West Bengal Election 2021: कोलकाता : पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा महिलाओं मतदाताओं का समर्थन हासिल करने के प्रयास के तहत महिलाओं से जुड़े मुद्दे रेखांकित कर रही हैं. राज्य के कुल मतदाताओं में से महिला मतदाताओं की संख्या करीब 49 प्रतिशत है. भाजपा और तृणमूल कांग्रेस दोनों एक-दूसरे पर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफल होने का आरोप लगा रही हैं.
साथ ही दोनों पार्टियां केंद्र और राज्य में दोनों पार्टियों की संबंधित सरकारों द्वारा महिलाओं के लिए शुरू की गयी विकास संबंधी योजनाओं को भी रेखांकित कर रही हैं. 294 सदस्यीय पश्चिम बंगाल विधानसभा के चुनाव इस साल अप्रैल-मई में होने की संभावना है. राज्य के 7.18 करोड़ मतदाताओं में से 3.15 करोड़ महिलाएं हैं. यह ऐसी संख्या है, जिसकी कोई भी पार्टी अनदेखी नहीं कर सकती.
महिला मतदाताओं पर ध्यान ऐसे समय पर केंद्रित किया जा रहा है, जब आंकड़ों से यह पता चला है कि महिलाओं के चलते बिहार विधानसभा चुनाव के परिणाम एनडीए के पक्ष आये थे. महिला मतदाता ममता बनर्जी नीत तृणमूल कांग्रेस के समर्थन में मजबूती से खड़ी रही हैं, लेकिन वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में उनमें से कई ने भाजपा का समर्थन किया.
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इसके बाद राज्य में सत्ताधारी पार्टी ने उन्हें फिर से लुभाने के लिए कई पहल शुरू की है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 2019 के चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के बाद अपनी सरकार की विकास योजनाओं और भाजपा शासित राज्यों में ‘महिलाओं के खिलाफ अपराधों में वृद्धि’ को उजागर करने के लिए पार्टी के गैर-राजनीतिक मोर्चे ‘बोंगो जननी’ का गठन किया.
महिला एवं बाल विकास मंत्री तथा ‘बोंगो जननी’ महासचिव शशि पांजा ने कहा, ‘तृणमूल कांग्रेस सरकार ने पश्चिम बंगाल में अपने शासन के 10 वर्षों में कन्याश्री जैसी कई विश्व स्तरीय प्रशंसित योजनाओं को लागू किया है, जिनसे महिलाएं और लड़कियां लाभान्वित हुई हैं. हमने महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए क्या किया है, इस पर हमें भाजपा से प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं है.’
महिलाओं के मुद्दों से निबटने में ‘लापरवाह रवैये’ के लिए भाजपा की आलोचना करने के अलावा, बोंगो जननी की पहुंच अभियान के तहत तृणमूल कांग्रेस सरकार की महिला-केंद्रित पहलों जैसे कि ‘स्वास्थ्य साथी’ स्वास्थ्य योजना और बाल विवाह को रोकने के लिए ‘रूपश्री प्रत्यक्ष नकद हस्तांतरण योजना’ को रेखांकित किया जा रहा है.
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तृणमूल कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि बोंगो जननी का गठन भाजपा शासित उत्तर प्रदेश में हाथरस बलात्कार-हत्या की घटना जैसे महिलाओं के खिलाफ जघन्य अपराधों के खिलाफ सामाजिक आंदोलन के लिए माहौल बनाने और उन महिलाओं तक पहुंच बनाने के लिए किया गया है, जो सीधे तौर पर किसी भी राजनीतिक संगठन के साथ जुड़ना नहीं चाहती हैं.
तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद सौगत रॉय ने कहा, ‘भाजपा शासित राज्यों में महिलाओं की स्थिति खुद ही स्थिति बयां करती है.’ तृणमूल कांग्रेस के एक अन्य वरिष्ठ नेता ने अपना नाम गुप्त रखने की शर्त पर कहा कि बोंगो जननी के गठन का एक उद्देश्य वर्ष 2019 के लोकसभा चुनावों के बाद महिलाओं के बीच पार्टी की खोयी हुई जमीन को फिर से हासिल करना था.
