पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती मामले में माणिक भट्टाचार्य के करीबी माने जाने वाले तापस मंडल से मंगलवार को सीबीआई ने करीब 3 घंटे तक पूछ-ताछ की. यह पहला मौका है जब सीबीआई ने इस मामले में तापस से पूछताछ की है. इससे पहले तापस से ईडी ने कई बार पूछ्ताछ की थी. गौरतलब है कि प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य (Manik Bharacharya) के करीबी माने जाने वाले तापस मंडल (Tapas Mandal ) के सुर बदले बदले नजर आ रहे है . उन्होंने सीबीआई के सामने माणिक की पोल खोल दी है. ऐसे में अब माणिक की परेशानियां बढ़ती नजर आ रही है.
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तापस मंडल मंगलवार की दोपहर करीब साढ़े बारह बजे कोलकाता के निजाम पैलेस पहुंचे थे. वहां सीबीआई ने करीब 3 घंटे तक उनसे पूछताछ की थी. पूछताछ के बाद तापस ने बताया कि मैंने जो ईडी को बताया वहीं मैंने सीबीआई को भी बताया. मैंने ईडी को बताया कि माणिक बाबू के साथ क्या हुआ . मैं 21 करोड़ रुपए का हिसाब पहले ही दे चुका हूं. प्रति छात्र से 5 हजार रुपये लिये जाते थे और उसके बदले उन्हें कोई रसीद भी नहीं दिया जाता था.
तापस मंडल के अनुसार डीएलएड ट्रेनिंग लेने के इच्छुक छात्रों के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए 300 रुपये तय किए गए थे. लेकिन जिन लोगों ने ऑफलाइन एडमिशन लिया, उनसे 5 हजार रुपए लिये जाते थे यानि 4 हजार 700 रुपये अधिक लिया जाता था. जो प्रवेश मूल्य से लगभग 16 गुना अधिक है. इस तरह 41 हजार से अधिक छात्रों से कुल 20 करोड़ 73 लाख रुपये लिए गए थे. गौरतलब है कि डीएलएड की ऑफलाइन प्रवेश प्रक्रिया ईडी की जांच के दायरे में है.
सीबीआई सूत्रों के अनुसार वर्ष 2018 से 2022 तक तीन शैक्षणिक वर्षों में टेट परीक्षा के लिए डीएलएड प्रशिक्षण लेने के इच्छुक छात्रों से नियमित रूप से पैसा लिया जाता था. मूल रूप से डीएलएड ट्रेनिंग के 600 कॉलेजों में ऑफलाइन एडमिशन के लिए पैसे लिए गए थे. माणिक के करीबी माने जाने वाले तापस ने बताया कि ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए 5000 रुपये लिए जाते थे. यह लेनदेन महिषबधान में तापस के एक कार्यालय में हुआ करता था. जो कि माणिक भट्टाचार्य के पास जाता था उसके बाद आगे क्या होता था उसकी जानकारी मेरे पास नहीं है.
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