बुधवार की रात के नौ बजकर 45 मिनट पर दिल्ली से कामाख्या जा रही नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस 130 किमी प्रति घंटा की स्पीड से रघुनाथपुर स्टेशन से गुजर रही थी. ट्रेन जैसे ही रेलवे क्रॉसिंग के पास पहुंची, इंजन सहित पैंट्री कार की बगल की तीन बोगियां बेपटरी हो गयीं. ट्रेन के बेपटरी होने के बाद बिजली तार टूट गया. इससे प्लेटफॉर्म समेत आसपास में अंधेरा पसर गया. देखते-ही-देखते पीछे से तीन और बोगियां बेपटरी हो गयीं. रात के समय स्टेशन यों ही सुनसान रहता है. घटना के वक्त भी वहां लोग नहीं थे. बोगियों के बेपटरी होने के बाद तेज आवाज हुई. आवाज को समझने के लिए लोग घरों से निकले. मगर, बिजली तार टूट जाने के कारण प्लेटफॉर्म समेत पटरियों के पास अंधेरा पसर गया था. इस कारण लोग समझ नहीं पा रहे थे. लोग जब स्टेशन के पास गये, तो देखा कि ट्रेन बेपटरी हो गयी है. लोग बोगियों में से चिल्ला रहे हैं. तभी किसी ने थाने को इसकी सूचना दे दी थी. पुलिस घटनास्थल पर पहुंच गयी. मगर अंधेरा रहने के कारण राहत कार्य शुरू नहीं किया जा सका था. तभी देखते-देखते स्टेशन के आसपास के कैंथी, पोखराहा, राजपुर, ढनढनपुर, भरखरा, रहथुवा, बाबूडेरा, राजपुर और ब्रह्मपुर के ग्रामीण घटनास्थल पर पहुंचे गये. ग्रामीणों ने अपने-अपने मोबाइल की टॉर्च जलायी. देखते-ही-देखते ही 500 से अधिक मोबाइल के टॉर्च घटनास्थल पर जलने लगी. मोबाइल की रोशनी में रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया. इस बीच ग्रामीणों ने फिर जेनरेटर का इंतजाम किया और राहत कार्य में जुट गये. ग्रामीणों ने आसपास की दवा दुकानें खुलवायीं. घायलों को बोगियों से निकालना शुरू किया. फिर आगे प्रशासनिक टीम आयी और राहत कार्य मुकम्मल तौर पर शुरू किया गया.
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Video:रघुनाथपुर में ट्रेन हादसे के बाद देवदूत बनकर आए ग्रामीण, देखें टॉर्चलाइट में कैसे चलाया रेस्क्यू ऑपरेशन
बक्सर के रघुनाथपुर स्टेशन के पास दिल्ली के आनंद विहार टर्मिनल से असम के कामाख्या तक जा रही 12506 नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस के छह डिब्बे पटरी से उतरते हर यात्रियों में चीख पुकार मच गयी. इस दौरान देवदूत बन कर आए ग्रामीणों ने देखिए कैसे लोगों को किया रेस्क्यू
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