कोलकाता : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुख्यमंत्रियों की बैठक में राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य से जुड़े कई मुद्दों को उठाया. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र की ओर से ऐसे वक्त में भी राजनीति की जा रही है. राज्य में केंद्रीय टीम भेजे जाने और टीम के रवैये पर भी मुख्यमंत्री ने बैठक में सवाल उठाया.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि संकट का मुकाबला करना सभी की जिम्मेदारी है और ऐसा किया जाता रहेगा, लेकिन फैसला कर लेने के बाद बैठक करने का कोई मतलब नहीं होता. तृणमूल कांग्रेस की ओर से बैठक के संबंध में जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी राज्य कोरोना के खिलाफ युद्ध में जुटे हैं लेकिन विशेषकर बंगाल के साथ भेदभाव हो रहा है. मीडिया के पास आरोप लगाने वाले पत्र क्यों भेजे जा रहे हैं. जहां बंगाल सरकार लगातार काम कर रही है वहीं केंद्रीय मंत्री बैठ कर राजनीति कर रही है. यह संघीय भावना के खिलाफ है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि जितनी भी बैठकें अब तक हुई हैं उनमें उन्होंने राज्य की जरूरतों का जिक्र किया है लेकिन अब तक कोई मदद नहीं मिली है. बंगाल की तुलना अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, नगालैंड या बिहार के साथ नहीं की जा सकती. बंगाल, बांग्लादेश व नेपाल की सीमा के अलावा उत्तर पूर्व क्षेत्र से जुड़ा है. सबकुछ संभालना आसान नहीं है. 10 कोरोना प्रभावित राज्यों में बंगाल सबसे निचले पायदान पर है.
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मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि लॉकडाउन के बाद के चरण के लिए कोई निश्चित योजना केंद्र ने नहीं बनायी है. राज्य, केंद्र के दिशानिर्देशों के मुताबिक काम कर रहे हैं, लेकिन यदि केंद्र एकाएक योजना बदलता है या बगैर किसी पूर्व सूचना के केंद्रीय टीम भेजता है तो राज्य काम करे या फिर केंद्रीय टीमों के साथ बैठक करे.
वह अपील करती हैं कि राज्य पर भरोसा करें. यह विचारों की लड़ाई का वक्त नहीं है. लेकिन जब गुजरात में कुछ होता है या गुजरात में श्रमिकों के अधिकारों को छीन लिया जाता है तब उनसे क्यों सवाल नहीं किया जाता. बंगाल पर क्यों नोटिस भेज कर निशाना साधा जा रहा है. अब जब हवाई और रेल यात्रा शुरू होने की संभावना है, तो वह आने वाले लोगों का स्वागत करेंगी, लेकिन केंद्र भी सुनिश्चित करे कि आने वाले लोगों की स्क्रीनिंग ट्रेन या फ्लाइट में चढ़ने से पहले की गयी है.
एक लाख से अधिक मजदूर राज्य में बसों के जरिये पहुंचे हैं. वह भी झारखंड और सिक्किम में लोगों को भेज रही हैं. कम टेस्टिंग के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले राज्य में केवल चार लैब थे, अब 18 लैब हो गये हैं. लेकिन अभी भी पांच और लैब्रोटरीज की जरूरत है.
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अमित शाह के संबंध में जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली बार उनकी बात हुई थी तो उन्हें (मुख्यमंत्री को) बोलने का मौका नहीं मिला था. लेकिन अमित शाह को पत्र लिखने और फिर उसे प्रेस के पास भेजने की जरूरत क्यों पड़ी. न्यूज में आने के बाद उनसे सवाल पूछे जाने लगे. वह अनुरोध करती हैं कि ऐसा दूसरे राज्यों के साथ न किया जाये. केंद्र जरूर केंद्रीय टीमों को भेज सकता है, लेकिन केंद्रीय टीमें अगर मुख्य सचिव और गृह सचिव से कहती हैं कि आकर उन्हें गाइड करें तो सचिव अपना काम कब करेंगे.
लॉकडाउन की छूट के बाद एक लाख से अधिक लोग राज्य में आये हैं. एक या दो दिन में इतने लोगों की जांच कैसे की जा सकती है. भारत-बांग्लादेश सीमा के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय लोग नहीं चाहते कि सीमा को व्यापार के लिए खोला जाये क्योंकि बांग्लादेश में कोविड मामले अधिक हैं. लेकिन मालगाड़ी चलाये जाने के पक्ष में वह हैं और सहयोग करेंगी.
ममता बनर्जी ने आने वाले श्रमिकों से कोई पैसा न लेने के लिए अमित शाह से अनुरोध किया. उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र के पास बंगाल का 52,972 करोड़ रुपये बकाया है. इसे दिया जाये. उन्होंने कहा कि यह सभी को पता है कि यह वायरस बाहर से आया है और जब हम अन्य देशों पर उंगली नहीं उठा रहे तो हम अपने ही राज्यों और अपने ही लोगों के साथ ऐसा क्यों कर रहे हैं.