहकों के लिए जोमैटो ने शुरु किया था ऑफर

दीपिंदर गोयल ने सोशल नेटवर्किंग मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा कि दुनियाभर में सबसे ज्यादा शाकाहारी जनसंख्या भारत में है. उन्होंने कहा कि नई सेवाएं ऐसे ग्राहकों की प्रतिक्रियाओं के आधार पर शुरू की हैं. दुनिया में सबसे ज्यादा शाकाहारी जनसंख्या प्रतिशत भारत में है और उनसे हमें सबसे महत्वपूर्ण प्रतिक्रिया मिली है कि वे इसको लेकर बहुत गंभीर हैं कि उनका खाना कैसे पकाया जाता है, और उनके भोजन को कैसे लाया जाता है. उन्होंने कहा कि उनकी आहार संबंधी प्राथमिकताओं को हल करने के लिए हम आज 100 प्रतिशत शाकाहारी आहार पसंद करने वाले ग्राहकों के लिए जोमैटो पर ‘शुद्ध शाकाहारी बेड़े’ के साथ ‘शुद्ध शाकाहारी माध्यम’ शुरू कर रहे हैं. दीपिंदर गोयल ने कहा था कि ‘शुद्ध शाकाहारी माध्यम’ में मांसाहारी वस्तुओं की पेशकश करने वाले किसी भी प्रतिष्ठान को छोड़कर, विशेष रूप से शाकाहारी भोजन परोसने वाले रेस्तरां का चयन शामिल है. उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका यह कदम किसी भी धार्मिक या राजनीतिक प्राथमिकताओं के लिए नहीं है.

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जोमैटो के झोलनी पड़ी थी आलोचना

ग्रीन यूनिफॉर्म की घोषणा के बाद, सोशल मीडिया पर काफी बहस छिड़ गयी थी. जोमैटो के सीईओ की सोशल मीडिया पर एक वर्ग ने आलोचना की. हालांकि, दीपिंदर गोयल ने स्पष्ट किया कि ये खाना आपूर्ति करने वाले व्यक्ति विशेष रूप से शुद्ध शाकाहारी रेस्तरां से ऑर्डर वितरित करेंगे और कोई भी मांसाहारी भोजन नहीं संभालेंगे. इसके अलावा, वे हरे रंग का डिब्बा लेकर मांसाहारी रेस्तरां में प्रवेश भी नहीं करेंगे. (भाषा इनपुट के साथ)

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