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West Bengal News: शैलेश पांडेय दो भाईयों के साथ ओड़िशा से गिरफ्तार, गुजरात से पकड़ा गया मददगार

West Bengal News: पुलिस ने वहां लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज खंगाले. फुटेज में अरविंद, शैलेश की कार में अपनी मां के साथ निकलते हुए दिखा, जबकि शैलेश पैदल ही फ्लैट से बाहर गया. पुलिस को इनके फरार होने का शक हुआ.

West Bengal News: फॉरेक्स ट्रेडिंग कोर्स कराने एवं इसके जरिए मोटी आमदनी का लालच देकर लोगों से करोड़ों रुपये ठगने के मामले में कोलकाता पुलिस के एंटी बैंक फ्रॉड की टीम ने मुख्य आरोपी शैलेश कुमार पाण्डेय (49) समेत उसके दो भाइयों अरविंद कुमार पाण्डेय (35) और रोहित पाण्डेय (29) को गुरुवार रात में ओड़िशा के राउरकेला से गिरफ्तार कर लिया. तीनों हावड़ा के शिवपुर स्थित अपने फ्लैट से फरार होकर ओड़िशा में अपने रिश्तेदार के घर में छिपे थे.

प्रसेनजीत दास को अहमदाबाद से दबोचा गया

वहीं, तीनों से पूछताछ के बाद पुलिस ने उनके सहयोगी प्रसेनजीत दास (42) को भी गुजरात (Gujarat) के अहमदाबाद (Ahmedabad) से दबोच लिया. चारों आरोपियों को पुलिस ने शुक्रवार को बैंकशाल कोर्ट में पेश किया. कोर्ट ने सभी को एक नवंबर तक पुलिस हिरासत में भेजने का निर्देश दिया. शैलेश पाण्डेय मूल रूप से बिहार के आरा जिले का रहने वाला है.

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इस तरह से हुई गिरफ्तारी

जानकारी के अनुसार, गत रविवार को पुलिस टीम शैलेश के हावड़ा स्थित फ्लैट में पहुंची. वहां पता चला कि उनके पहुंचने के एक घंटे पहले ही दोनों भाई अपनी मां के साथ कहीं निकल गये. इसके बाद पुलिस ने वहां लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज खंगाले. फुटेज में अरविंद, शैलेश की कार में अपनी मां के साथ निकलते हुए दिखा, जबकि शैलेश पैदल ही फ्लैट से बाहर गया. पुलिस को इनके फरार होने का शक हुआ.

सबसे पहले टोल प्लाजा पर की गयी पड़ताल

इस क्रम में पुलिस ने सबसे पहले टोल प्लाजा जाकर जांच-पड़ताल की. वहां पता चला कि तीनों भाई अपनी मां के साथ एक कार में सवार होकर ओड़िशा की तरफ निकले हैं. फिर पुलिस उनकी तलाश में जुट गयी. जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि तीनों भाई ओड़िशा के राउरकेला में रहनेवाले अपने एक रिश्तेदार के घर पर छिपे हैं. इसके बाद कोलकाता पुलिस की टीम ओड़िशा रवाना हुई. पुलिसकर्मी पाण्डेय ब्रदर्स को दबोचने के लिए कुरियर कंपनी का डिलिवरी ब्वॉय बनकर उनके रिश्तेदार के घर पार्सल देने पहुंचे. गेट का दरवाजा खुलते ही पुलिसकर्मी अंदर घुस गये और तीनों भाइयों को गिरफ्तार कर लिया.

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खाता खुलवाने में मददगार बना शख्स गुजरात से पकड़ा गया

तीनों आरोपियों से पूछताछ के क्रम में पुलिस को पता चला कि नये-नये बैंक अकाउंट खुलवाने की जिम्मेदारी इनके साथी प्रसेनजीत दास की थी. इसके बाद पुलिस ने प्रसेनजीत को अहमदाबाद से गिरफ्तार कर लिया.

207 करोड़ के ट्रांजैक्शन का हुआ है खुलासा

कोलकाता पुलिस के उपायुक्त (साइबर क्राइम विभाग) प्रवीण प्रकाश ने बताया कि ठगी के इस गोरखधंधे में इनके साथ और कौन-कौन जुड़े हैं, इनके बैंक अकाउंट में जो 207 करोड़ रुपये के ट्रांजेक्शन का पता चला है, उनमें से बरामद राशि के अलावा बाकी रुपये कहां छिपाकर रखे गये हैं. इन सभी सवालों का जवाब जानने के लिए चारों आरोपियों से पूछताछ की जा रही है.

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