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राज्य की महिलाएं 2006-07 तक वामपंथियों के साथ बहुत मजबूती से खड़ी रहीं, लेकिन सिंगूर और नंदीग्राम में भूमि अधिग्रहण विरोधी आंदोलनों के बाद उनका समर्थन ममता बनर्जी के प्रति हो गया. वर्ष 2009 के लोकसभा चुनावों में ज्यादातर महिलाओं ने ममता बनर्जी को वोट दिया. हालांकि, महिलाओं के खिलाफ कुछ अपराधों के चलते शहरी महिला मतदाताओं में उनका आधार कुछ कम हुआ. लेकिन, राज्य के राजनीतिक परिदृश्य में भाजपा के प्रवेश करने से पहले तक उनका ग्रामीण आधार मजबूत रहा.
भाजपा 2019 के चुनावों में तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख चुनौती बनकर उभरी, जिसने राज्य की 42 लोकसभा सीटों में से 18 सीटों पर जीत दर्ज की जो कि तृणमूल कांग्रेस की सीटों से केवल चार कम थीं. सूत्रों ने कहा कि भाजपा ने महिलाओं के वोट शेयर का एक बड़ा हिस्सा छीन लिया. भाजपा अब ‘बलात्कार की बढ़ती घटनाओं’ तथा ‘उत्तर बंगाल और आदिवासी क्षेत्रों से महिलाओं की तस्करी’ को लेकर तृणमूल कांग्रेस को निशाना बना रही है.
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प्रदेश भाजपा महिला मोर्चा प्रमुख अग्निमित्रा पॉल ने कहा, ‘महिलाओं के खिलाफ बलात्कार और अन्य अपराधों में वृद्धि से पता चलता है कि पश्चिम बंगाल में कोई भी महिला सुरक्षित नहीं है. बलात्कार पीड़ितों को मुआवजा भयावह है. क्या तृणमूल कांग्रेस सरकार महिला सम्मान खरीदने की कोशिश कर रही है? वह महिला सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफल रही है.’
राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी महिलाओं के खिलाफ अत्याचार की शिकायतों पर कथित निष्क्रियता के लिए राज्य पुलिस को फटकार लगायी है. भाजपा साथ ही गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों की महिलाओं को एलपीजी कनेक्शन प्रदान करने वाली उज्ज्वला योजना, स्वच्छ भारत अभियान के तहत शौचालय का निर्माण और आयुष्मान भारत योजना के तहत परिवारों को स्वास्थ्य कवर देने वाली केंद्र की पहलों को भी उजागर कर रही है.
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अग्निमित्रा पॉल ने कहा, ‘तृणमूल कांग्रेस सरकार ने राजनीतिक कारणों से आयुष्मान भारत को लागू नहीं किया. महिलाओं को उज्ज्वला योजना और स्वच्छ भारत का लाभ मिला है.’ पार्टी सूत्रों ने कहा कि भाजपा महिला मोर्चा कार्यकर्ताओं द्वारा बूथ स्तर पर विशेष रैलियों पर ध्यान केंद्रित करती है और यह सुनिश्चित करती है कि हर मंडल और बूथ समिति में कम से कम एक महिला सदस्य हो.
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस ने 17 महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था, जबकि भाजपा ने पांच महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया था. वर्ष 2016 के विधानसभा चुनावों के दौरान, तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा की 31 महिला उम्मीदवारों की तुलना में 45 महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था. अगर अंतिम मतदाता सूची में महिला मतदाताओं की संख्या 50 प्रतिशत से अधिक होती है, तो केरल, तमिलनाडु और आंध्रप्रदेश के बाद पश्चिम बंगाल ऐसा रिकॉर्ड रखने वाला चौथा राज्य होगा. राज्य में अंतिम मतदाता सूची इस महीने जारी होने की उम्मीद है.
Posted By : Mithilesh Jha